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राजस्व घटने के बाद सरकार ने आईओसी, ओएनजीसी से दूसरा अंतरिम लाभांश मांगा

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Published : Mar 13, 2019, 11:19 PM IST

नियमनों के तहत एक बार अंतरिम लाभांश के भुगतान के बाद एक महीने के भीतर ही दूसरा अंतरिम लाभांश नहीं दे सकती. इस तरह के भुगतान के लिए ओएनजीसी जैसी कंपनियों को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अनुमति लेनी होगी.

कॉन्सेप्ट इमेज।

नई दिल्ली : कर राजस्व में कमी के बीच सरकार अब इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और आयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसे नकदी संपन्न सार्वजनिक उपक्रमों से चालू वित्त वर्ष के लिए दूसरा अंतरिम लाभांश देने का दबाव बना रही है. इसके लिए इन कंपनियों को नियामकीय मंजूरी लेनी होगी.

आईओसी ने दूसरा अंतरिम लाभांश देने के मुद्दे पर विचार को 19 मार्च को निदेशक मंडल की बैठक बुलाई है. मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि ओएनजीसी ने दूसरा अंतरिम लाभांश देने से इनकार करते हुए कहा है कि उसके पास अंतरिम लाभांश के भुगतान के एक महीने के भीतर इस तरह के दूसरे भुगतान के लिए नकदी अधिशेष नहीं है.

नियमनों के तहत एक बार अंतरिम लाभांश के भुगतान के बाद एक महीने के भीतर ही दूसरा अंतरिम लाभांश नहीं दे सकती. इस तरह के भुगतान के लिए ओएनजीसी जैसी कंपनियों को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अनुमति लेनी होगी.

सूत्रों का कहना है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रहण कम रहने की वजह से सरकार के लिए राजकोषीय घाटे के 3.4 प्रतिशत के लक्ष्य को पाना मुश्किल होगा. सूत्रों ने बताया कि जीएसटी संग्रहण लक्ष्य से 30,000 से 40,000 करोड़ रुपये और प्रत्यक्ष कर संग्रहण भी इतना ही कम रहने का अनुमान है.

आईओसी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक 19 मार्च, 2019 को बुलाई गई है. इस बैठक में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए दूसरे अंतरिम लाभांश पर विचार किया जाएगा.
(भाषा)
पढ़ें : एमजी मोटर इंडिया पेश करेगी बिजली से चलने वाले एसयूवी

नई दिल्ली : कर राजस्व में कमी के बीच सरकार अब इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और आयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसे नकदी संपन्न सार्वजनिक उपक्रमों से चालू वित्त वर्ष के लिए दूसरा अंतरिम लाभांश देने का दबाव बना रही है. इसके लिए इन कंपनियों को नियामकीय मंजूरी लेनी होगी.

आईओसी ने दूसरा अंतरिम लाभांश देने के मुद्दे पर विचार को 19 मार्च को निदेशक मंडल की बैठक बुलाई है. मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि ओएनजीसी ने दूसरा अंतरिम लाभांश देने से इनकार करते हुए कहा है कि उसके पास अंतरिम लाभांश के भुगतान के एक महीने के भीतर इस तरह के दूसरे भुगतान के लिए नकदी अधिशेष नहीं है.

नियमनों के तहत एक बार अंतरिम लाभांश के भुगतान के बाद एक महीने के भीतर ही दूसरा अंतरिम लाभांश नहीं दे सकती. इस तरह के भुगतान के लिए ओएनजीसी जैसी कंपनियों को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अनुमति लेनी होगी.

सूत्रों का कहना है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रहण कम रहने की वजह से सरकार के लिए राजकोषीय घाटे के 3.4 प्रतिशत के लक्ष्य को पाना मुश्किल होगा. सूत्रों ने बताया कि जीएसटी संग्रहण लक्ष्य से 30,000 से 40,000 करोड़ रुपये और प्रत्यक्ष कर संग्रहण भी इतना ही कम रहने का अनुमान है.

आईओसी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक 19 मार्च, 2019 को बुलाई गई है. इस बैठक में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए दूसरे अंतरिम लाभांश पर विचार किया जाएगा.
(भाषा)
पढ़ें : एमजी मोटर इंडिया पेश करेगी बिजली से चलने वाले एसयूवी

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नहीं दे सकती. इस तरह के भुगतान के लिए ओएनजीसी जैसी कंपनियों को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अनुमति लेनी होगी.



नई दिल्ली : कर राजस्व में कमी के बीच सरकार अब इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और आयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसे नकदी संपन्न सार्वजनिक उपक्रमों से चालू वित्त वर्ष के लिए दूसरा अंतरिम लाभांश देने का दबाव बना रही है. इसके लिए इन कंपनियों को नियामकीय मंजूरी लेनी होगी.

आईओसी ने दूसरा अंतरिम लाभांश देने के मुद्दे पर विचार को 19 मार्च को निदेशक मंडल की बैठक बुलाई है. मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि ओएनजीसी ने दूसरा अंतरिम लाभांश देने से इनकार करते हुए कहा है कि उसके पास अंतरिम लाभांश के भुगतान के एक महीने के भीतर इस तरह के दूसरे भुगतान के लिए नकदी अधिशेष नहीं है.

नियमनों के तहत एक बार अंतरिम लाभांश के भुगतान के बाद एक महीने के भीतर ही दूसरा अंतरिम लाभांश नहीं दे सकती. इस तरह के भुगतान के लिए ओएनजीसी जैसी कंपनियों को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अनुमति लेनी होगी.

सूत्रों का कहना है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रहण कम रहने की वजह से सरकार के लिए राजकोषीय घाटे के 3.4 प्रतिशत के लक्ष्य को पाना मुश्किल होगा. सूत्रों ने बताया कि जीएसटी संग्रहण लक्ष्य से 30,000 से 40,000 करोड़ रुपये और प्रत्यक्ष कर संग्रहण भी इतना ही कम रहने का अनुमान है.

आईओसी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक 19 मार्च, 2019 को बुलाई गई है. इस बैठक में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए दूसरे अंतरिम लाभांश पर विचार किया जाएगा.

(भाषा)


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