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किसानों की आय, निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार ने योजना के तहत उत्पादों का चयन किया - increase exports

किसानों की आय बढ़ाने के लिए चलाई जा रही सरकार की योजना के तहत कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के उत्पादों की सूची तैयार कर ली गई है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Feb 27, 2021, 10:38 PM IST

नई दिल्ली : कृषि वस्तुओं का निर्यात तथा किसानों की आय बढ़ाने के अपने प्रयास के तहत सरकार ने शनिवार को कहा कि उसने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के उत्पादों की सूची को अंतिम रूप दिया है. इन उत्पादों को देशभर के 728 जिलों में क्लस्टर दृष्टिकोण के साथ बढ़ावा दिया जाएगा.

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के परामर्श से कृषि मंत्रालय ने वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोकस प्रोडक्ट (ओडीओएफपी यानी एक जिला, एक विशेष उत्पाद) के लिए उत्पादों के नामों को अंतिम रूप दे दिया है.

सूची तैयार करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से भी जानकारियां ली गई हैं.

बयान में कहा गया है, उत्पादों को देशभर के 728 जिलों के कृषि, बागवानी, पशु, मुर्गी पालन, दूध, मत्स्य पालन और जलीय कृषि, समुद्री क्षेत्रों से पहचाना गया है. कृषि मंत्रालय ने कहा कि इन उत्पादों को केंद्रीय योजनाओं को मिलाने के जरिए एक क्लस्टर दृष्टिकोण के साथ बढ़ावा दिया जाएगा, जिसका उद्देश्य उत्पादों के मूल्य में वृद्धि करना और किसानों की आय बढ़ाना है.

धान को 40 जिलों, गेहूं -5 जिलों, मोटे सह पोषक अनाज -25 जिलों, दलहन 16 जिलों, वाणिज्यिक फसल 22 जिलों, तिलहन 41 जिलों, सब्जियां 107 जिलों, मसाले 105 जिलों, वृक्षारोपण 28 जिलों, फलों को 226 जिलों में बढ़ावा दिया जाएगा. फ्लोरीकल्चर (पुष्प खेती) के लिए दो जिले, शहद के लिए नौ जिले, पशुपालन / डेयरी 40 जिले, जलीय कृषि / समुद्री मत्स्य पालन 29 जिले और प्रसंस्कृत उत्पादों को 33 जिलों में बढ़ावा दिया जाएगा.

कृषि मंत्रालय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन जैसी केंद्र प्रायोजित योजनाओं से ओडीओएफपी का समर्थन करेगा.

पढ़ें :- खेती से आय बढ़ाने के लिए बजट में कृषि अवसंरचना निधि का प्रावधान

सूची में अरुणाचल प्रदेश के 25 जिले शामिल हैं. इनके अलावा बिहार के 38 जिले, छत्तीसगढ़ के 28 जिले, गोवा के 2 जिले, हरियाणा के 22 जिले, हिमाचल प्रदेश के 12 जिले, झारखंड के 24 जिले, जम्मू और कश्मीर के 20 जिले, कर्नाटक के 31 जिले, केरल के 14 जिले, मध्य प्रदेश के 52 जिले, महाराष्ट्र के 36 जिले, मणिपुर के 16 जिले, ओडिशा के 30 जिले, पंजाब के 23 जिले, सिक्किम के 4 जिले, तमिलनाडु के 36 जिले, त्रिपुरा के 8 जिले, उत्तर प्रदेश के 75 जिले और पश्चिम बंगाल के 18 जिले भी इस सूची में शामिल हैं.

उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश के 13-13 जिले, दिल्ली, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में से प्रत्येक में 11 जिले तथा असम, गुजरात, राजस्थान और तेलंगाना के 33 जिलों को शामिल किया गया है.

इसके अलावा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तीन जिले, दादरा और नागर हवेली और दमन और दीव के कुल तीन जिले, लद्दाख और पुडुचेरी के दो-दो जिले, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप में से एक जिला इस पहल का हिस्सा हैं.

नई दिल्ली : कृषि वस्तुओं का निर्यात तथा किसानों की आय बढ़ाने के अपने प्रयास के तहत सरकार ने शनिवार को कहा कि उसने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के उत्पादों की सूची को अंतिम रूप दिया है. इन उत्पादों को देशभर के 728 जिलों में क्लस्टर दृष्टिकोण के साथ बढ़ावा दिया जाएगा.

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के परामर्श से कृषि मंत्रालय ने वन डिस्ट्रिक्ट, वन फोकस प्रोडक्ट (ओडीओएफपी यानी एक जिला, एक विशेष उत्पाद) के लिए उत्पादों के नामों को अंतिम रूप दे दिया है.

सूची तैयार करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से भी जानकारियां ली गई हैं.

बयान में कहा गया है, उत्पादों को देशभर के 728 जिलों के कृषि, बागवानी, पशु, मुर्गी पालन, दूध, मत्स्य पालन और जलीय कृषि, समुद्री क्षेत्रों से पहचाना गया है. कृषि मंत्रालय ने कहा कि इन उत्पादों को केंद्रीय योजनाओं को मिलाने के जरिए एक क्लस्टर दृष्टिकोण के साथ बढ़ावा दिया जाएगा, जिसका उद्देश्य उत्पादों के मूल्य में वृद्धि करना और किसानों की आय बढ़ाना है.

धान को 40 जिलों, गेहूं -5 जिलों, मोटे सह पोषक अनाज -25 जिलों, दलहन 16 जिलों, वाणिज्यिक फसल 22 जिलों, तिलहन 41 जिलों, सब्जियां 107 जिलों, मसाले 105 जिलों, वृक्षारोपण 28 जिलों, फलों को 226 जिलों में बढ़ावा दिया जाएगा. फ्लोरीकल्चर (पुष्प खेती) के लिए दो जिले, शहद के लिए नौ जिले, पशुपालन / डेयरी 40 जिले, जलीय कृषि / समुद्री मत्स्य पालन 29 जिले और प्रसंस्कृत उत्पादों को 33 जिलों में बढ़ावा दिया जाएगा.

कृषि मंत्रालय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन जैसी केंद्र प्रायोजित योजनाओं से ओडीओएफपी का समर्थन करेगा.

पढ़ें :- खेती से आय बढ़ाने के लिए बजट में कृषि अवसंरचना निधि का प्रावधान

सूची में अरुणाचल प्रदेश के 25 जिले शामिल हैं. इनके अलावा बिहार के 38 जिले, छत्तीसगढ़ के 28 जिले, गोवा के 2 जिले, हरियाणा के 22 जिले, हिमाचल प्रदेश के 12 जिले, झारखंड के 24 जिले, जम्मू और कश्मीर के 20 जिले, कर्नाटक के 31 जिले, केरल के 14 जिले, मध्य प्रदेश के 52 जिले, महाराष्ट्र के 36 जिले, मणिपुर के 16 जिले, ओडिशा के 30 जिले, पंजाब के 23 जिले, सिक्किम के 4 जिले, तमिलनाडु के 36 जिले, त्रिपुरा के 8 जिले, उत्तर प्रदेश के 75 जिले और पश्चिम बंगाल के 18 जिले भी इस सूची में शामिल हैं.

उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश के 13-13 जिले, दिल्ली, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में से प्रत्येक में 11 जिले तथा असम, गुजरात, राजस्थान और तेलंगाना के 33 जिलों को शामिल किया गया है.

इसके अलावा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तीन जिले, दादरा और नागर हवेली और दमन और दीव के कुल तीन जिले, लद्दाख और पुडुचेरी के दो-दो जिले, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप में से एक जिला इस पहल का हिस्सा हैं.

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