मुंबई: रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को नियमों में ढील देते हुए बैंकों को ओवरड्राफ्ट खाते रखने वाले लोगों को इलेक्ट्रॉनिक कार्ड जारी करने की अनुमति दी. यह सुविधा उन ओवरड्राफ्ट खातों के लिये है जो व्यक्तिगत ऋण की तरह हैं और उस पर किसी विशिष्ट अंतिम उपयोग को लेकर कोई पाबंदी नहीं है.
रिजर्व बैंक ने कहा कि केंद्रीय बैंक के जुलाई 2015 के दिशानिर्देश के अनुसार बैंकों को बचत बैंक/ चालू खाते वाले ग्राहकों को डेबिट कार्ड जारी करने की अनुमति दी गई है लेकिन यह सुविधा नकदी क्रेडिट/ ऋण खाता धारकों को नहीं दी गई.
लेकिन अब बैंकों को उन ओवरड्राफ्ट खाते रखने वाले लोगों को इलेक्ट्रॉनिक कार्ड जारी करने की अनुमति दी गयी है जिसकी प्रकृति व्यक्तिगत ऋण की तरह हैं और उस पर किसी विशिष्ट अंतिम उपयोग को लेकर कोई पाबंदी नहीं है.
केंद्रीय बैंक के परिपत्र के अनुसार अनुसार कार्ड ग्राहक को दी गई सुविधा की वैधता से अधिक की अवधि के लिए नहीं जारी किया जाएगा और ऋणदाता के रूप में बैंकों के सामान्य अधिकारों के अधीन होगा. इसमें कहा गया है कि व्यक्तिगत ऋण की प्रकृति वाले ओवरड्राफ्ट खातों के लिए इलेक्ट्रॉनिक कार्ड का उपयोग केवल देश में लेनदेन के लिए किया जा सकेगा.
परिपत्र के अनुसार साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नियंत्रण और जांच प्रक्रिया रखी जाएगी कि ऐसे कार्ड का उपयोग केवल ऑनलाइन सुविधाओं/गैर-नकद लेनदेन तक ही सीमित हो. इसमें कहा गया है कि नकद लेनदेन पर यह प्रतिबंध प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के साथ प्रदान की गई ओवरड्राफ्ट सुविधा पर लागू नहीं होगा.
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आरबीआई ने बैंकों से इस उत्पाद को आरंभ करने से पहले उपर्युक्त ओवरड्राफ्ट खातों के लिए इलेक्ट्रॉनिक कार्ड जारी करने को लेकर निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित नीति बनाएंगे. इसमें उपयुक्त जोखिम प्रबंधन, निश्चित समय पर समीक्षा प्रक्रिया, शिकायत निवारण प्रणाली आदि शामिल होंगे.
(पीटीआई-भाषा)