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भारत का रूस से हथियारों का आयात 24 प्रतिशत घटा

एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत के हथियार आयात में पिछले चार सालों में रूस की हिस्सेदारी 24 प्रतिशत तक घटी है. 2009-13 के 76 फीसदी की तुलना में 2014-18 के दौरान यह घटकर 58 फीसदी ही रह गई है.

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Published : Mar 11, 2019, 5:56 PM IST

वाशिंगटन : हथियार बाजार पर एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत के हथियारों के आयात में पिछले चार साल में रूस की हिस्सेदारी घटी है. एक रिपोर्ट के अनुसार 2009-13 के बीच देश के कुल हथियार आयात में रूस से आयातित हथियारों की हिस्सेदारी 76 फीसदी थी, जो 2014-18 में घटकर 58 फीसदी रह गई.

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपरी) की 'अंतरराष्ट्रीय हथियार लेन-देन का रुख-2018' रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी कोशिश हथियारों के मामले में देश की आयात पर निर्भरता को खत्म करना है.

रिपोर्ट के अनुसार 2009-13 के मुकाबले 2014-18 में देश में हथियारों का आयात 24 प्रतिशत तक घटा है. आयात के आंकड़ों में कमी की एक अहम वजह विदेशी हथियारों की आपूर्ति में देरी होना भी है. जैसे कि रूस को लड़ाकू विमान का ऑर्डर 2001 में और फ्रांस को पनडुब्बी का ऑर्डर 2008 में दिया गया था.

हालांकि इन सबके बावजूद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक है. वैश्विक हथियार आयात में भारत का हिस्सा साढ़े नौ प्रतिशत के करीब है. वित्त वर्ष 2014-18 के बीच अमेरिका और फ्रांस से भारत को हथियारों का निर्यात बढ़ा है.
(भाषा)
पढ़ें : इस वर्ष जनवरी में चाय निर्यात घटा

वाशिंगटन : हथियार बाजार पर एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत के हथियारों के आयात में पिछले चार साल में रूस की हिस्सेदारी घटी है. एक रिपोर्ट के अनुसार 2009-13 के बीच देश के कुल हथियार आयात में रूस से आयातित हथियारों की हिस्सेदारी 76 फीसदी थी, जो 2014-18 में घटकर 58 फीसदी रह गई.

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपरी) की 'अंतरराष्ट्रीय हथियार लेन-देन का रुख-2018' रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी कोशिश हथियारों के मामले में देश की आयात पर निर्भरता को खत्म करना है.

रिपोर्ट के अनुसार 2009-13 के मुकाबले 2014-18 में देश में हथियारों का आयात 24 प्रतिशत तक घटा है. आयात के आंकड़ों में कमी की एक अहम वजह विदेशी हथियारों की आपूर्ति में देरी होना भी है. जैसे कि रूस को लड़ाकू विमान का ऑर्डर 2001 में और फ्रांस को पनडुब्बी का ऑर्डर 2008 में दिया गया था.

हालांकि इन सबके बावजूद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक है. वैश्विक हथियार आयात में भारत का हिस्सा साढ़े नौ प्रतिशत के करीब है. वित्त वर्ष 2014-18 के बीच अमेरिका और फ्रांस से भारत को हथियारों का निर्यात बढ़ा है.
(भाषा)
पढ़ें : इस वर्ष जनवरी में चाय निर्यात घटा

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वाशिंगटन : हथियार बाजार पर एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत के हथियारों के आयात में पिछले चार साल में रूस की हिस्सेदारी घटी है. एक रिपोर्ट के अनुसार 2009-13 के बीच देश के कुल हथियार आयात में रूस से आयातित हथियारों की हिस्सेदारी 76 फीसदी थी, जो 2014-18 में घटकर 58 फीसदी रह गई.

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपरी) की 'अंतरराष्ट्रीय हथियार लेन-देन का रुख-2018' रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी कोशिश हथियारों के मामले में देश की आयात पर निर्भरता को खत्म करना है.

रिपोर्ट के अनुसार 2009-13 के मुकाबले 2014-18 में देश में हथियारों का आयात 24 प्रतिशत तक घटा है. आयात के आंकड़ों में कमी की एक अहम वजह विदेशी हथियारों की आपूर्ति में देरी होना भी है. जैसे कि रूस को लड़ाकू विमान का ऑर्डर 2001 में और फ्रांस को पनडुब्बी का ऑर्डर 2008 में दिया गया था.

हालांकि इन सबके बावजूद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक है. वैश्विक हथियार आयात में भारत का हिस्सा साढ़े नौ प्रतिशत के करीब है. वित्त वर्ष 2014-18 के बीच अमेरिका और फ्रांस से भारत को हथियारों का निर्यात बढ़ा है.

(भाषा)


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