नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संकट से जूझ रहे वाहन क्षेत्र को सरकार से हरसंभव मदद का गुरुवार को आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय वाणिज्यिक वाहनों की मांग पैदा करने के लिये अगले तीन महीने में पांच लाख करोड़ रुपये तक की 68 सड़क परियोजनाएं शुरू करेगा.
गडकरी ने सिआम की वार्षिक संगोष्ठी में यहां कहा, "यह आपकी (उद्योग जगत की) मांग है कि पेट्रोल एवं डीजल वाहनों पर कर कम होना चाहिये. आपके सुझाव अच्छे हैं. मैं आपका संदेश वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तक पहुंचा दूंगा."
उन्होंने कहा कि यदि यह (जीएसटी) कुछ समय के लिये भी कम किया गया तो इससे मदद मिलेगी. मंत्री ने कहा, "मैं यह बात वित्त मंत्री के समक्ष रखूंगा. बिक्री बढ़ाने के लिये वाहन क्षेत्र को मदद की जरूरत है."
गडकरी ने कहा कि जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया, वित्त मंत्री को हाइब्रिड वाहनों पर भी यह लाभ देने का सुझाव दिया जाएगा.
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उन्होंने पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध के कयास को नकारते हुए कहा, "ऐसी बातें चल रही हैं कि सरकार पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा देगी. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है. हम ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे हैं."
गडकरी ने कहा कि चीनी उद्योग की तरह वाहन निर्माताओं के लिये भी निर्यात प्रोत्साहन योजना को लेकर वह वित्त मंत्री से चर्चा करेंगे.
उन्होंने सड़क परियोजनाओं के बारे में कहा, "हम पांच लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं का ठेका देने की कोशिश कर रहे हैं. हमने विभिन्न एक्सप्रेसवे समेत 68 परियोजनाओं को चुना है. हमने इन परियोजनाओं के लिये पहले ही 80 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण कर लिया है. यह वाहन उद्योग की परोक्ष तौर पर मदद करेगा."
मंत्री ने बिक्री बढ़ाने के लिये वाहन कंपनियों को खुद की वित्तीय कंपनियां शुरू करने का भी सुझाव दिया. सीआईआई के मनोनीत अध्यक्ष उदय कोटक ने वाहन निर्माताओं को निर्यात पर ध्यान देने को कहा. उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर नरमी के दौर में इससे राजस्व का नया स्रोत खुलेगा.
सिआम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने इससे पहले अपने संबोधन में वाहनों पर जीएसटी कम करने के बारे में सरकार से विचार करने का अनुरोध किया.