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दिसंबर में फिर ब्याज दर घटा सकता है रिजर्व बैंक: गोल्डमैन साक्स

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.15 प्रतिशत कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि वह वृद्धि को प्रोत्साहन देने तक इस नरम रुख को जारी रखेगा.

दिसंबर में फिर ब्याज दर घटा सकता है रिजर्व बैंक: गोल्डमैन साक्स
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Published : Oct 6, 2019, 3:47 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर की द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में भी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. ब्रोकरेज कंपनियों का मानना है कि दिसंबर में केंद्रीय बैंक रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की और कटौती करेगा. उसके बाद वह कटौती का सिलसिला रोक देगा.

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.15 प्रतिशत कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि वह वृद्धि को प्रोत्साहन देने तक इस नरम रुख को जारी रखेगा.

गोल्डमैन साक्स ने एक रिपोर्ट में कहा, "हमें इस बात की काफी संभावना दिख रही है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर को चौथाई प्रतिशत और घटाकर 4.90 प्रतिशत पर लाएगी. यह अक्टूबर में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में अतिरिक्त कटौती के हमारे अनुमान से मेल खाता है."

ये भी पढ़ें: वित्त मंत्रालय 14 अक्टूबर से शुरू करेगा बजट तैयारी की प्रक्रिया

रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर के बाद रिजर्व बैंक नीतिगत दर में कटौती के सिलसिले को रोकेगा क्योंकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के करीब रहेगी, जिससे दरों में और कटौती की गुंजाइश नहीं बनेगी.

उसके बाद मौद्रिक नीति समिति देखेगी कि मौद्रिक रुख में नरमी का क्या असर हुआ है. साथ ही सरकार ने जो घोषणाएं की हैं, उनका क्या प्रभाव पड़ा है.

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर की द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में भी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. ब्रोकरेज कंपनियों का मानना है कि दिसंबर में केंद्रीय बैंक रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की और कटौती करेगा. उसके बाद वह कटौती का सिलसिला रोक देगा.

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.15 प्रतिशत कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि वह वृद्धि को प्रोत्साहन देने तक इस नरम रुख को जारी रखेगा.

गोल्डमैन साक्स ने एक रिपोर्ट में कहा, "हमें इस बात की काफी संभावना दिख रही है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर को चौथाई प्रतिशत और घटाकर 4.90 प्रतिशत पर लाएगी. यह अक्टूबर में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में अतिरिक्त कटौती के हमारे अनुमान से मेल खाता है."

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रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर के बाद रिजर्व बैंक नीतिगत दर में कटौती के सिलसिले को रोकेगा क्योंकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के करीब रहेगी, जिससे दरों में और कटौती की गुंजाइश नहीं बनेगी.

उसके बाद मौद्रिक नीति समिति देखेगी कि मौद्रिक रुख में नरमी का क्या असर हुआ है. साथ ही सरकार ने जो घोषणाएं की हैं, उनका क्या प्रभाव पड़ा है.

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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर की द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में भी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. ब्रोकरेज कंपनियों का मानना है कि दिसंबर में केंद्रीय बैंक रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की और कटौती करेगा. उसके बाद वह कटौती का सिलसिला रोक देगा.

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.15 प्रतिशत कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि वह वृद्धि को प्रोत्साहन देने तक इस नरम रुख को जारी रखेगा.

गोल्डमैन साक्स ने एक रिपोर्ट में कहा, "हमें इस बात की काफी संभावना दिख रही है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर को चौथाई प्रतिशत और घटाकर 4.90 प्रतिशत पर लाएगी. यह अक्टूबर में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में अतिरिक्त कटौती के हमारे अनुमान से मेल खाता है."

रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर के बाद रिजर्व बैंक नीतिगत दर में कटौती के सिलसिले को रोकेगा क्योंकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के करीब रहेगी, जिससे दरों में और कटौती की गुंजाइश नहीं बनेगी.

उसके बाद मौद्रिक नीति समिति देखेगी कि मौद्रिक रुख में नरमी का क्या असर हुआ है. साथ ही सरकार ने जो घोषणाएं की हैं, उनका क्या प्रभाव पड़ा है.

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