नई दिल्ली: उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने डिजिटल मीडिया क्षेत्र में 26 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दिये जाने के सरकार के फैसले को लेकर कुछ पक्षों द्वारा उठाये गये मुद्दों पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से उसके विचार मांगे हैं.
सरकार ने अगस्त में प्रिंट मीडिया की तरह डिजिटल मीडिया क्षेत्र में भी समाचारों और सम-सामयिक विषयों को अपलोड/प्रसारित करने के क्षेत्र में सरकारी मार्ग से 26 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दे दी.
उद्योग से जुड़ी कुछ इकाइयों और विशेषज्ञों का कहना है कि क्षेत्र में 26 प्रतिशत एफडीआई सीमा नियत किये जाने से कुछ सवाल उठे हैं जिसके बारे में स्पष्टीकरण की जरूरत है क्योंकि कुछ कंपनियां जो कि कोष जुटाने के बारे में सोच रही थीं उन पर प्रतिबंध लग सकता है.
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अधिकारी ने कहा, "निर्णय को लेकर जो मुद्दे उठाये गये हैं, हमने उसे सूचना और प्रसारण मंत्रालय को भेजा है. वे उपयुक्त स्पष्टीकरण को लेकर उस पर गौर कर रहे हैं."
उसने कहा कि क्षेत्र में एफडीआई की मंजूरी सरकारी मार्ग के जरिये दी गयी है, इसीलिए मंत्रालय से परामर्श मांगा गया है. डेलायॅट इंडिया के भागीदार जेहिल ठक्कर ने कहा था कि उन टेलीविजन प्रसारकों के मामले में किस तरह का व्यवहार होगा जो ऑनलाइन समाचारों का प्रसारण करते हैं लेकिन उन्हें 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है.
उन्होंने कहा, "उन समाचार वेबसाइट का क्या होगा जो 100 प्रतिशत विदेशी इकाई हैं?" इंटरनेट एण्ड मोबाइल एसोसियेसन आफ इंडिया ने भी इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है.