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सर्राफा कारोबारियों ने कहा- धनतेरस, दिवाली पर सोने की मांग 20-40 प्रतिशत कम

व्यापारियों के संगठन का कहना है कि पिछले साल के धनतेरस या दिवाली की तुलना में इस बार बिक्री 40 प्रतिशत कम रहने की आशंका है. धनतेरस और दिवाली पर सोना, चांदी या अन्य बहुमूल्य सामान खरीदना शुभ माना जाता है.

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Published : Oct 25, 2019, 12:16 PM IST

सर्राफा कारोबारियों ने कहा- धनतेरस, दिवाली पर सोने की मांग 20-40 प्रतिशत कम

नयी दिल्ली-कोलकाता: सर्राफा कारोबारियों को उम्मीद है कि दिवाली पर आभूषणों की मांग कुछ सुधरेगी. हालांकि,उनका मानना है कि पिछले साल के त्योहारी सीजन की तुलना में सोने के आभूषणों की मांग इस वर्ष ऊंचे दामों पर 20 से 40 प्रतिशत कम रह सकती है.

दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल ने भाषा से कहा कि यदि इस बार दिवाली पर मांग 20-25 प्रतिशत कम भी रहती है, तो भी हमें निराशा नहीं होगी. पिछले साल सोने के आभूषणों की मांग काफी ऊंची रही थी. इस बार सोना भी ऊंचाई पर है. ऐसे में मांग कुछ कम होने के बावजूद हमें निराशा नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सोने की कीमतें तेज हैं.

ये भी पढ़ें- धनतेरस पर बन रहे हैं खास योग, जानिए खरीददारी का शुभ मुहूर्त

पिछले तीन-चार माह में सोना 30 प्रतिशत चढ़ चुका है. ऐसे में हमारी ग्राहकों को सलाह है कि वे जमकर खरीदारी करें, क्योंकि आने वाले दिनों में सोने के दाम और बढ़ेंगे. मोतीलाल आसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के, जिंस एवं करेंसी कारोबार विभाग के प्रमुख किशोर नामे ने कहा कि पिछले दिवाली के बाद से अब तक सोने में अन्य सभी संपत्तियों की तुलना में सबसे ज्यादा फायदा हुआ है.

इस दौरान सोने में निवेश पर 21 प्रतिशत का प्रतिफल बना है जबकि शेयरों में निवेश पर प्रतिफल 10 प्रतिशत के स्तर पर है. उन्होंने कहा कि फिलहाल इस बार सोने की त्योहारी मांग ठंडी है. दशहरे की बिक्री पिछले साल से 20 प्रतिशत कम रही. ऊंची कीमत और आयात शुल्क में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि से इस वर्ष स्वर्ण आयात 12 प्रतिशत कम हुआ है.

नामे ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि सोने की गति सकारात्मक बनी रहेगी पर पर हमें यह भी लगता है कि व्यापार युद्ध का खतरा टलने पर सोने की कीमतें कुछ नीचे आएंगी लेकिन हम तेजी को लेकर आश्वान्वित हैं. यदि भाव 35500 से नीचे नहीं गया तो अगले 12 महीने में भाव फिर 39500 रुपये के पूर्व के स्तर को छूने के बाद 51,500 रुपये तक जा सकती हैं."

सेन्को गोल्ड एंड डायमंड्स के कार्यकारी निदेशक सुवांकर सेन ने कहा, "हम दिवाली पर आभूषणों की मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं. पिछले महीनों की तुलना में हमें सोने के आभूषणों की मांग में 30 से 40 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है."

एक व्यापारियों के संगठन के पदाधिकारी ने कहा कि पिछले साल के धनतेरस या दिवाली की तुलना में इस बार बिक्री 40 प्रतिशत कम रहने की आशंका है. धनतेरस और दिवाली पर सोना, चांदी या अन्य बहुमूल्य सामान खरीदना शुभ माना जाता है.

कोलकाता के स्टोर त्रिभुवनदास भीमजी झावेरी के एक अधिकारी ने कहा कि इस बार दिवाली पर बिक्री पिछले साल की तुलना में कम रहने की संभावना है. सभी संगठित सर्राफा कारोबारी बिक्री बढ़ाने के लिए छूट भी दे रहे हैं. विश्व स्वर्ण परिषद, भारत के प्रबंध निदेश्शक सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से ग्राहकों की देखो और इंतजार करो की धारणा है.

