चेन्नई: वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान ने कहा कि मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत तरजीही आधार पर मिलने वाली शुल्क सुविधाओं का दायरा बढ़ाने को लेकर भारत अपने प्रमुख व्यापारिक भागीदारों के साथ बातचीत कर रहा है. यही नहीं इस तरह के व्यापार समझौतों का हमारे निर्यातक ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा सके इसलिए सरकार निर्यातकों के लिए प्रक्रियाओं को आसान बना रही है.
इंटरनेशनल इंजीनियरिंग सोर्सिंग शो में निर्यातकों को संबोधित करते हुए बाधवान ने कहा, "हमारे यहां बड़ी संख्या में निर्यातक हैं, मैं आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि एफटीए के तहत मिली सुविधाओं का उपयोग कम हो रहा है. आंकड़े बताते हैं कि भारतीय निर्यातकों ने एफटीए और तरजीही आधार पर मिलने वाले लाभों का बहुत ज्यादा उपयोग नहीं किया है." उन्होंने कहा कि सरकार निर्यातकों के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित बना रही है ताकि व्यापार समझौते के तहत पेशकश किए जाने वाले लाभों का फायदा उठाया जा सके.
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उन्होंने निर्यातकों से एफटीए में दी गई तरजीही शुल्क व्यवस्था का उपयोग करने का आग्रह किया है. भारत ने वर्तमान में आसियान, दक्षिण कोरिया, जापान, मलेशिया, चिली और सिंगापुर समेत अनेक प्रमुख व्यापारिक भागीदारों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) किये हुये हैं. एफटीए को व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता, तरजीही व्यापार समझौता या व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता भी कहा जाता है. वाधवान ने कहा, "वाणिज्य विभाग संभावित बाजारों की पहचान कर रहा है और सभी उत्पादों एवं सेवाओं के लिए उपलब्ध वरीयताओं ( तरजीही शुल्क) का दायरा बढ़ाने के लिए व्यापार भागीदारों के साथ चर्चा कर रहा है. मुझे लगता है कि हमें इस मुद्दे पर उद्योगों से बातचीत करने की जरूरत है."
एफटीए के कम उपयोग के कारण पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ देशों में व्यापार में सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) पर लगने वाला शुल्क कम है. इसके अलावा इस तरह का लाभ लेने में शामिल लेनदेन लागत भी वजह हो सकती है. उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय उद्योगों के साथ बातचीत करेगा और उन्हें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही दिक्कतों को समझने की कोशिश करेगा और उन्हें दूर करने का प्रयास करेगा.
(भाषा)
एफटीए के तहत निर्यातकों के लिए बेहतर शुल्क सुविधाओं पर जोर देगा भारत: वाणिज्य सचिव
एफटीए के कम उपयोग के कारण पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ देशों में व्यापार में सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) पर लगने वाला शुल्क कम है. इसके अलावा इस तरह का लाभ लेने में शामिल लेनदेन लागत भी वजह हो सकती है.
चेन्नई: वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान ने कहा कि मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत तरजीही आधार पर मिलने वाली शुल्क सुविधाओं का दायरा बढ़ाने को लेकर भारत अपने प्रमुख व्यापारिक भागीदारों के साथ बातचीत कर रहा है. यही नहीं इस तरह के व्यापार समझौतों का हमारे निर्यातक ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा सके इसलिए सरकार निर्यातकों के लिए प्रक्रियाओं को आसान बना रही है.
इंटरनेशनल इंजीनियरिंग सोर्सिंग शो में निर्यातकों को संबोधित करते हुए बाधवान ने कहा, "हमारे यहां बड़ी संख्या में निर्यातक हैं, मैं आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि एफटीए के तहत मिली सुविधाओं का उपयोग कम हो रहा है. आंकड़े बताते हैं कि भारतीय निर्यातकों ने एफटीए और तरजीही आधार पर मिलने वाले लाभों का बहुत ज्यादा उपयोग नहीं किया है." उन्होंने कहा कि सरकार निर्यातकों के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित बना रही है ताकि व्यापार समझौते के तहत पेशकश किए जाने वाले लाभों का फायदा उठाया जा सके.
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उन्होंने निर्यातकों से एफटीए में दी गई तरजीही शुल्क व्यवस्था का उपयोग करने का आग्रह किया है. भारत ने वर्तमान में आसियान, दक्षिण कोरिया, जापान, मलेशिया, चिली और सिंगापुर समेत अनेक प्रमुख व्यापारिक भागीदारों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) किये हुये हैं. एफटीए को व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता, तरजीही व्यापार समझौता या व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता भी कहा जाता है. वाधवान ने कहा, "वाणिज्य विभाग संभावित बाजारों की पहचान कर रहा है और सभी उत्पादों एवं सेवाओं के लिए उपलब्ध वरीयताओं ( तरजीही शुल्क) का दायरा बढ़ाने के लिए व्यापार भागीदारों के साथ चर्चा कर रहा है. मुझे लगता है कि हमें इस मुद्दे पर उद्योगों से बातचीत करने की जरूरत है."
एफटीए के कम उपयोग के कारण पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ देशों में व्यापार में सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) पर लगने वाला शुल्क कम है. इसके अलावा इस तरह का लाभ लेने में शामिल लेनदेन लागत भी वजह हो सकती है. उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय उद्योगों के साथ बातचीत करेगा और उन्हें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही दिक्कतों को समझने की कोशिश करेगा और उन्हें दूर करने का प्रयास करेगा.
(भाषा)
एफटीए के तहत निर्यातकों के लिए बेहतर शुल्क सुविधाओं पर जोर देगा भारत: वाणिज्य सचिव
चेन्नई: वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान ने कहा कि मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत तरजीही आधार पर मिलने वाली शुल्क सुविधाओं का दायरा बढ़ाने को लेकर भारत अपने प्रमुख व्यापारिक भागीदारों के साथ बातचीत कर रहा है. यही नहीं इस तरह के व्यापार समझौतों का हमारे निर्यातक ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा सके इसलिए सरकार निर्यातकों के लिए प्रक्रियाओं को आसान बना रही है.
इंटरनेशनल इंजीनियरिंग सोर्सिंग शो में निर्यातकों को संबोधित करते हुए बाधवान ने कहा, "हमारे यहां बड़ी संख्या में निर्यातक हैं, मैं आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि एफटीए के तहत मिली सुविधाओं का उपयोग कम हो रहा है. आंकड़े बताते हैं कि भारतीय निर्यातकों ने एफटीए और तरजीही आधार पर मिलने वाले लाभों का बहुत ज्यादा उपयोग नहीं किया है." उन्होंने कहा कि सरकार निर्यातकों के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित बना रही है ताकि व्यापार समझौते के तहत पेशकश किए जाने वाले लाभों का फायदा उठाया जा सके.
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एफटीए के कम उपयोग के कारण पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ देशों में व्यापार में सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) पर लगने वाला शुल्क कम है. इसके अलावा इस तरह का लाभ लेने में शामिल लेनदेन लागत भी वजह हो सकती है. उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय उद्योगों के साथ बातचीत करेगा और उन्हें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही दिक्कतों को समझने की कोशिश करेगा और उन्हें दूर करने का प्रयास करेगा.
(भाषा)
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