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नीति आयोग ने चीनी कंपनियों से भारत को निर्यात गंतव्य बनाने को कहा

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Published : Sep 10, 2019, 12:24 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 2:50 AM IST

चीन से निर्यात उन्मुख निवेश के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि यह ठीक उसी प्रकार है जैसा चीन में अमेरिकी निवेश. यह अमेरिका को वापस निर्यात के लिये है.

नीति आयोग ने चीनी कंपनियों से भारत को निर्यात गंतव्य बनाने को कहा

नई दिल्ली: नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने सोमवार को चीनी कंपनियों से भारत को एक ऐसे स्थान के रुप में देखने को कहा है जहां से वे अन्य देशों को निर्यात कर सकें.

उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित भारत-चीन आर्थिक सहयोग मंच की बैठक में कुमार ने कहा, "हम चीन से निर्यात उन्मुख निवेश का स्वागत करेंगे. चीनी कंपनियों के लिये हमारे बुनियादी ढांचा, रेलवे, सड़क, बंदरगाह, हवाईअड्डा और यहां तक की रीयल एस्टेट क्षेत्रों में निवेश के काफी अवसर हैं. इन क्षेत्रों में निवेश के अवसरों के बारे में सुनने में मुझे खुशी होगी."

चीन से निर्यात उन्मुख निवेश के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि यह ठीक उसी प्रकार है जैसा चीन में अमेरिकी निवेश. यह अमेरिका को वापस निर्यात के लिये है.

ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र की सड़क परियोजनाओं के लिए एडीबी देगा 20 करोड़ डॉलर

उन्होंने कहा, "इसीलिए अब चीनी कंपनियों के लिये भारत में निवेश, भारत में विनिर्माण और भारत से निर्यात का समय है. भले ही यह निर्यात वापस चीन को या फिर अफ्रीका या अमेरिका को हो. ये सामान भारत से वहां जाएंगे."

कुमार ने यह भी कहा कि भारत और चीन इस मंच के जरिये गैर-शुल्क क्षेत्रों की पहचान को लेकर सहमत हुए हैं ताकि भारतीय कंपनियों के लिये चीन में प्रवेश का रास्ता आसान हो.

उन्होंने कहा, "भारत के लिये औषधि और आईटी जैसे क्षेत्रों में चीनी बाजार में पहुंच प्रक्रिया और लाइसेंस से प्रभावित है. इसीलिए हम इन गैर-शुल्क उपायों पर गौर करेंगे और उसे दूर करने का प्रयास करेंगे ताकि हम बेहतर बाजार पहुंच प्राप्त कर सके."

नई दिल्ली: नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने सोमवार को चीनी कंपनियों से भारत को एक ऐसे स्थान के रुप में देखने को कहा है जहां से वे अन्य देशों को निर्यात कर सकें.

उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित भारत-चीन आर्थिक सहयोग मंच की बैठक में कुमार ने कहा, "हम चीन से निर्यात उन्मुख निवेश का स्वागत करेंगे. चीनी कंपनियों के लिये हमारे बुनियादी ढांचा, रेलवे, सड़क, बंदरगाह, हवाईअड्डा और यहां तक की रीयल एस्टेट क्षेत्रों में निवेश के काफी अवसर हैं. इन क्षेत्रों में निवेश के अवसरों के बारे में सुनने में मुझे खुशी होगी."

चीन से निर्यात उन्मुख निवेश के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि यह ठीक उसी प्रकार है जैसा चीन में अमेरिकी निवेश. यह अमेरिका को वापस निर्यात के लिये है.

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उन्होंने कहा, "इसीलिए अब चीनी कंपनियों के लिये भारत में निवेश, भारत में विनिर्माण और भारत से निर्यात का समय है. भले ही यह निर्यात वापस चीन को या फिर अफ्रीका या अमेरिका को हो. ये सामान भारत से वहां जाएंगे."

कुमार ने यह भी कहा कि भारत और चीन इस मंच के जरिये गैर-शुल्क क्षेत्रों की पहचान को लेकर सहमत हुए हैं ताकि भारतीय कंपनियों के लिये चीन में प्रवेश का रास्ता आसान हो.

उन्होंने कहा, "भारत के लिये औषधि और आईटी जैसे क्षेत्रों में चीनी बाजार में पहुंच प्रक्रिया और लाइसेंस से प्रभावित है. इसीलिए हम इन गैर-शुल्क उपायों पर गौर करेंगे और उसे दूर करने का प्रयास करेंगे ताकि हम बेहतर बाजार पहुंच प्राप्त कर सके."

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नीति आयोग ने चीनी कंपनियों से भारत को निर्यात गंतव्य बनाने को कहा

नई दिल्ली: नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने सोमवार को चीनी कंपनियों से भारत को एक ऐसे स्थान के रुप में देखने को कहा है जहां से वे अन्य देशों को निर्यात कर सकें.

उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित भारत-चीन आर्थिक सहयोग मंच की बैठक में कुमार ने कहा, "हम चीन से निर्यात उन्मुख निवेश का स्वागत करेंगे. चीनी कंपनियों के लिये हमारे बुनियादी ढांचा, रेलवे, सड़क, बंदरगाह, हवाईअड्डा और यहां तक की रीयल एस्टेट क्षेत्रों में निवेश के काफी अवसर हैं. इन क्षेत्रों में निवेश के अवसरों के बारे में सुनने में मुझे खुशी होगी."

चीन से निर्यात उन्मुख निवेश के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि यह ठीक उसी प्रकार है जैसा चीन में अमेरिकी निवेश. यह अमेरिका को वापस निर्यात के लिये है.

उन्होंने कहा, "इसीलिए अब चीनी कंपनियों के लिये भारत में निवेश, भारत में विनिर्माण और भारत से निर्यात का समय है. भले ही यह निर्यात वापस चीन को या फिर अफ्रीका या अमेरिका को हो. ये सामान भारत से वहां जाएंगे."

कुमार ने यह भी कहा कि भारत और चीन इस मंच के जरिये गैर-शुल्क क्षेत्रों की पहचान को लेकर सहमत हुए हैं ताकि भारतीय कंपनियों के लिये चीन में प्रवेश का रास्ता आसान हो.

उन्होंने कहा, "भारत के लिये औषधि और आईटी जैसे क्षेत्रों में चीनी बाजार में पहुंच प्रक्रिया और लाइसेंस से प्रभावित है. इसीलिए हम इन गैर-शुल्क उपायों पर गौर करेंगे और उसे दूर करने का प्रयास करेंगे ताकि हम बेहतर बाजार पहुंच प्राप्त कर सके."


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Last Updated : Sep 30, 2019, 2:50 AM IST
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