सोने के दाम उच्च स्तर पर पहुंचने के बीच ग्राहक अभी इंतजार कर रहा है. उन्होंने कहा कि हाल में सोने की कीमतों में कुछ नरमी से कीमतों को लेकर उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी है, जिससे कोई मदद नहीं मिलने वाली. उन्होंने बताया कि जुलाई और अगस्त के दौरान सोने का आयात करीब 60 प्रतिशत घटा है. एक अन्य व्यापार विशेषज्ञ मेहुल पारेख ने कहा कि इस त्योहारी सीजन में बिक्री कम से कम 20 प्रतिशत कम रहेगी.

नयी दिल्ली-कोलकाता: सर्राफा कारोबारियों को उम्मीद है कि दिवाली पर आभूषणों की मांग कुछ सुधरेगी. हालांकि,उनका मानना है कि पिछले साल के त्योहारी सीजन की तुलना में सोने के आभूषणों की मांग इस वर्ष ऊंचे दामों पर 20 से 40 प्रतिशत कम रह सकती है.

दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल ने भाषा से कहा कि यदि इस बार दिवाली पर मांग 20-25 प्रतिशत कम भी रहती है, तो भी हमें निराशा नहीं होगी. पिछले साल सोने के आभूषणों की मांग काफी ऊंची रही थी. इस बार सोना भी ऊंचाई पर है. ऐसे में मांग कुछ कम होने के बावजूद हमें निराशा नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सोने की कीमतें तेज हैं.

ये भी पढ़ें- धनतेरस पर बन रहे हैं खास योग, जानिए खरीददारी का शुभ मुहूर्त

पिछले तीन-चार माह में सोना 30 प्रतिशत चढ़ चुका है. ऐसे में हमारी ग्राहकों को सलाह है कि वे जमकर खरीदारी करें, क्योंकि आने वाले दिनों में सोने के दाम और बढ़ेंगे. मोतीलाल आसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के, जिंस एवं करेंसी कारोबार विभाग के प्रमुख किशोर नामे ने कहा कि पिछले दिवाली के बाद से अब तक सोने में अन्य सभी संपत्तियों की तुलना में सबसे ज्यादा फायदा हुआ है.

इस दौरान सोने में निवेश पर 21 प्रतिशत का प्रतिफल बना है जबकि शेयरों में निवेश पर प्रतिफल 10 प्रतिशत के स्तर पर है. उन्होंने कहा कि फिलहाल इस बार सोने की त्योहारी मांग ठंडी है. दशहरे की बिक्री पिछले साल से 20 प्रतिशत कम रही. ऊंची कीमत और आयात शुल्क में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि से इस वर्ष स्वर्ण आयात 12 प्रतिशत कम हुआ है.

नामे ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि सोने की गति सकारात्मक बनी रहेगी पर पर हमें यह भी लगता है कि व्यापार युद्ध का खतरा टलने पर सोने की कीमतें कुछ नीचे आएंगी लेकिन हम तेजी को लेकर आश्वान्वित हैं. यदि भाव 35500 से नीचे नहीं गया तो अगले 12 महीने में भाव फिर 39500 रुपये के पूर्व के स्तर को छूने के बाद 51,500 रुपये तक जा सकती हैं."

सेन्को गोल्ड एंड डायमंड्स के कार्यकारी निदेशक सुवांकर सेन ने कहा, "हम दिवाली पर आभूषणों की मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं. पिछले महीनों की तुलना में हमें सोने के आभूषणों की मांग में 30 से 40 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है."

एक व्यापारियों के संगठन के पदाधिकारी ने कहा कि पिछले साल के धनतेरस या दिवाली की तुलना में इस बार बिक्री 40 प्रतिशत कम रहने की आशंका है. धनतेरस और दिवाली पर सोना, चांदी या अन्य बहुमूल्य सामान खरीदना शुभ माना जाता है.

कोलकाता के स्टोर त्रिभुवनदास भीमजी झावेरी के एक अधिकारी ने कहा कि इस बार दिवाली पर बिक्री पिछले साल की तुलना में कम रहने की संभावना है. सभी संगठित सर्राफा कारोबारी बिक्री बढ़ाने के लिए छूट भी दे रहे हैं. विश्व स्वर्ण परिषद, भारत के प्रबंध निदेश्शक सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से ग्राहकों की देखो और इंतजार करो की धारणा है.

सोने के दाम उच्च स्तर पर पहुंचने के बीच ग्राहक अभी इंतजार कर रहा है. उन्होंने कहा कि हाल में सोने की कीमतों में कुछ नरमी से कीमतों को लेकर उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी है, जिससे कोई मदद नहीं मिलने वाली. उन्होंने बताया कि जुलाई और अगस्त के दौरान सोने का आयात करीब 60 प्रतिशत घटा है. एक अन्य व्यापार विशेषज्ञ मेहुल पारेख ने कहा कि इस त्योहारी सीजन में बिक्री कम से कम 20 प्रतिशत कम रहेगी.

