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G20 Summit: रिनेबल एनर्जी के लिए हर साल 4,000 डॉलर निवेश की जरूरत, ये है प्लान

दिल्ली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में शामिल नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई. जिसमें समावेशी वृद्धि, जलवायु लक्ष्यों और क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजी समेत वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए नीतियां बनाना तक शामिल है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2023, 7:59 PM IST

नई दिल्ली : जी20 नेताओं ने शनिवार को दुनिया में असमान आर्थिक पुनरुद्धार से निपटने के लिए एक मजबूत, टिकाऊ और समावेशी वृद्धि का आह्वान किया. वैश्विक नेताओं ने देशों को अपने जलवायु लक्ष्यों और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को पूरा करने के लिए हर साल 4,000 अरब डॉलर की जरूरत को चिन्हित किया.

भारत की अध्यक्षता में आयोजित दुनिया की शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के शिखर सम्मेलन में अपनाए गए नई दिल्ली घोषणापत्र (नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन) में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार, निम्न और मध्यम आय वाले देशों की ऋण कमजोरियों का प्रबंधन और कर-संबंधित जानकारी के आदान-प्रदान की शुरुआत का भी आह्वान किया गया. इसके अलावा 2027 तक क्रिप्टो संपत्तियों पर कर संबंधित सूचनाओं का आदान प्रदान करने की बात भी कही गई.

जलवायु लक्ष्य पूरा करने के लिए प्लानिंग
घोषणा पत्र में कोयला आधारित बिजली को चरणबद्ध तरीके से कम करने, अकुशल जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने और विकासशील देशों के ऊर्जा संक्रमण के लिए कम लागत वाले वित्तपोषण के प्रयासों में तेजी लाने का आह्वान किया गया. इसमें कहा गया कि विकासशील देशों को अपने जलवायु लक्ष्यों के लिए 2030 से पहले करीब 5800 अरब डॉलर की जरूरत होगी.

  • #WATCH | G 20 in India | Mentioning the key achievements of the Indian Presidency in the finance track on Crypto Assets, Finance Minister Nirmala Sitharaman says, "...The global push for clearer policy on crypto assets has gained momentum under the Indian presidency and the… pic.twitter.com/42OT1TV1nc

    — ANI (@ANI) September 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

2050 तक हर साल 4,000 अरब डॉलर निवेश की जरूरत
इसके अलावा दुनिया को 2050 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने के लिए 2030 तक प्रति वर्ष 4,000 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी. घोषणा पत्र के मुताबिक व्यापक संकटों ने दीर्घकालिक वृद्धि के लिए चुनौतियां पैदा की हैं और इसमें चुनौती का मुकाबला करने और दीर्घकालिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अच्छी तरह से तैयार व्यापक आर्थिक और संरचनात्मक नीतियों का आह्वान किया गया.

  • #WATCH | G-20 in India: PM Narendra Modi launches 'Global Biofuels Alliance' in the presence of US President Joe Biden, President of Brazil Luiz Inacio, President of Argentina, Alberto Fernández and Prime Minister of Italy Giorgia Meloni. pic.twitter.com/fPpm77ONax

    — ANI (@ANI) September 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वित्तीय स्थिरता के लिए नीतियां बनाई जाएंगी
इसमें कहा गया, 'हम समान वृद्धि को बढ़ावा देकर और व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को बढ़ाकर कमजोर लोगों की रक्षा करेंगे.' वैश्विक वित्तीय स्थितियों में उल्लेखनीय सख्ती, जो ऋण कमजोरियों, लगातार मुद्रास्फीति और भू-आर्थिक तनाव को बदतर बना सकता है, के चलते जोखिमों का संतुलन नीचे की ओर झुका हुआ है. समूह ने कहा कि हम अच्छी तरह से तैयार मौद्रिक, राजकोषीय, वित्तीय और संरचनात्मक नीतियों की जरूरत को दोहराते हैं. इसके लिए वृद्धि को बढ़ावा देने, असमानताओं को कम करने और व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए नीतियां बनाई जाएंगी.

ये भी पढ़ें-

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : जी20 नेताओं ने शनिवार को दुनिया में असमान आर्थिक पुनरुद्धार से निपटने के लिए एक मजबूत, टिकाऊ और समावेशी वृद्धि का आह्वान किया. वैश्विक नेताओं ने देशों को अपने जलवायु लक्ष्यों और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को पूरा करने के लिए हर साल 4,000 अरब डॉलर की जरूरत को चिन्हित किया.

भारत की अध्यक्षता में आयोजित दुनिया की शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के शिखर सम्मेलन में अपनाए गए नई दिल्ली घोषणापत्र (नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन) में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार, निम्न और मध्यम आय वाले देशों की ऋण कमजोरियों का प्रबंधन और कर-संबंधित जानकारी के आदान-प्रदान की शुरुआत का भी आह्वान किया गया. इसके अलावा 2027 तक क्रिप्टो संपत्तियों पर कर संबंधित सूचनाओं का आदान प्रदान करने की बात भी कही गई.

जलवायु लक्ष्य पूरा करने के लिए प्लानिंग
घोषणा पत्र में कोयला आधारित बिजली को चरणबद्ध तरीके से कम करने, अकुशल जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने और विकासशील देशों के ऊर्जा संक्रमण के लिए कम लागत वाले वित्तपोषण के प्रयासों में तेजी लाने का आह्वान किया गया. इसमें कहा गया कि विकासशील देशों को अपने जलवायु लक्ष्यों के लिए 2030 से पहले करीब 5800 अरब डॉलर की जरूरत होगी.

  • #WATCH | G 20 in India | Mentioning the key achievements of the Indian Presidency in the finance track on Crypto Assets, Finance Minister Nirmala Sitharaman says, "...The global push for clearer policy on crypto assets has gained momentum under the Indian presidency and the… pic.twitter.com/42OT1TV1nc

    — ANI (@ANI) September 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

2050 तक हर साल 4,000 अरब डॉलर निवेश की जरूरत
इसके अलावा दुनिया को 2050 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने के लिए 2030 तक प्रति वर्ष 4,000 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी. घोषणा पत्र के मुताबिक व्यापक संकटों ने दीर्घकालिक वृद्धि के लिए चुनौतियां पैदा की हैं और इसमें चुनौती का मुकाबला करने और दीर्घकालिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अच्छी तरह से तैयार व्यापक आर्थिक और संरचनात्मक नीतियों का आह्वान किया गया.

  • #WATCH | G-20 in India: PM Narendra Modi launches 'Global Biofuels Alliance' in the presence of US President Joe Biden, President of Brazil Luiz Inacio, President of Argentina, Alberto Fernández and Prime Minister of Italy Giorgia Meloni. pic.twitter.com/fPpm77ONax

    — ANI (@ANI) September 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वित्तीय स्थिरता के लिए नीतियां बनाई जाएंगी
इसमें कहा गया, 'हम समान वृद्धि को बढ़ावा देकर और व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को बढ़ाकर कमजोर लोगों की रक्षा करेंगे.' वैश्विक वित्तीय स्थितियों में उल्लेखनीय सख्ती, जो ऋण कमजोरियों, लगातार मुद्रास्फीति और भू-आर्थिक तनाव को बदतर बना सकता है, के चलते जोखिमों का संतुलन नीचे की ओर झुका हुआ है. समूह ने कहा कि हम अच्छी तरह से तैयार मौद्रिक, राजकोषीय, वित्तीय और संरचनात्मक नीतियों की जरूरत को दोहराते हैं. इसके लिए वृद्धि को बढ़ावा देने, असमानताओं को कम करने और व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए नीतियां बनाई जाएंगी.

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(पीटीआई-भाषा)

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