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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए 7.27 लाख करोड़ रुपये - सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए 7.27 लाख करोड़ रुपये

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में यह भी कहा कि अनुसूचित व्यावसायिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थानों ने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में 1,13,374 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जानकारी दी है.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए 7.27 लाख करोड़ रुपये
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए 7.27 लाख करोड़ रुपये
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Published : Feb 3, 2020, 6:52 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 1:10 AM IST

नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को कहा कि देश में 30 सितंबर, 2019 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) 7.27 लाख करोड़ रुपये का है.

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में यह भी कहा कि अनुसूचित व्यावसायिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थानों ने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में 1,13,374 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जानकारी दी है.

ये भी पढ़ें- बजट 2020 : LIC से अपनी हिस्सेदारी का एक भाग बेचेगी सरकार

उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि सरकार की सुधार की नीतियों के परिणाम स्वरूप 1,68,305 करोड़ रुपये घटकर 30 सितंबर, 2019 को 7,27,296 करोड़ रुपये हो गया.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को कहा कि देश में 30 सितंबर, 2019 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) 7.27 लाख करोड़ रुपये का है.

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में यह भी कहा कि अनुसूचित व्यावसायिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थानों ने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में 1,13,374 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जानकारी दी है.

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उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि सरकार की सुधार की नीतियों के परिणाम स्वरूप 1,68,305 करोड़ रुपये घटकर 30 सितंबर, 2019 को 7,27,296 करोड़ रुपये हो गया.

(पीटीआई-भाषा)

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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए 7.27 लाख करोड़ रुपये

नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को कहा कि देश में 30 सितंबर, 2019 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) 7.27 लाख करोड़ रुपये का है. 

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में यह भी कहा कि अनुसूचित व्यावसायिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थानों ने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में 1,13,374 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जानकारी दी है. 

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उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि सरकार की सुधार की नीतियों के परिणाम स्वरूप 1,68,305 करोड़ रुपये घटकर 30 सितंबर, 2019 को 7,27,296 करोड़ रुपये हो गया.


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Last Updated : Feb 29, 2020, 1:10 AM IST

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