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विदेशों में सरकारी बांड जारी करने पर सरकार के साथ विचार विमर्श करेगा रिजर्व बैंक: दास - बिजनेस न्यूज

गवर्नर ने कहा कि बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का फैसला काफी सकारात्मक घटनाक्रम है. इससे उन्हें नियामकीय पूंजी की जरूरतों को तो पूरा करने में मदद मिलेगी ही, साथ ही वे बैंकिंग कामकाज को भी बढ़ा सकेंगे.

विदेशों में सरकारी बांड जारी करने पर सरकार के साथ विचार विमर्श करेगा रिजर्व बैंक: दास
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Published : Jul 8, 2019, 6:08 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक विदेशों में सरकारी बांड जारी करने के मुद्दे पर सरकार के साथ विचार विमर्श करेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के साथ बजट बाद परंपरागत बैठक के पश्चात दास ने सोमवार को यहां कहा कि एक जून से प्रणाली में नकदी पर्याप्त मात्रा में है.

जहां तक गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का मामला है, बजट 2019-20 में इस संबंध में प्रावधान किया गया है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हम एनबीएफसी और उनके परिचालन की नियमित रूप से निगरानी कर रहे हैं. नकदी की समस्या का बढ़चढ़ कर समाधान किया गया है."

ये भी पढ़ें- कृषि आय बढ़ाने में मदद करें राज्य: तोमर

गवर्नर ने कहा कि बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का फैसला काफी सकारात्मक घटनाक्रम है. इससे उन्हें नियामकीय पूंजी की जरूरतों को तो पूरा करने में मदद मिलेगी ही, साथ ही वे बैंकिंग कामकाज को भी बढ़ा सकेंगे.

नीतिगत दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को मिलने के बारे में दास ने कहा कि पहले दर कटौती का फायदा ग्राहकों को मिलने में छह महीने लगते थे, लेकिन अब चीजों में सुधार हुआ है. अब इसमें कम समय लग रहा है.

उन्होंने कहा कि जून की मौद्रिक समीक्षा तक नीतिगत दरों में हुई आधा प्रतिशत कटौती में से 0.21 प्रतिशत का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचा है. उन्होंने कहा कि आगामी हफ्तों और महीनों में ब्याज दरों में कटौती का लाभ अधिक तेजी से ग्राहकों तक पहुंचेगा.

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक विदेशों में सरकारी बांड जारी करने के मुद्दे पर सरकार के साथ विचार विमर्श करेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के साथ बजट बाद परंपरागत बैठक के पश्चात दास ने सोमवार को यहां कहा कि एक जून से प्रणाली में नकदी पर्याप्त मात्रा में है.

जहां तक गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का मामला है, बजट 2019-20 में इस संबंध में प्रावधान किया गया है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हम एनबीएफसी और उनके परिचालन की नियमित रूप से निगरानी कर रहे हैं. नकदी की समस्या का बढ़चढ़ कर समाधान किया गया है."

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गवर्नर ने कहा कि बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का फैसला काफी सकारात्मक घटनाक्रम है. इससे उन्हें नियामकीय पूंजी की जरूरतों को तो पूरा करने में मदद मिलेगी ही, साथ ही वे बैंकिंग कामकाज को भी बढ़ा सकेंगे.

नीतिगत दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को मिलने के बारे में दास ने कहा कि पहले दर कटौती का फायदा ग्राहकों को मिलने में छह महीने लगते थे, लेकिन अब चीजों में सुधार हुआ है. अब इसमें कम समय लग रहा है.

उन्होंने कहा कि जून की मौद्रिक समीक्षा तक नीतिगत दरों में हुई आधा प्रतिशत कटौती में से 0.21 प्रतिशत का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचा है. उन्होंने कहा कि आगामी हफ्तों और महीनों में ब्याज दरों में कटौती का लाभ अधिक तेजी से ग्राहकों तक पहुंचेगा.

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विदेशों में सरकारी बांड जारी करने पर सरकार के साथ विचार विमर्श करेगा रिजर्व बैंक: दास

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक विदेशों में सरकारी बांड जारी करने के मुद्दे पर सरकार के साथ विचार विमर्श करेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के साथ बजट बाद परंपरागत बैठक के पश्चात दास ने सोमवार को यहां कहा कि एक जून से प्रणाली में नकदी पर्याप्त मात्रा में है. 

जहां तक गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का मामला है, बजट 2019-20 में इस संबंध में प्रावधान किया गया है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हम एनबीएफसी और उनके परिचालन की नियमित रूप से निगरानी कर रहे हैं. नकदी की समस्या का बढ़चढ़ कर समाधान किया गया है."    

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गवर्नर ने कहा कि बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का फैसला काफी सकारात्मक घटनाक्रम है. इससे उन्हें नियामकीय पूंजी की जरूरतों को तो पूरा करने में मदद मिलेगी ही, साथ ही वे बैंकिंग कामकाज को भी बढ़ा सकेंगे. 

नीतिगत दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को मिलने के बारे में दास ने कहा कि पहले दर कटौती का फायदा ग्राहकों को मिलने में छह महीने लगते थे, लेकिन अब चीजों में सुधार हुआ है. अब इसमें कम समय लग रहा है. 

उन्होंने कहा कि जून की मौद्रिक समीक्षा तक नीतिगत दरों में हुई आधा प्रतिशत कटौती में से 0.21 प्रतिशत का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचा है. उन्होंने कहा कि आगामी हफ्तों और महीनों में ब्याज दरों में कटौती का लाभ अधिक तेजी से ग्राहकों तक पहुंचेगा.


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