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Adani vs Hindenburg: रूसी बैंक से कर्ज लेने के लिए अडाणी ग्रुप ने गिरवी रखे स्टेक, कीमत जानकर होंगे हैरान! - हिंडनबर्ग

अडाणी ग्रुप पर फोर्ब्स ने एक बड़ा खुलासा किया है. रिपोर्ट के अनुसार गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी के बारे में खुलासा किया गया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ग्रुप ने रूस की एक बैंक से लोन लेने के लिए प्रमोटर की हिस्सेदारी को गिरवी रखा है.

Adani vs Hindenburg
अडाणी ग्रुप
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Published : Feb 18, 2023, 10:38 AM IST

Updated : Feb 18, 2023, 12:01 PM IST

नई दिल्ली: अमेरिकी शार्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग 24 जनवरी को अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी करती है. इसके बाद से ही Adani Group की मुश्किलें शुरु हुई. जो आज तक जारी है. Hindenburg की रिपोर्ट के बाद इस मामले पर न्यूज एजेंसी फोर्ब्स ने भी एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी को लेकर बड़ा दावा किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि Vinod Adani ने एक प्राइवेट कंपनी की सिंगापुर यूनिट से रुसी बैंक से कर्ज लेने के लिए 240 मिलियन डॉलर के अडाणी प्रमोटर स्टेक को गिरवी रखा है. सिंगापुर की इस कंपनी की यूनिट का संचालन विनोद अडाणी करते है. गौरतलब है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को Forbes ने भी रिट्वीट किया है.

  • Forbes is out with a major article evidencing hidden Adani promoter pledges:

    A private Vinod Adani-controlled Singaporean entity pledged Adani promoter stakes for ~$240m in loans from a Russian bank.

    Zero disclosure of these pledges to Indian exchanges.https://t.co/7iYyKmMNc8

    — Hindenburg Research (@HindenburgRes) February 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कैसे हुई डील : साल 2020 में, विनोद अडाणी द्वारा अप्रत्यक्ष रुप से नियंत्रित सिंगापुर की कंपनी Pinnacle Trade and Investment Pte.Lte. ने रुसी सरकारी बैंक VTB के साथ एक लोन एग्रामेंट किया था. जिसे रसिया-यूक्रेन वॉर के कारण अमेरिका ने पिछले साल मंजूरी भी दे दी थी. इसके बाद साल 2021 में Pinnacle कंपनी ने 263 मिलियन डॉलर का उधार लिया और एक बिना नाम के संबंधित पार्टी को 258 मिलियन डॉलर उधार दे दिए. फोर्ब्स की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साल 2021 के बाद पीनेकल ने दो निवेश फंडो- Afro Asia Trade & Investment Limited और Worldwide Emerging Markets Holding Limited को कर्ज के लिए गारंटर के रुप में पेश किया. ये दोनों फंड अडाणी ग्रुप के बड़े शेयरहॉल्डर हैं.

पढ़ें : Hindenburg Research Report: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप को झटका, शेयर्स को बताया 85% ओवरवैल्यूड

हिंडनबर्ग रिपोर्ट में विनोद अडाणी पर आरोप: विनोद अडाणी जो अध्यक्ष के रुप में कम और गौतम अडाणी के बड़े भाई के रुप में ज्यादा जाने जाते हैं. इनका नाम हिंनडनबर्ग की रिपोर्ट में 151 बार उल्लेख किया गया है. जो किसी और की तुलना में अधिक है. ऐसा इसलिए है क्योंकि विनोद अडाणी offshores shell companies में प्रबंधन का काम करते हैं. जो इस घोटाले के केंद्र में प्रतीत होता हैं. वो दुबई में रहते हैं और वहीं से सिंगापुर व जकार्ता के बिजनेस को मैंनेज करते हैं. गौरतलब है कि Vinod Adani का नाम साल 2016 में पनामा पेपर्स लीक में और साल 2021 में पेंडोरा पेपर्स के मामले में भी आया है. हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार वह दुनिया के सबसे अमीर नॉन रेजिडेंस इंडियन (NRI) हैं.

पढ़ें : Adani Enterprises calls off FPO : हम नहीं चाहते निवेशकों का नुकसान हो : गौतम अडाणी

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर : हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने गौतम अडाणी, उनके परिवार के साम्राज्य और भारतीय व्यापार और राजनीतिक जीवन को घेर लिया है. इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद से ही गौतम अडाणी की मुश्किलें शुरू हो गई जो आज भी जारी है. इस रिपोर्ट के कारण अडाणी ग्रुप का मार्केट कैप आधा हो चुका है. फोर्ब्स बिलेनियर की रिपोर्ट के अनुसार उनकी नेट वर्थ 51.1 बिलियन डॉलर रह गई है. इसी के साथ वह दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में 24वें पायदान पर खिसक गए. जो कभी दुनिया के सबसे अमीर शख्स की लिस्ट में दूसरे या तीसरे नंबर पर रहते थे. हालांकि Adani Group ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को बेबुनियाद बताया है और इसके खिलाफ कानूनी कर्रवाई कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में भी अडाणी मामले को लेकर सुनवाई चल रही है.