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सर्राफा कारोबारियों ने कहा- धनतेरस, दिवाली पर सोने की मांग 20-40 प्रतिशत कम 

नयी दिल्ली-कोलकाता: सर्राफा कारोबारियों को उम्मीद है कि दिवाली पर आभूषणों की मांग कुछ सुधरेगी. हालांकि,उनका मानना है कि पिछले साल के त्योहारी सीजन की तुलना में सोने के आभूषणों की मांग इस वर्ष ऊंचे दामों पर 20 से 40 प्रतिशत कम रह सकती है. 

दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल ने भाषा से कहा कि यदि इस बार दिवाली पर मांग 20-25 प्रतिशत कम भी रहती है, तो भी हमें निराशा नहीं होगी. पिछले साल सोने के आभूषणों की मांग काफी ऊंची रही थी. इस बार सोना भी ऊंचाई पर है. ऐसे में मांग कुछ कम होने के बावजूद हमें निराशा नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सोने की कीमतें तेज हैं. 

पिछले तीन-चार माह में सोना 30 प्रतिशत चढ़ चुका है. ऐसे में हमारी ग्राहकों को सलाह है कि वे जमकर खरीदारी करें, क्योंकि आने वाले दिनों में सोने के दाम और बढ़ेंगे. मोतीलाल आसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के, जिंस एवं करेंसी कारोबार विभाग के प्रमुख किशोर नामे ने कहा कि पिछले दिवाली के बाद से अब तक सोने में अन्य सभी संपत्तियों की तुलना में सबसे ज्यादा फायदा हुआ है. 

इस दौरान सोने में निवेश पर 21 प्रतिशत का प्रतिफल बना है जबकि शेयरों में निवेश पर प्रतिफल 10 प्रतिशत के स्तर पर है. उन्होंने कहा कि फिलहाल इस बार सोने की त्योहारी मांग ठंडी है. दशहरे की बिक्री पिछले साल से 20 प्रतिशत कम रही. ऊंची कीमत और आयात शुल्क में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि से इस वर्ष स्वर्ण आयात 12 प्रतिशत कम हुआ है. 

नामे ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि सोने की गति सकारात्मक बनी रहेगी पर पर हमें यह भी लगता है कि व्यापार युद्ध का खतरा टलने पर सोने की कीमतें कुछ नीचे आएंगी लेकिन हम तेजी को लेकर आश्वान्वित हैं. यदि भाव 35500 से नीचे नहीं गया तो अगले 12 महीने में भाव फिर 39500 रुपये के पूर्व के स्तर को छूने के बाद 51,500 रुपये तक जा सकती हैं." 

सेन्को गोल्ड एंड डायमंड्स के कार्यकारी निदेशक सुवांकर सेन ने कहा, "हम दिवाली पर आभूषणों की मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं. पिछले महीनों की तुलना में हमें सोने के आभूषणों की मांग में 30 से 40 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है." 

एक व्यापारियों के संगठन के पदाधिकारी ने कहा कि पिछले साल के धनतेरस या दिवाली की तुलना में इस बार बिक्री 40 प्रतिशत कम रहने की आशंका है. धनतेरस और दिवाली पर सोना, चांदी या अन्य बहुमूल्य सामान खरीदना शुभ माना जाता है. 

कोलकाता के स्टोर त्रिभुवनदास भीमजी झावेरी के एक अधिकारी ने कहा कि इस बार दिवाली पर बिक्री पिछले साल की तुलना में कम रहने की संभावना है. सभी संगठित सर्राफा कारोबारी बिक्री बढ़ाने के लिए छूट भी दे रहे हैं. विश्व स्वर्ण परिषद, भारत के प्रबंध निदेश्शक सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से ग्राहकों की देखो और इंतजार करो की धारणा है. 

सोने के दाम उच्च स्तर पर पहुंचने के बीच ग्राहक अभी इंतजार कर रहा है. उन्होंने कहा कि हाल में सोने की कीमतों में कुछ नरमी से कीमतों को लेकर उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी है, जिससे कोई मदद नहीं मिलने वाली. उन्होंने बताया कि जुलाई और अगस्त के दौरान सोने का आयात करीब 60 प्रतिशत घटा है. एक अन्य व्यापार विशेषज्ञ मेहुल पारेख ने कहा कि इस त्योहारी सीजन में बिक्री कम से कम 20 प्रतिशत कम रहेगी.


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