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गिफ्ट-आईएफएससी में रुपया -डॉलर डेरिवेटिव सौदों में ऊंचा कारोबार कर सकता है भारत: सीतारमण - निर्मला सीतारमण

सीतारमण ने शुक्रवार को गुजरात के गांधीनगर के गिफ्ट-आईएफएसी में दो अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों... बीएसई इंडिया आईएनएक्स और एनएसई के एनएसई-आईएफएससी में रुपये-डॉलर के वायदा एवं विकल्प अनुबंधों की शुरुआत की.

गिफ्ट-आईएफएससी में रुपया -डॉलर डेरिवेटिव सौदों में ऊंचा कारोबार कर सकता है भारत: सीतारमण
गिफ्ट-आईएफएससी में रुपया -डॉलर डेरिवेटिव सौदों में ऊंचा कारोबार कर सकता है भारत: सीतारमण
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Published : May 9, 2020, 12:00 AM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गिफ्ट- आईएफएससी में विश्वस्तरीय कारोबारी परिवेश और प्रतिस्पर्धी कर व्यवस्था को देखते हुये भरोसा जताया कि भारत में रुपया -डॉलर वायदा एवं विकल्प (डेरिवेटिव) अनुबंधों में भारी मात्रा में कारोबार हो सकता है.

सीतारमण ने शुक्रवार को गुजरात के गांधीनगर के गिफ्ट-आईएफएसी में दो अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों... बीएसई इंडिया आईएनएक्स और एनएसई के एनएसई-आईएफएससी में रुपये-डॉलर के वायदा एवं विकल्प अनुबंधों की शुरुआत की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि विश्वस्तरीय कारोबारी माहौल और गिफ्ट- आईएफएसी में प्रतिस्पर्धी कर व्यवस्था को देखते हुए कहा जा सकता है कि देश में रुपया -डॉलर डेरिवेटिव अनुबंध कारोबार मात्रा के हिसाब से ऊंचाई पर पहुंचेगा.

वित्त मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये इलेक्ट्रॉनिक तरीक से घंटी बजाकर इसकी शुरुआत की. बीएसई ने बयान में कहा कि जनवरी, 2017 में एक्सचेंज में कारोबारी गतिविधियां शुरू होने के बाद से इंडिया आईएनएक्स में कारोबार की मात्रा काफी तेजी से बढ़ रही है.

बयान में कहा गया है कि शुरुआत के बाद कुल 822 अरब डॉलर के कारोबार और करीब 48 अरब डॉलर के अंतरराष्ट्रीय ऋण मध्यम अवधि नोट (एमटीएन) कार्यक्रम के साथ भारत का आईएनआर-यूएसडी डेरिवेटिव के आईएफएसी में अधिक भागीदारों के आकर्षित करने की संभावना है.

ये भी पढ़ें: यदि लॉकडाउन के कारण भारत में फंसे हुए हैं, तो खतरे में नहीं होगी आपकी अनिवासी भारतीय स्थिति

इससे इंडिया आईएनएफ वैश्विक स्तर पर जारीकर्ताओं के लिए पूंजी जुटाने का प्रमुख केंद्र बन जाएगा. अलग से जारी बयान में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने कहा कि आईएफएससी में रुपये के डेरिवेटिव की शुरुआत भारतीय वित्तीय बाजारों के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गिफ्ट- आईएफएससी में विश्वस्तरीय कारोबारी परिवेश और प्रतिस्पर्धी कर व्यवस्था को देखते हुये भरोसा जताया कि भारत में रुपया -डॉलर वायदा एवं विकल्प (डेरिवेटिव) अनुबंधों में भारी मात्रा में कारोबार हो सकता है.

सीतारमण ने शुक्रवार को गुजरात के गांधीनगर के गिफ्ट-आईएफएसी में दो अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों... बीएसई इंडिया आईएनएक्स और एनएसई के एनएसई-आईएफएससी में रुपये-डॉलर के वायदा एवं विकल्प अनुबंधों की शुरुआत की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि विश्वस्तरीय कारोबारी माहौल और गिफ्ट- आईएफएसी में प्रतिस्पर्धी कर व्यवस्था को देखते हुए कहा जा सकता है कि देश में रुपया -डॉलर डेरिवेटिव अनुबंध कारोबार मात्रा के हिसाब से ऊंचाई पर पहुंचेगा.

वित्त मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये इलेक्ट्रॉनिक तरीक से घंटी बजाकर इसकी शुरुआत की. बीएसई ने बयान में कहा कि जनवरी, 2017 में एक्सचेंज में कारोबारी गतिविधियां शुरू होने के बाद से इंडिया आईएनएक्स में कारोबार की मात्रा काफी तेजी से बढ़ रही है.

बयान में कहा गया है कि शुरुआत के बाद कुल 822 अरब डॉलर के कारोबार और करीब 48 अरब डॉलर के अंतरराष्ट्रीय ऋण मध्यम अवधि नोट (एमटीएन) कार्यक्रम के साथ भारत का आईएनआर-यूएसडी डेरिवेटिव के आईएफएसी में अधिक भागीदारों के आकर्षित करने की संभावना है.

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इससे इंडिया आईएनएफ वैश्विक स्तर पर जारीकर्ताओं के लिए पूंजी जुटाने का प्रमुख केंद्र बन जाएगा. अलग से जारी बयान में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने कहा कि आईएफएससी में रुपये के डेरिवेटिव की शुरुआत भारतीय वित्तीय बाजारों के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है.

(पीटीआई-भाषा)

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