मुंबई : ब्रिटेन में कोविड-19 महामारी के नए किस्म का वायरस सामने आने को लेकर घबराहट बढ़ने के बीच सोमवार को सेंसेक्स 1,407 अंक का गोता लगा गया. वैश्विक बाजारों में जबर्दस्त बिकवाली का सिलसिला चलने से स्थानीय बाजारों की धारणा भी बुरी तरह प्रभावित हुई. इससे अगले साल के दौरान अर्थव्यवस्थाओं में पुनरूत्थान की संभावना को झटका लग सकता है.
कारोबारियों ने कहा कि रुपये में भारी गिरावट और हालिया तेजी के बाद दलाल पथ पर बिकवाली दबाव से बाजार नीचे आ गए. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,406.73 अंक यानी तीन प्रतिशत के नुकसान से 45,553.96 अंक पर आ गया.
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 432.15 अंक यानी 3.14 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 13,328.40 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स के सभी शेयर नुकसान में रहे. ओएनजीसी के शेयर में सबसे अधिक 9.15 प्रतिशत की गिरावट आई. इंडसइंड बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एबसीआई, एनटीपीसी, आईटीसी, एक्सिस बैंक और पावरग्रिड के शेयर भी 6.98 प्रतिशत तक टूट गए.
इस गिरावट के बाद बीएसई की सभी सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 6.59 लाख करोड़ रुपये घटकर 178.79 लाख करोड़ रुपये रह गया.
ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि कोविड-19 का नए किस्म का वायरस 70 प्रतिशत अधिक संक्रामक है. इससे यूरोपीय बाजारों में गिरावट आई. वहीं निवेश के सुरक्षित विकल्प सोने की चमक बढ़ी. अमेरिकी डॉलर भी मजबूत हुआ.
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फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया और इटली सहित कई यूरोपीय देशों ने ब्रिटेन से उड़ानों पर रोक लगा दी है. ब्रिटिश सरकार ने चेताया है कि वायरस का नया प्रकार ‘बेकाबू’ है. ब्रिटेन ने रविवार से लंदन और अन्य क्षेत्रों में सख्त लॉकडाउन लगा दिया है.
भारत ने भी 23 से 31 दिसंबर तक ब्रिटेन से भी उड़ानों को स्थगित कर दिया है.
शेयरखान बाय बीएनपी परिबा के शोध प्रमुख संजीव होता ने कहा कि ब्रिटेन में वायरस की नयी किस्म से घबराहट बढ़ी है. इससे भारतीय शेयर बाजार टूट गए. इसके अलावा ब्रेक्जिट वार्ता में गतिरोध की वजह से नकारात्मक धारणा बढ़ी है. आगे छुट्टियों की वजह से भी बाजार में आज बड़ी गिरावट आई.
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संजीव होता ने कहा कि निकट भविष्य में बाजार में और उतार-चढ़ाव रहेगा. हालांकि, तेजी के सिलसिले के बाद ‘करेक्शन’ एक अच्छा संकेत होता है और इससे निवेश के उद्देश्य से गुणवत्ता वाले शेयर जोड़ने का अवसर मिलता है.
बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप भी 4.57 प्रतिशत तक टूट गए. शुरुआती कारोबार पेरिस, फ्रैंकफर्ट और लंदन के बाजार 2.50 प्रतिशत तक नुकसान में थे.
अन्य एशियाई बाजारों में हांगकांग के हैंगसेंग और जापान के निक्की में गिरावट आई. वहीं चीन के शंघाई कम्पोजिट और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में मामूली बढ़त दर्ज हुई.
अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 5.30 प्रतिशत टूटकर 49.49 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया. वहीं अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 23 पैसे टूटकर 73.79 प्रति डॉलर पर आ गया.