नई दिल्ली: वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 संकट ने पहले से मांग में गिरावट का सामना कर रहे वाहन उद्योग की हालत और पतली की है. ऐसे में मौजूदा समय में उन्हें वाहन क्षेत्र में किसी तरह का निवेश होता नहीं दिखता है.
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कंपनियां किसी तरह की नयी प्रौद्योगिकी पर निवेश करने की स्थिति में नहीं है. ऐसे में ई-वाहन क्रांति को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार के समर्थन की जरूरत है. भारत इस मौके को छोड़ नहीं सकता है.
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत में वढेरा ने कहा कि लॉकडाउन में राहत के बाद कंपनियों ने धीरे-धीरे वाहनों का उत्पादन शुरू किया है. लेकिन कारखानों का परिचालन उनकी स्थापित क्षमता से बहुत कम स्तर पर हो रहा है.
उन्होंने कहा, "वर्ष 2018 के उच्चतम स्तर पर पहुंचने में अभी तीन से चार साल और लगेंगे. इसलिए (मौजूदा जरूरत पूरा करने के लिए) वाहन कंपनियों के पास पर्याप्त क्षमता मौजूद है जिसकी वजह से क्षेत्र में किसी तरह के निवेश की जरूरत नहीं है. इसके अलावा वाहन उद्योग ने बीएस-4 से बीएस-6 व्यवस्था पर परिवर्तन के लिए तीन वर्ष से भी कम की अवधि में भारी-भरकम निवेश किया है."
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वढेरा ने कहा कि वाहन क्षेत्र को चालू वर्ष में विभिन्न श्रेणियों के वाहनों के हिसाब से बिक्री में 26 से 45 प्रतिशत तक गिरावट आने की आशंका है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "पिछले साल की स्थिति को भी जोड़ लें तो दो सालों में हम 50 प्रतिशत की गिरावट देख रहे हैं. अब जब मांग आधी है तो मुझे नहीं लगता कि इस क्षेत्र में कोई निवेश करेगा."
(पीटीआई-भाषा)