चंडीगढ़: केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि अगले पांच साल में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन उनकी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है. मंत्री के अनुसार वह चाहती हैं कि किसानों के बच्चे रोजगार तलाशने वालों के बजाय नौकरी देने वाले बनें.
तीन बार की सांसद बादल ने कहा कि नई योजना 'ग्राम समृद्धि योजना' विश्वबैंक के सहयोग से तैयार की गयी है और इसे जल्दी ही क्रियान्वित किया जाएगा. इस योजना का मकसद असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को लाभ पहुंचाना है.
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उन्होंने कहा, "जिन क्षेत्रों पर हमारा जोर होगा, उसमें ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन शामिल होगा. मैं चाहती हूं कि किसानों के बच्चे रोजगार तलाशने वाले की जगह नौकरी देने वाले बने."
मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय किसानों को खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में जाने और फसलों के मूल्यवर्द्धन के लिये जरूरी जानकारी के साथ उनकी मदद करेगा और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएगा. उन्होंने कहा, "कृषि क्षेत्र में जो भी उपजता है, उसका मूल्य वर्द्धन होना चाहिए ताकि गांवों में रहने वाले बच्चे खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आयें और रोजगार सृजन करने वाले बनें."
बादल ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण के लिये बुनियादी ढांच सृजन, खाद्यान्न बर्बादी कम करने तथा फसलों के मूल्य वर्द्धन पर उनके मंत्रालय का जोर होगा. अपनी योजना साझा करते हुए 53 वर्षीय केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्राम समृद्धि योजना पायलट आधार पर तीन-चार राज्यों में शुरू की जाएगी.
उन्होंने कहा, "मैंने नई योजना ग्राम समृद्धि योजना पर दो साल काम किया और यह छाटे किसानों के लिये है. हम छोटे किसानों को उपज के मूल्यवर्द्धन या प्रसंस्करण या पैकेजिंग, संरक्षण, जूस बनाने समेत अन्य कार्यों को लेकर अनुदान देंगे."
बादल ने कहा कि जिन किसानों की परियोजना 10 लाख रुपये से नीचे है, उन्हें मशीन के लिये 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. योजना के तहत 70,000 से 90,000 सूक्ष्म इकाइयां स्थापित करने की योजना है.
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इस योजना को अगले कुछ दिनों में मंत्रिमंडल में अंतिम रूप दिया जाएगा." मंत्री ने कहा कि वह खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिये एक कोष बनाने की दिशा में भी काम कर रही है.
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन पर होगा जोर, ग्राम समृद्धि योजना शुरू करेंगे: हरसिमरत - Employment Generation
तीन बार की सांसद बादल ने कहा कि नई योजना 'ग्राम समृद्धि योजना' विश्वबैंक के सहयोग से तैयार की गयी है और इसे जल्दी ही क्रियान्वित किया जाएगा. इस योजना का मकसद असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को लाभ पहुंचाना है.
चंडीगढ़: केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि अगले पांच साल में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन उनकी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है. मंत्री के अनुसार वह चाहती हैं कि किसानों के बच्चे रोजगार तलाशने वालों के बजाय नौकरी देने वाले बनें.
तीन बार की सांसद बादल ने कहा कि नई योजना 'ग्राम समृद्धि योजना' विश्वबैंक के सहयोग से तैयार की गयी है और इसे जल्दी ही क्रियान्वित किया जाएगा. इस योजना का मकसद असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को लाभ पहुंचाना है.
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उन्होंने कहा, "जिन क्षेत्रों पर हमारा जोर होगा, उसमें ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन शामिल होगा. मैं चाहती हूं कि किसानों के बच्चे रोजगार तलाशने वाले की जगह नौकरी देने वाले बने."
मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय किसानों को खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में जाने और फसलों के मूल्यवर्द्धन के लिये जरूरी जानकारी के साथ उनकी मदद करेगा और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएगा. उन्होंने कहा, "कृषि क्षेत्र में जो भी उपजता है, उसका मूल्य वर्द्धन होना चाहिए ताकि गांवों में रहने वाले बच्चे खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आयें और रोजगार सृजन करने वाले बनें."
