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कृषि क्षेत्र से पलायन रोकने को खेती को व्यावहारिक बनाने की जरूरत: नायडू

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Published : Mar 26, 2019, 10:49 AM IST

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के अनुसार यह सभी संबद्ध पक्षों की जिम्मेदारी है कि वे कृषि को आर्थिक रूप से व्यावहारिक पेशा बनाने के लिए काम करें. कर्ज माफी या मुफ्त बिजली कृषि क्षेत्र के संकट का स्थायी समाधान नहीं है.

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू(फाइल फोटो)।

पुणे : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि राजनीतिक दल बेशक चाहे जो भी वादे करें भारत जैसे देश में हर किसी को रोजगार नहीं दिया जा सकता. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि बड़ी संख्या में लोग खेती बाड़ी छोड़कर पलायन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यह सभी संबद्ध पक्षों की जिम्मेदारी है कि वे कृषि को आर्थिक रूप से व्यावहारिक पेशा बनाने के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि कर्ज माफी या मुफ्त बिजली कृषि क्षेत्र के संकट का स्थायी समाधान नहीं है. नायडू यहां वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारिता प्रबंधन संस्थान के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे.

नायडू ने कहा, "देश में लोग खेती छोड़ रहे हैं जो परेशान करने वाली बात हैं भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में हम आयातित प्रौद्योगिकी पर ही टिके नहीं रह सकते और न ही सभी कुछ आयात कर सकते हैं. हमें घरेलू स्तर पर खाद्य सुरक्षा की जरूरत है."

उन्होंने ग्रामीण संपर्क और ढांचे को आगे बढ़ाने पर जोर दिया.
(भाषा)
पढ़ें : राहुल गांधी ने किया देश से बड़ा वादा, हर गरीब परिवार को मिलेगा 72 हजार प्रतिवर्ष

पुणे : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि राजनीतिक दल बेशक चाहे जो भी वादे करें भारत जैसे देश में हर किसी को रोजगार नहीं दिया जा सकता. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि बड़ी संख्या में लोग खेती बाड़ी छोड़कर पलायन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यह सभी संबद्ध पक्षों की जिम्मेदारी है कि वे कृषि को आर्थिक रूप से व्यावहारिक पेशा बनाने के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि कर्ज माफी या मुफ्त बिजली कृषि क्षेत्र के संकट का स्थायी समाधान नहीं है. नायडू यहां वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारिता प्रबंधन संस्थान के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे.

नायडू ने कहा, "देश में लोग खेती छोड़ रहे हैं जो परेशान करने वाली बात हैं भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में हम आयातित प्रौद्योगिकी पर ही टिके नहीं रह सकते और न ही सभी कुछ आयात कर सकते हैं. हमें घरेलू स्तर पर खाद्य सुरक्षा की जरूरत है."

उन्होंने ग्रामीण संपर्क और ढांचे को आगे बढ़ाने पर जोर दिया.
(भाषा)
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पुणे : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि राजनीतिक दल बेशक चाहे जो भी वादे करें भारत जैसे देश में हर किसी को रोजगार नहीं दिया जा सकता. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि बड़ी संख्या में लोग खेती बाड़ी छोड़कर पलायन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यह सभी संबद्ध पक्षों की जिम्मेदारी है कि वे कृषि को आर्थिक रूप से व्यावहारिक पेशा बनाने के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि कर्ज माफी या मुफ्त बिजली कृषि क्षेत्र के संकट का स्थायी समाधान नहीं है. नायडू यहां वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारिता प्रबंधन संस्थान के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे.

नायडू ने कहा, "देश में लोग खेती छोड़ रहे हैं जो परेशान करने वाली बात हैं भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में हम आयातित प्रौद्योगिकी पर ही टिके नहीं रह सकते और न ही सभी कुछ आयात कर सकते हैं. हमें घरेलू स्तर पर खाद्य सुरक्षा की जरूरत है."

उन्होंने ग्रामीण संपर्क और ढांचे को आगे बढ़ाने पर जोर दिया.

(भाषा)

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