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विमानन कंपनियों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करे सरकार: विमानन विशेषज्ञ - Govt should announce relief package for airlines to function efficiently

ईटीवी भारत से विशेष रूप से बात करते हुए, विमानन विशेषज्ञ सनत कौल ने कहा कि सरकार को एयरलाइंस के लिए एक राहत पैकेज के साथ आना चाहिए ताकि यह कुशलता से काम कर सके.

विमानन कंपनियों के लिए सरकार को राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए: विमानन विशेषज्ञ
विमानन कंपनियों के लिए सरकार को राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए: विमानन विशेषज्ञ
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Published : Mar 20, 2020, 10:46 AM IST

Updated : Mar 20, 2020, 10:59 AM IST

नई दिल्ली: एयरलाइंस कंपनियों ने कोविड-19 के फैलने के बीच अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों संख्या कम कर दिया है या रद्द कर दिया है. जिससे इस क्षेत्र काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ईटीवी भारत से विशेष रूप से बात करते हुए, विमानन विशेषज्ञ सनत कौल ने कहा कि सरकार को एयरलाइंस के लिए एक राहत पैकेज के साथ आना चाहिए ताकि यह कुशलता से काम कर सके.

ये भी पढ़ें- कोरोना वायरस: इंडिगो ने अपने कर्मचारियों के वेतन में की कटौती, एयर इंडिया भी उठाएगी कदम

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रभाव के कारण यात्रियों की संख्या कम हो गई है. जिसके कारण कई विमानों को ग्राउंडेड होना पड़ गया है. वहीं, घरेलू उड़ान भी कम हो गए हैं. कोविड-19 के कारण यात्री उड़ान भरने से बच रहें है. जिससे देश का पर्यटन क्षेत्र प्रभावित हुआ है और इसका सीधा असर एयरलाइन कंपनियों पर देखने को मिलेगा.

इंडिगो की घोषणा पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा, "यह अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती करेगा क्योंकि एयरलाइन का अस्तित्व दांव पर है." उन्होंने आगे कहा कि एयरलाइंस नकदी से बाहर चल रही है और माना जाता है कि 1.5-2 बिलियन डॉलर मूल्य के सरकारी राहत पैकेज की योजना बनाई जा रही है, यह तत्काल नकदी संकट से निपटने में एयरलाइंस की मदद करेगी.

सनत कौल ने आगे कहा, "एविएशन टर्बाइन फ्यूल को जीएसटी ढांचे के तहत लाया जाना चाहिए, लेकिन 12 प्रतिशत या उससे कम की उचित दर होना चाहिए. इसके अलावा, यह भारत में विमानन क्षेत्र के लिए एक बहुत ही गंभीर स्थिति है और सरकार को एयरलाइन की मदद के लिए आना चाहिए.

नई दिल्ली: एयरलाइंस कंपनियों ने कोविड-19 के फैलने के बीच अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों संख्या कम कर दिया है या रद्द कर दिया है. जिससे इस क्षेत्र काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ईटीवी भारत से विशेष रूप से बात करते हुए, विमानन विशेषज्ञ सनत कौल ने कहा कि सरकार को एयरलाइंस के लिए एक राहत पैकेज के साथ आना चाहिए ताकि यह कुशलता से काम कर सके.

ये भी पढ़ें- कोरोना वायरस: इंडिगो ने अपने कर्मचारियों के वेतन में की कटौती, एयर इंडिया भी उठाएगी कदम

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रभाव के कारण यात्रियों की संख्या कम हो गई है. जिसके कारण कई विमानों को ग्राउंडेड होना पड़ गया है. वहीं, घरेलू उड़ान भी कम हो गए हैं. कोविड-19 के कारण यात्री उड़ान भरने से बच रहें है. जिससे देश का पर्यटन क्षेत्र प्रभावित हुआ है और इसका सीधा असर एयरलाइन कंपनियों पर देखने को मिलेगा.

इंडिगो की घोषणा पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा, "यह अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती करेगा क्योंकि एयरलाइन का अस्तित्व दांव पर है." उन्होंने आगे कहा कि एयरलाइंस नकदी से बाहर चल रही है और माना जाता है कि 1.5-2 बिलियन डॉलर मूल्य के सरकारी राहत पैकेज की योजना बनाई जा रही है, यह तत्काल नकदी संकट से निपटने में एयरलाइंस की मदद करेगी.

सनत कौल ने आगे कहा, "एविएशन टर्बाइन फ्यूल को जीएसटी ढांचे के तहत लाया जाना चाहिए, लेकिन 12 प्रतिशत या उससे कम की उचित दर होना चाहिए. इसके अलावा, यह भारत में विमानन क्षेत्र के लिए एक बहुत ही गंभीर स्थिति है और सरकार को एयरलाइन की मदद के लिए आना चाहिए.

Last Updated : Mar 20, 2020, 10:59 AM IST

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