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सरकार ने चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य दो रुपये प्रति किलो बढ़ाया - चीनी

नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों से पहले बढ़ते गन्ने के बकाया को लेकर सरकार ने बृहस्पतिवार को चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य में दो रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी करते हुए इसे 31 रुपये कर दिया है, ताकि चीनी मिलों को गन्ना किसानों का बकाया चुकाने में मदद मिल सके.

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Published : Feb 14, 2019, 11:10 PM IST

न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) वह दर है जिसके नीचे, चीनी मिलें खुले बाजार में थोक विक्रेताओं तथा पेय और बिस्किट निर्माताओं जैसे थोक उपभोक्ताओं को चीनी की बिक्री नहीं सकती हैं.

ये भी पढ़ें- देश के 60 फीसदी किसान की आजीविका वर्षा पर निर्भर : कृषि विशेषज्ञ

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खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि, "हमने चीनी के न्यूनतम मूल्य को 29 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 31 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है. इससे चीनी मिलों को गन्ना किसानों का भुगतान करने में मदद मिलेगी." चीनी उद्योगों के प्रमुख संगठन, भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने हाल ही में कहा था कि जनवरी के अंत में गन्ने का बकाया लगभग 20,000 करोड़ रुपये था.
(भाषा)

न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) वह दर है जिसके नीचे, चीनी मिलें खुले बाजार में थोक विक्रेताओं तथा पेय और बिस्किट निर्माताओं जैसे थोक उपभोक्ताओं को चीनी की बिक्री नहीं सकती हैं.

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खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि, "हमने चीनी के न्यूनतम मूल्य को 29 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 31 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है. इससे चीनी मिलों को गन्ना किसानों का भुगतान करने में मदद मिलेगी." चीनी उद्योगों के प्रमुख संगठन, भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने हाल ही में कहा था कि जनवरी के अंत में गन्ने का बकाया लगभग 20,000 करोड़ रुपये था.
(भाषा)

Intro:चीनी का एमएसपी 29 रुपया से 31 रुपया प्रति किलो किया गया

नयी दिल्ली - केंद्रीय उपभोक्ता, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने अहम जानकारी दी है, दरसअल खाद्य विभाग ने वर्ष 2018-19 के लिए चीनी का एमएसपी 29 रुपया से 31 रुपया प्रति किलो कर दिया है, गन्ना किसानों के बढ़ते बकाया को देखते हुए खाद्य विभाग ने यह फैसला लिया है




Body:इस निर्णय से चीनी मिलों को सही और उचित राशि उपलब्ध होगी और गन्ना किसानों को वक़्त पर मतलब बिल्कुल सही समय चीनी मिले भुगतान कर सकेंगी, राज्य की सरकारें और खाद्य विभाग नए एमएसपी पर चीनी की बिक्री पर निगरानी रख सकेंगी, जिससे चीनी मिलों को हो रही आय से प्राथमिकता पर गन्ना किसानों को भुगतान किया जा सके




Conclusion:बता दे कि 13 फरबरी 2019 तक का बकाया 20167 करोड़ रुपया है, जबकि एफआरपी की दर पर गणना की जाए तो बकाया 18157 करोड़ रुपया है, उत्तर प्रदेश में 7339, महाराष्ट्र में 4799, कर्नाटक में 3990 करोड़ रुपया बकाया है
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