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राज्यसभा ने ऐरा विधेयक पारित किया

वर्तमान में 15 लाख या इससे अधिक वाले वार्षिक यात्री यातायात वाले हवाईअड्डे को प्रमुख हवाईअड्डे के रूप में परिभाषित किया गया है और इस तरह के हवाईअड्डों के टैरिफ भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण या ऐरा द्वारा तय किए जाते हैं.

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Published : Jul 16, 2019, 11:56 PM IST

राज्यसभा ने ऐरा विधेयक पारित किया

नई दिल्ली: राज्यसभा ने मंगलवार को भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (संशोधन)विधेयक 2019 को पारित कर दिया. यह विधेयक एक हवाईअड्डे को 'प्रमुख हवाईअड्डे' के रूप में अधिकार दिए जाने की सीमा को बढ़ाने की मांग करता है और इस वजह से हवाईअड्डा विनियामक के कुछ हवाईअड्डों के टैरिफ तय करने के अधिकार को कम कर दिया गया. इस विधेयक को चर्चा और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के जवाब के बाद पारित किया गया.

वर्तमान में 15 लाख या इससे अधिक वाले वार्षिक यात्री यातायात वाले हवाईअड्डे को प्रमुख हवाईअड्डे के रूप में परिभाषित किया गया है और इस तरह के हवाईअड्डों के टैरिफ भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण या ऐरा द्वारा तय किए जाते हैं. इस विधेयक ने सीमा को बढ़ाकर 35 लाख कर दिया है और इसके परिणामस्वरूप बहुत से हवाईअड्डे विनियामक के परिधि से बाहर आ जाएंगे.

विधेयक के अधिनियम बनने के साथ बहुत से हवाईअड्डे जिसके लिए लैंडिंग व पार्किं ग शुल्क जैसे विभिन्न शुल्क देने पड़ते हैं, जिसे वर्तमान में ऐरा निर्धारित करता है, वह निर्धारित नहीं करेगा. इन हवाईअड्डों पर टैरिफ का निर्धारण नागरिक उड्डयन मंत्रालय करेगा.
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नई दिल्ली: राज्यसभा ने मंगलवार को भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (संशोधन)विधेयक 2019 को पारित कर दिया. यह विधेयक एक हवाईअड्डे को 'प्रमुख हवाईअड्डे' के रूप में अधिकार दिए जाने की सीमा को बढ़ाने की मांग करता है और इस वजह से हवाईअड्डा विनियामक के कुछ हवाईअड्डों के टैरिफ तय करने के अधिकार को कम कर दिया गया. इस विधेयक को चर्चा और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के जवाब के बाद पारित किया गया.

वर्तमान में 15 लाख या इससे अधिक वाले वार्षिक यात्री यातायात वाले हवाईअड्डे को प्रमुख हवाईअड्डे के रूप में परिभाषित किया गया है और इस तरह के हवाईअड्डों के टैरिफ भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण या ऐरा द्वारा तय किए जाते हैं. इस विधेयक ने सीमा को बढ़ाकर 35 लाख कर दिया है और इसके परिणामस्वरूप बहुत से हवाईअड्डे विनियामक के परिधि से बाहर आ जाएंगे.

विधेयक के अधिनियम बनने के साथ बहुत से हवाईअड्डे जिसके लिए लैंडिंग व पार्किं ग शुल्क जैसे विभिन्न शुल्क देने पड़ते हैं, जिसे वर्तमान में ऐरा निर्धारित करता है, वह निर्धारित नहीं करेगा. इन हवाईअड्डों पर टैरिफ का निर्धारण नागरिक उड्डयन मंत्रालय करेगा.
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नई दिल्ली: राज्यसभा ने मंगलवार को भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (संशोधन)विधेयक 2019 को पारित कर दिया. यह विधेयक एक हवाईअड्डे को 'प्रमुख हवाईअड्डे' के रूप में अधिकार दिए जाने की सीमा को बढ़ाने की मांग करता है और इस वजह से हवाईअड्डा विनियामक के कुछ हवाईअड्डों के टैरिफ तय करने के अधिकार को कम कर दिया गया. इस विधेयक को चर्चा और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के जवाब के बाद पारित किया गया.



वर्तमान में 15 लाख या इससे अधिक वाले वार्षिक यात्री यातायात वाले हवाईअड्डे को प्रमुख हवाईअड्डे के रूप में परिभाषित किया गया है और इस तरह के हवाईअड्डों के टैरिफ भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण या ऐरा द्वारा तय किए जाते हैं. इस विधेयक ने सीमा को बढ़ाकर 35 लाख कर दिया है और इसके परिणामस्वरूप बहुत से हवाईअड्डे विनियामक के परिधि से बाहर आ जाएंगे.



विधेयक के अधिनियम बनने के साथ बहुत से हवाईअड्डे जिसके लिए लैंडिंग व पार्किं ग शुल्क जैसे विभिन्न शुल्क देने पड़ते हैं, जिसे वर्तमान में ऐरा निर्धारित करता है, वह निर्धारित नहीं करेगा. इन हवाईअड्डों पर टैरिफ का निर्धारण नागरिक उड्डयन मंत्रालय करेगा.

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