नई दिल्ली: विदेशी निवेशकों ने कोरोना वायरस महामारी के कारण वैश्विक मंदी की आशंका में भारतीय पूंजी बाजार से पूंजी निकासी शुरू कर दी है. उन्होंने मार्च महीने में ही एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की. इससे पहले, लगातार छह महीनों तक वे शेयर और बांड में शुद्ध लिवाल बने रहे.
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस के प्रभाव को थामने के लिये दुनिया भर में लॉकडाउन (बंद) हो रहे हैं. इसको देखते हुए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) सतर्क रुख अपना रहे हैं.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने 2 मार्च से 27 मार्च के बीच अनुसार शेयरों से 59,377 करोड़ रुपये जबकि बांड से 52,811 करोड़ रुपये निकाले.
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कुल मिलाकर शुद्ध रूप से उन्होंने 1,12,188 करोड़ रुपये निकाले. इससे पहले एफपीआई सितंबर 2019 से ही शुद्ध रूप से लिवाल थे.
नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लि. पर जब से आंकड़े उपलब्ध हैं, यह सबसे बड़ी निकासी है.
मॉर्निंग स्टार के वरिष्ठ विश्लेषक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, "सरकार की पूर्ण रूप से बंदी की घोषणा से कारोबार और आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हो गई हैं. इससे घरेलू अर्थव्यवस्था की रफ्तार और मंद पड़ सकती है."
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिये 24 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी बंद की घोषणा की है.
(पीटीआई-भाषा)