बादल ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण के लिये बुनियादी ढांच सृजन, खाद्यान्न बर्बादी कम करने तथा फसलों के मूल्य वर्द्धन पर उनके मंत्रालय का जोर होगा. अपनी योजना साझा करते हुए 53 वर्षीय केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्राम समृद्धि योजना पायलट आधार पर तीन-चार राज्यों में शुरू की जाएगी.
उन्होंने कहा, "मैंने नई योजना ग्राम समृद्धि योजना पर दो साल काम किया और यह छाटे किसानों के लिये है. हम छोटे किसानों को उपज के मूल्यवर्द्धन या प्रसंस्करण या पैकेजिंग, संरक्षण, जूस बनाने समेत अन्य कार्यों को लेकर अनुदान देंगे."
बादल ने कहा कि जिन किसानों की परियोजना 10 लाख रुपये से नीचे है, उन्हें मशीन के लिये 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. योजना के तहत 70,000 से 90,000 सूक्ष्म इकाइयां स्थापित करने की योजना है.
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इस योजना को अगले कुछ दिनों में मंत्रिमंडल में अंतिम रूप दिया जाएगा." मंत्री ने कहा कि वह खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिये एक कोष बनाने की दिशा में भी काम कर रही है.
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन पर होगा जोर, ग्राम समृद्धि योजना शुरू करेंगे: हरसिमरत
चंडीगढ़: केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि अगले पांच साल में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन उनकी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है. मंत्री के अनुसार वह चाहती हैं कि किसानों के बच्चे रोजगार तलाशने वालों के बजाय नौकरी देने वाले बनें.
तीन बार की सांसद बादल ने कहा कि नई योजना 'ग्राम समृद्धि योजना' विश्वबैंक के सहयोग से तैयार की गयी है और इसे जल्दी ही क्रियान्वित किया जाएगा. इस योजना का मकसद असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को लाभ पहुंचाना है.
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उन्होंने कहा, "जिन क्षेत्रों पर हमारा जोर होगा, उसमें ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन शामिल होगा. मैं चाहती हूं कि किसानों के बच्चे रोजगार तलाशने वाले की जगह नौकरी देने वाले बने."
मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय किसानों को खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में जाने और फसलों के मूल्यवर्द्धन के लिये जरूरी जानकारी के साथ उनकी मदद करेगा और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएगा. उन्होंने कहा, "कृषि क्षेत्र में जो भी उपजता है, उसका मूल्य वर्द्धन होना चाहिए ताकि गांवों में रहने वाले बच्चे खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आयें और रोजगार सृजन करने वाले बनें."
बादल ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण के लिये बुनियादी ढांच सृजन, खाद्यान्न बर्बादी कम करने तथा फसलों के मूल्य वर्द्धन पर उनके मंत्रालय का जोर होगा. अपनी योजना साझा करते हुए 53 वर्षीय केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्राम समृद्धि योजना पायलट आधार पर तीन-चार राज्यों में शुरू की जाएगी.
उन्होंने कहा, "मैंने नई योजना ग्राम समृद्धि योजना पर दो साल काम किया और यह छाटे किसानों के लिये है. हम छोटे किसानों को उपज के मूल्यवर्द्धन या प्रसंस्करण या पैकेजिंग, संरक्षण, जूस बनाने समेत अन्य कार्यों को लेकर अनुदान देंगे."
बादल ने कहा कि जिन किसानों की परियोजना 10 लाख रुपये से नीचे है, उन्हें मशीन के लिये 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. योजना के तहत 70,000 से 90,000 सूक्ष्म इकाइयां स्थापित करने की योजना है.
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इस योजना को अगले कुछ दिनों में मंत्रिमंडल में अंतिम रूप दिया जाएगा." मंत्री ने कहा कि वह खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिये एक कोष बनाने की दिशा में भी काम कर रही है.
Conclusion: