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इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं ने जीएसटी में कमी का स्वागत किया

एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि जीएसटी कम होने से बैटरी और पेट्रोलियम ईंधन से चलने वाले वाहनों के दामों में अंतर घटेगा तथा लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपेक्षाकृत तेजी से अपनाएंगे.

इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं ने जीएसटी में कमी का स्वागत किया
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Published : Jul 27, 2019, 3:47 PM IST

नई दिल्ली: इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं के मंच 'सोसाइटी आफ मैन्यूफैक्चरर्स आफ इलेक्टि्क वीकल्स (एसएमईवी)' ने ऐसे वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटा कर पांच प्रतिशत किये जाने का स्वागत किया है और इसे पर्यावरण अनुकूल आवागमन के साधनों को बढ़ाने की सरकार की नीति के अनुरूप बताया है.

एसएमईवी ने इलेक्ट्रिक वाहनों की अलग से बिकने वाली स्पेयर बैटरी पर भी कर घटाने की मांग की है. एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि जीएसटी कम होने से बैटरी और पेट्रोलियम ईंधन से चलने वाले वाहनों के दामों में अंतर घटेगा तथा लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपेक्षाकृत तेजी से अपनाएंगे.

उन्होंने कहा कि, "पिछले कुछ समय से सरकार इलेक्ट्रिक वाहन को प्रोत्साहित करने का इरादा साफ साफ दिखाना शुरू किया है. जीएसटी में यह कमी सरकार की ओर से इस दिशा में उठाया गया एक कदम है."

ये भी पढ़ें: जीएसटी दरों में कटौती से सस्ते होंगे इलेक्ट्रिक वाहन

उन्होंने कहा कि हम जीएसटी में सात प्रतिशत की कमी का स्वागत करते हैं. इससे विद्युत चालित और पिस्टन सिलेंडर वाले पेट्रोलियम ईंधन चालित वाहनों के बीच का अंतर कम होगा.

उन्होंने कहा कि फेम-2 नीति से निराशा हुई थी पर शुल्क में कमी का यह कदम "राष्ट्रीय विद्युत वाहन नीति का एक उल्लेखनीय बिंदु है."

उन्होंने कहा कि स्पेयर बैटरी पर भी शुल्क घटाया जाना चाहिए जो इस समय 18 प्रतिशत है. उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने शनिवार को इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया. यह फैसला एक अगस्त से प्रभावी होगा.

इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर पर भी जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है. अधिकार प्राप्त जीएसटी परिषद की बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई.

नई दिल्ली: इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं के मंच 'सोसाइटी आफ मैन्यूफैक्चरर्स आफ इलेक्टि्क वीकल्स (एसएमईवी)' ने ऐसे वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटा कर पांच प्रतिशत किये जाने का स्वागत किया है और इसे पर्यावरण अनुकूल आवागमन के साधनों को बढ़ाने की सरकार की नीति के अनुरूप बताया है.

एसएमईवी ने इलेक्ट्रिक वाहनों की अलग से बिकने वाली स्पेयर बैटरी पर भी कर घटाने की मांग की है. एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि जीएसटी कम होने से बैटरी और पेट्रोलियम ईंधन से चलने वाले वाहनों के दामों में अंतर घटेगा तथा लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपेक्षाकृत तेजी से अपनाएंगे.

उन्होंने कहा कि, "पिछले कुछ समय से सरकार इलेक्ट्रिक वाहन को प्रोत्साहित करने का इरादा साफ साफ दिखाना शुरू किया है. जीएसटी में यह कमी सरकार की ओर से इस दिशा में उठाया गया एक कदम है."

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उन्होंने कहा कि हम जीएसटी में सात प्रतिशत की कमी का स्वागत करते हैं. इससे विद्युत चालित और पिस्टन सिलेंडर वाले पेट्रोलियम ईंधन चालित वाहनों के बीच का अंतर कम होगा.

उन्होंने कहा कि फेम-2 नीति से निराशा हुई थी पर शुल्क में कमी का यह कदम "राष्ट्रीय विद्युत वाहन नीति का एक उल्लेखनीय बिंदु है."

उन्होंने कहा कि स्पेयर बैटरी पर भी शुल्क घटाया जाना चाहिए जो इस समय 18 प्रतिशत है. उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने शनिवार को इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया. यह फैसला एक अगस्त से प्रभावी होगा.

इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर पर भी जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है. अधिकार प्राप्त जीएसटी परिषद की बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई.

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नई दिल्ली: इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं के मंच 'सोसाइटी आफ मैन्यूफैक्चरर्स आफ इलेक्टि्क वीकल्स (एसएमईवी)' ने ऐसे वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटा कर पांच प्रतिशत किये जाने का स्वागत किया है और इसे पर्यावरण अनुकूल आवागमन के साधनों को बढ़ाने की सरकार की नीति के अनुरूप बताया है.

एसएमईवी ने इलेक्ट्रिक वाहनों की अलग से बिकने वाली स्पेयर बैटरी पर भी कर घटाने की मांग की है. एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि जीएसटी कम होने से बैटरी और पेट्रोलियम ईंधन से चलने वाले वाहनों के दामों में अंतर घटेगा तथा लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपेक्षाकृत तेजी से अपनाएंगे.

उन्होंने कहा कि, "पिछले कुछ समय से सरकार इलेक्ट्रिक वाहन को प्रोत्साहित करने का इरादा साफ साफ दिखाना शुरू किया है. जीएसटी में यह कमी सरकार की ओर से इस दिशा में उठाया गया एक कदम है."

उन्होंने कहा कि हम जीएसटी में सात प्रतिशत की कमी का स्वागत करते हैं. इससे विद्युत चालित और पिस्टन सिलेंडर वाले पेट्रोलियम ईंधन चालित वाहनों के बीच का अंतर कम होगा.

उन्होंने कहा कि फेम-2 नीति से निराशा हुई थी पर शुल्क में कमी का यह कदम "राष्ट्रीय विद्युत वाहन नीति का एक उल्लेखनीय बिंदु है."

उन्होंने कहा कि स्पेयर बैटरी पर भी शुल्क घटाया जाना चाहिए जो इस समय 18 प्रतिशत है. उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने शनिवार को इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया. यह फैसला एक अगस्त से प्रभावी होगा.

इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर पर भी जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है. अधिकार प्राप्त जीएसटी परिषद की बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई.

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