पढ़ें : Gautam Adani:अडाणी समूह की कंपनियों ने एसबीआई के पास अतिरिक्त शेयर रखे गिरवी

पढ़ें : Gautam Adani Family : अडाणी ग्रुप की कंपनी में अपनों का ही बोलबाला ?

पढ़ें : Adani Power : अडाणी ग्रुप को झटका, डीबी पावर प्लांट की डील निकली हाथ से

पढ़ें : Congress Leader Writ on Adani Hindenburg Crisis : सुप्रीम कोर्ट कोर्ट पहुंचे कांग्रेस नेता, शेयरों के रेट पर सवालिया निशान

पढ़ें : Choronology of Adani Saga: अर्श से फर्श तक अडाणी के शेयर, जानें बीते दस दिनों में क्यों टूटा इंनवेस्टर्स का भरोसा

नई दिल्ली: अमेरिकी शार्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग 24 जनवरी को अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी करती है. इसके बाद से ही Adani Group की मुश्किलें शुरु हुई. जो आज तक जारी है. Hindenburg की रिपोर्ट के बाद इस मामले पर न्यूज एजेंसी फोर्ब्स ने भी एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी को लेकर बड़ा दावा किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि Vinod Adani ने एक प्राइवेट कंपनी की सिंगापुर यूनिट से रुसी बैंक से कर्ज लेने के लिए 240 मिलियन डॉलर के अडाणी प्रमोटर स्टेक को गिरवी रखा है. सिंगापुर की इस कंपनी की यूनिट का संचालन विनोद अडाणी करते है. गौरतलब है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को Forbes ने भी रिट्वीट किया है.

  • Forbes is out with a major article evidencing hidden Adani promoter pledges:

    A private Vinod Adani-controlled Singaporean entity pledged Adani promoter stakes for ~$240m in loans from a Russian bank.

    Zero disclosure of these pledges to Indian exchanges.https://t.co/7iYyKmMNc8

    — Hindenburg Research (@HindenburgRes) February 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कैसे हुई डील : साल 2020 में, विनोद अडाणी द्वारा अप्रत्यक्ष रुप से नियंत्रित सिंगापुर की कंपनी Pinnacle Trade and Investment Pte.Lte. ने रुसी सरकारी बैंक VTB के साथ एक लोन एग्रामेंट किया था. जिसे रसिया-यूक्रेन वॉर के कारण अमेरिका ने पिछले साल मंजूरी भी दे दी थी. इसके बाद साल 2021 में Pinnacle कंपनी ने 263 मिलियन डॉलर का उधार लिया और एक बिना नाम के संबंधित पार्टी को 258 मिलियन डॉलर उधार दे दिए. फोर्ब्स की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साल 2021 के बाद पीनेकल ने दो निवेश फंडो- Afro Asia Trade & Investment Limited और Worldwide Emerging Markets Holding Limited को कर्ज के लिए गारंटर के रुप में पेश किया. ये दोनों फंड अडाणी ग्रुप के बड़े शेयरहॉल्डर हैं.

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हिंडनबर्ग रिपोर्ट में विनोद अडाणी पर आरोप: विनोद अडाणी जो अध्यक्ष के रुप में कम और गौतम अडाणी के बड़े भाई के रुप में ज्यादा जाने जाते हैं. इनका नाम हिंनडनबर्ग की रिपोर्ट में 151 बार उल्लेख किया गया है. जो किसी और की तुलना में अधिक है. ऐसा इसलिए है क्योंकि विनोद अडाणी offshores shell companies में प्रबंधन का काम करते हैं. जो इस घोटाले के केंद्र में प्रतीत होता हैं. वो दुबई में रहते हैं और वहीं से सिंगापुर व जकार्ता के बिजनेस को मैंनेज करते हैं. गौरतलब है कि Vinod Adani का नाम साल 2016 में पनामा पेपर्स लीक में और साल 2021 में पेंडोरा पेपर्स के मामले में भी आया है. हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार वह दुनिया के सबसे अमीर नॉन रेजिडेंस इंडियन (NRI) हैं.

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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर : हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने गौतम अडाणी, उनके परिवार के साम्राज्य और भारतीय व्यापार और राजनीतिक जीवन को घेर लिया है. इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद से ही गौतम अडाणी की मुश्किलें शुरू हो गई जो आज भी जारी है. इस रिपोर्ट के कारण अडाणी ग्रुप का मार्केट कैप आधा हो चुका है. फोर्ब्स बिलेनियर की रिपोर्ट के अनुसार उनकी नेट वर्थ 51.1 बिलियन डॉलर रह गई है. इसी के साथ वह दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में 24वें पायदान पर खिसक गए. जो कभी दुनिया के सबसे अमीर शख्स की लिस्ट में दूसरे या तीसरे नंबर पर रहते थे. हालांकि Adani Group ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को बेबुनियाद बताया है और इसके खिलाफ कानूनी कर्रवाई कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में भी अडाणी मामले को लेकर सुनवाई चल रही है.

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Last Updated : Feb 18, 2023, 12:01 PM IST
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