नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था पर निगरानी करने वाले थिंक-टैंक सीएमआईई कि ओर से जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार भारत की बेरोजगारी दर 24 मई को समाप्त सप्ताह में बढ़कर 24.3 प्रतिशत हो गई, जो पिछले सप्ताह में दर्ज आंकड़ों (24 प्रतिशत) से थोड़ा अधिक है.
नवीनतम आंकड़ें पिछले 8 हफ्तों में रिपोर्ट की गई 24.2 प्रतिशत की औसत बेरोजगारी दर से अधिक है.
ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि 24 मई को खत्म हुए हफ्ते में ग्रामीण भारत में 23.7 प्रतिशत की तुलना में शहरी भारत में बेरोजगारी दर 26.3 प्रतिशत रही.
ये भी पढ़ें-आईसीएमआर ने कोविड-19 जांच के लिए 4,500 रुपये की मूल्य सीमा हटाई
सीएमआईई के प्रबंध निदेशक और सीईओ महेश व्यास के अनुसार, "लॉकडाउन के दौरान बेरोजगारी दर लगभग 24 प्रतिशत के आसपास स्थिर रही है. श्रम भागीदारी दर की प्रवृत्ति श्रम बाजारों में कुछ दिलचस्प बदलावों की कहानी कहती है."
सीएमआईई ने कहा कि हतोत्साहित श्रमिक नौकरियों की तलाश में वापस शहर की ओर आ रहे हैं. पिछले सप्ताह भी श्रम भागीदारी दर में कमी देखी गई, चौथे सप्ताह की दर 38.7 प्रतिशत कम थी जो पिछले सप्ताह के 38.8 प्रतिशत की तुलना में कम है.
सीएमआईई के उपभोक्ता पिरामिड घरेलू सर्वेक्षण से पता चलता है कि अप्रैल में नियोजित संख्या में 12.2 करोड़ की कमी हुई है, जबकि काम करने के इच्छुक लोगों की संख्या लेकिन सक्रिय रूप से नौकरी की तलाश नहीं करने वालों की संख्या 7.7 करोड़ से बढ़कर अप्रैल 2019-20 में 8.9 करोड़ हो गई.
सीएमआईई के अनुसार पूरे मई में शहरी बेरोजगारी ग्रामीण बेरोजगारी की तुलना में अधिक रही है.