चेन्नई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) से कहा कि यदि बैंक बिना किसी कारण के ऋण देने से इनकार करते हैं तो शिकायत करें.
सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बजट 2020-21 में उनके द्वारा हाल ही में व्यापारियों और उद्योग के लिए संसद में पेश किए गए प्रस्तावों को स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि बैंक बिना कारण के ऋण से इनकार कर रहे हैं, तो एमएसएमई विशेष केंद्र को शिकायत भेज सकते हैं.
उन्होंने कहा कि शिकायत की एक प्रति संबंधित बैंक प्रबंधक को भी भेजी जानी चाहिए.
सीतारमण ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार उच्च स्तर पर है क्योंकि फंडामेंटल अच्छे हैं.
अपने लंबे बजट भाषण पर सीतारमण ने कहा कि अधिकारियों ने समाज के सभी वर्गों के प्रस्तावों के साथ आने के लिए कड़ी मेहनत की है.
यह कहते हुए कि वृहद आर्थिक आधारभूत संरचनाएं अच्छी हैं, सीतारमण ने कहा कि हमारा ध्यान संपत्ति बनाने और बुनियादी ढांचे में निवेश करने पर है.
पहले बैंकों ने "चाचा और भाई-ससुर को उधार" के लिए "फोन बैंकिंग के लिए फोन बैंकिंग का सहारा लिया" जिसके परिणामस्वरूप उच्च गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) थीं.
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उन्होंने कहा, "हमें एनपीए को सही करने में चार साल लग गए."
सीतारमण ने कहा कि इस तरह की स्थिति को फिर से रोकने के लिए सबक सीखा गया है.
उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी के साथ सरकार ने बेकार खर्च का सहारा नहीं लिया है. सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने वाली संपत्ति बनाने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक व्यय बुनियादी ढांचे के लिए जाना चाहिए.
(आईएएनएस)