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Financial Planning: फाइनेंशियल प्लानिंग का यह फॉर्मूला समझ लिया तो कभी नहीं होगी दिक्कत

Financial Planning: मुश्किल समय के लिए सेविंग करना काफी जरूरी होता है. लेकिन हम में से कई लोग अपनी आमदनी का 10 प्रतिशत भी अपनी सेविंग के लिए नहीं जमा कर पाते हैं. ऐसे में हम सभी को फाइनेंशियल प्लानिंग करने की जरूरत है. फाइनेंशियल प्लानिंग का सबसे आसान नियम 50-30-20 है. पढ़िए पूरी खबर... (financial planning tips, 50 30 20 rule in financial planning )

Financial Planning
फाइनेंसियल प्लानिंग
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 22, 2023, 11:25 AM IST

Updated : Oct 27, 2023, 5:26 PM IST

हैदराबाद : मुश्किल वक्त के लिए हमारे पास बचत होनी काफी जरूरी है. क्योंकि बुरा वक्त कभी बोलकर नहीं आता. इसलिए इन सभी से बचने के लिए जरूरी है एक नियम के तहत फाइनेंसियल प्लानिंग करना. तो ऐसे कई नियम हैं जिनका उपयोग कोई भी व्यक्ति अपने वित्त और निवेश की योजना बनाने में मदद के लिए कर सकता है. लेकिन फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) के लिए 50-30-20 का नियम काफी अंनूठा है. अगर आप इस नियम का उपयोग करते हैं तो ये आपको फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) करने में काफी मददगार साबित हो सकता है. इस मेथड के जरिए आप ये तय कर सकते हैं कि एक महीने में कितनी बचत करनी है और कितना खर्च करना है.

Financial Planning
फाइनेंसियल प्लानिंग

क्या है 50-30-20 रूल ?

बता दें, इस रूल के तहत आपके वित्त को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. जरूरत, बचत और चाहत. इस रूल में आपको अपनी आमदनी का 50 प्रतिशत घरेलू खर्च, किराने का सामान जैसे जीवन-यापन के जरूरतों पर खर्च करना चाहिए. उसके बाद 20 प्रतिशत बचत पर, जिसमें आपकी शार्ट मीडियम और लॉन्ग टर्म गोल्स शामिल हो, और 30 प्रतिशत खर्च अपनी इच्छाओं के लिए करनी चाहिए जिसमें सैर-सपाटा, भोजन और यात्रा शामिल है. वहीं, आप अपनी उम्र और परिस्थिति के अनुसार भविष्य में इस प्रतिशत में बदलाव भी कर सकते हैं.

Financial Planning
फाइनेंसियल प्लानिंग

कैसे करें 50-30-20 रूल का उपयोग?

इस नियम के तहत सबसे पहले, अपनी मंथली इनकम की गणना करें और फिर अपने खर्च को अपनी जरूरतों, चाहतों और बचत तीन भागों में बांटें. प्रत्येक कैटेगरी के लिए खर्च लिमिट क्रमशः 50 प्रतिशत, 30 प्रतिशत और 20 प्रतिशत होनी चाहिए. उदाहरण के लिए समझिए अगर आप हर महीने 80,000 रुपये कमाते हैं, तो आप अपनी जरूरतों के लिए 40,000 रुपये, अपनी इच्छाओं के लिए 25,000 रुपये और अपनी बचत और निवेश के लिए 15,000 रुपये आवंटित करिए. अगर आपको लगता है कि एक कैटेगरी के लिए आपका खर्च सीमा से कुछ ज्यादा है, तो 50/30/20 नियम पर टिके रहने के लिए अपने खर्च को दूसरी कैटेगरी में एडजस्ट कर सकते हैं.

अपनी सेविंग पर दें ध्यान

हम सभी को हमेशा अपनी सेविंग पर ध्यान देना चाहिए. अगर हम हर महिने एक सेविंग अमाउंट फिक्सड करते हैं तो हम अपने फाइनेंशियल खर्चों को सही से मैनैज कर सकते हैं और आने वाले मुश्किल वक्त का भी डटकर सामना कर सकते हैं.

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फाइनेंसियल प्लानिंग

क्या है 50-30-20 रूल ?

बता दें, इस रूल के तहत आपके वित्त को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. जरूरत, बचत और चाहत. इस रूल में आपको अपनी आमदनी का 50 प्रतिशत घरेलू खर्च, किराने का सामान जैसे जीवन-यापन के जरूरतों पर खर्च करना चाहिए. उसके बाद 20 प्रतिशत बचत पर, जिसमें आपकी शार्ट मीडियम और लॉन्ग टर्म गोल्स शामिल हो, और 30 प्रतिशत खर्च अपनी इच्छाओं के लिए करनी चाहिए जिसमें सैर-सपाटा, भोजन और यात्रा शामिल है. वहीं, आप अपनी उम्र और परिस्थिति के अनुसार भविष्य में इस प्रतिशत में बदलाव भी कर सकते हैं.

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कैसे करें 50-30-20 रूल का उपयोग?

इस नियम के तहत सबसे पहले, अपनी मंथली इनकम की गणना करें और फिर अपने खर्च को अपनी जरूरतों, चाहतों और बचत तीन भागों में बांटें. प्रत्येक कैटेगरी के लिए खर्च लिमिट क्रमशः 50 प्रतिशत, 30 प्रतिशत और 20 प्रतिशत होनी चाहिए. उदाहरण के लिए समझिए अगर आप हर महीने 80,000 रुपये कमाते हैं, तो आप अपनी जरूरतों के लिए 40,000 रुपये, अपनी इच्छाओं के लिए 25,000 रुपये और अपनी बचत और निवेश के लिए 15,000 रुपये आवंटित करिए. अगर आपको लगता है कि एक कैटेगरी के लिए आपका खर्च सीमा से कुछ ज्यादा है, तो 50/30/20 नियम पर टिके रहने के लिए अपने खर्च को दूसरी कैटेगरी में एडजस्ट कर सकते हैं.

अपनी सेविंग पर दें ध्यान

हम सभी को हमेशा अपनी सेविंग पर ध्यान देना चाहिए. अगर हम हर महिने एक सेविंग अमाउंट फिक्सड करते हैं तो हम अपने फाइनेंशियल खर्चों को सही से मैनैज कर सकते हैं और आने वाले मुश्किल वक्त का भी डटकर सामना कर सकते हैं.

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Last Updated : Oct 27, 2023, 5:26 PM IST
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