नई दिल्ली: योजना आयोग के पूर्व सदस्य और अर्थशास्त्री अभिजित सेन ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में दस प्रतिशत के आसपास संकुचन रह सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के लिए किसानों की आय 2022 तक दो गुना करने का लक्ष्य सिद्ध कर पाना कठिन होगा.
सेन ने पीटीआई-भाषा से कहा, "हम इस साल (2020-21) में दस प्रतिशत की गिरावट की ओर बढ़ रहे हैं. निश्चित रूप से यह गिरावट 7.5 प्रतिशत तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि इससे खराब ही रहेगी."
आर्थिक विकास की बात खुशफहमी
उन्होंने अगले वित्त वर्ष में आर्थिक गतिविधियों में विस्तार की बात को कुछ लोगों की खुशफहमी बताया. सेन का कहना है कि लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अगले साल उछाल आएगा. मुझे इस पर शक है.
आरबीआई ने शुक्रवार को जारी समीक्षा रपट में चालू वित्त वर्ष में 7.5 प्रतिशत के संकुचन का अनुमान जताया है जो अक्टूबर के उसके अपनुमान से कम है. अक्टूबर में संकुचन 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था.
बजट अनुमानों से कम खर्च कर रही सरकार
सेन ने कहा कि सरकार बजट अनुमान से कम खर्च कर रही है. सरकार बिना कुछ किए ही तेजी की उम्मीद कर रह रही है. वर्तमान किसान आदोलन के बारे में उन्होंने कहा कि यह सरकार और किसानों के दृष्टिकोण में अंतर को दर्शाता है.
उन्होंने कहा कि सरकार की तरह से मुख्य गलती यह हुई है कि इन कानूनों के मामले में उसने बहुत जल्दबाजी की. उन्होंने कहा कि किसान भविष्य को लेकर अनिश्चितता में हैं. उनकी शिकायत अपनी जगह सही है.
इसी संदर्भ में यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार 2022 तक किसानों की आय दो गुना करने के लक्ष्य को हासिल कर लेगी तो उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से नहीं.
(पीटीआई-भाषा)
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