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कोविड संकट : ईपीएफओ ने अंशधारकों को दूसरी बार पैसा निकालने की अनुमति दी - कोविड 19

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पिछले साल की शुरुआत में अपने सदस्यों को महामारी के कारण आकस्मिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसा निकालने की अनुमति दी थी.

कोविड संकट : ईपीएफओ ने अंशधारकों को दूसरी बार पैसा निकालने की अनुमति दी
कोविड संकट : ईपीएफओ ने अंशधारकों को दूसरी बार पैसा निकालने की अनुमति दी
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Published : May 31, 2021, 7:29 PM IST

नई दिल्ली : सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करने वाले निकाय ईपीएफओ ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के मद्देनजर अपने पांच करोड़ से अधिक अंशधारकों को राहत देने के इरादे से पीएफ खाते से दूसरी बार पैसा निकालने की अनुमति दी है.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पिछले साल की शुरुआत में अपने सदस्यों को महामारी के कारण आकस्मिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसा निकालने की अनुमति दी थी.

इसके तहत सदस्यों को तीन महीने का मूल वेतन (मूल वेतन + महंगाई भत्ता) या उनके भविष्य निधि खाते में जमा राशि का 75 प्रतिशत तक, जो भी कम हो, निकालने की अनुमति दी गई है.

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान अपने अंशधारकों की मदद करने के लिए ईपीएफओ ने अपने सदस्यों को दूसरी बार कोविड​-19 अग्रिम लेने की इजाजत दी है, जिसे वापस नहीं करना होगा.'

ये भी पढ़ें : जीडीपी : 2020-21 में 7.3 फीसदी गिरी भारतीय अर्थव्यवस्था

महामारी के दौरान सदस्यों की वित्तीय जरूरत को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत विशेष निकासी का प्रावधान मार्च 2020 में किया गया था.

इस आशय का एक संशोधन कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 में किया गया था.

इस प्रावधान के तहत तीन महीने के लिए मूल वेतन और महंगाई भत्ते (जो मूल वेतन के रूप में हो) की सीमा तक या ईपीएफ खाते में सदस्य की कुल राशि के 75 प्रतिशत तक, जो भी कम हो, धनराशि निकाली जा सकती है, जिसे वापस करने की जरूरत नहीं है.

सदस्य कम राशि के लिए भी आवेदन कर सकते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करने वाले निकाय ईपीएफओ ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के मद्देनजर अपने पांच करोड़ से अधिक अंशधारकों को राहत देने के इरादे से पीएफ खाते से दूसरी बार पैसा निकालने की अनुमति दी है.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पिछले साल की शुरुआत में अपने सदस्यों को महामारी के कारण आकस्मिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसा निकालने की अनुमति दी थी.

इसके तहत सदस्यों को तीन महीने का मूल वेतन (मूल वेतन + महंगाई भत्ता) या उनके भविष्य निधि खाते में जमा राशि का 75 प्रतिशत तक, जो भी कम हो, निकालने की अनुमति दी गई है.

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान अपने अंशधारकों की मदद करने के लिए ईपीएफओ ने अपने सदस्यों को दूसरी बार कोविड​-19 अग्रिम लेने की इजाजत दी है, जिसे वापस नहीं करना होगा.'

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महामारी के दौरान सदस्यों की वित्तीय जरूरत को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत विशेष निकासी का प्रावधान मार्च 2020 में किया गया था.

इस आशय का एक संशोधन कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 में किया गया था.

इस प्रावधान के तहत तीन महीने के लिए मूल वेतन और महंगाई भत्ते (जो मूल वेतन के रूप में हो) की सीमा तक या ईपीएफ खाते में सदस्य की कुल राशि के 75 प्रतिशत तक, जो भी कम हो, धनराशि निकाली जा सकती है, जिसे वापस करने की जरूरत नहीं है.

सदस्य कम राशि के लिए भी आवेदन कर सकते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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