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झारखंड: देवघर में होटल कारोबार पर लॉकडाउन की मार, 250 करोड़ से ज्यादा का नुकसान - झारखंड लॉकडाउन

देवघर धार्मिक नगरी होने के कारण यहां शादी समारोह से लेकर अन्य मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है. जिसके लिए यहां के होटल और मैरिज गार्डनों में अक्सर भीड़-भाड़ देखी जाती है. मगर कोरोना महामारी को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के कारण अबतक इन होटल और मैरिज गार्डनों के व्यवसाय में ढाई सौ करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है.

झारखंड: देवघर में होटल कारोबार पर कोरोना की मार, 250 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
झारखंड: देवघर में होटल कारोबार पर कोरोना की मार, 250 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
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Published : May 4, 2020, 5:10 PM IST

देवघर: जिले में बाबा मंदिर होने के कारण यहां सबसे अधिक मांगलिक कार्य होते हैं. शुभ दिनों में बाबा मंदिर प्रांगण में शादी ब्याह को लेकर यहां झारखंड, बिहार, बंगाल के अलावे अन्य राज्यों सहित देश विदेश से लोग पहुंचते हैं.

देखें पूरी खबर

ऐसा माना जाता है कि यहां किए गए शादी या अन्य मंगल कार्य से जन्म-जन्मांतर तक फल की प्राप्ति होती है. ऐसे में यहां पहुंचने वाले यात्री सभी होटल या मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल बुकिंग कर अनुष्ठान कराते हैं. लेकिन लॉकडाउन के कारण सबकुछ वीरान पड़ा गया है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन : हीरो मोटोकॉर्प के तीन कारखानों में उत्पादन फिर शुरू

कई दिनों से बंद पड़े हैं होटल, मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल

बता दें कि देवनगरी देवघर के बाबा मंदिर में इन दिनों लगन के समय में लगभग 300 शादियां होती थी. साथ ही देवघर में लगभग 60 मैरिज गार्डन और बैंक्विट हॉल हैं. छोटे-बड़े 150 होटल हैं. जहां इस कोरोना महामारी के कारण सन्नाटा पसरा है. होटल, मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल में एक आकलन के मुताबिक, 20 छोटे बड़े शादी ब्याह सहित अन्य मांगलिक कार्य होते थे.

विरान पड़ा मैरिज हॉल
विरान पड़ा मैरिज हॉल

अब इसके बंद होने से लगभग ढाई सौ करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. इससे जुड़े व्यवसायियों की कमर टूट गई है. ऐसे में अब सरकार से बिजली बिल के फिक्सेशन सहित नगर निगम टैक्स और जीएसटी सहित सभी कर माफ करने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं.

व्यवसाय ठप
होटल संचालकों की माने तो सभी रेस्टोरेंट में गेस्टों का आना बिल्कुल ही बंद हैं. देवघर धार्मिक नगरी के साथ पर्यटक स्थल होने के कारण आने वाले यात्रियों पर ही यहां की होटल व्यवसाय टिकी हुई थी, जो पूरी तरह से ठप है.

बंद पड़ा रिसॉर्ट
बंद पड़ा रिसॉर्ट

मदद की गुहार
कुल मिलाकर देवनगरी में कोरोना महामारी होटल संचालकों के लिए एक भारी मुसीबत लेकर आई है. ऐसे में व्यवसायी सरकार से बिजली बिल सहित सभी तरह के कर पर रियायत की मांग कर मदद की गुहार लगा रहे हैं.

देवघर: जिले में बाबा मंदिर होने के कारण यहां सबसे अधिक मांगलिक कार्य होते हैं. शुभ दिनों में बाबा मंदिर प्रांगण में शादी ब्याह को लेकर यहां झारखंड, बिहार, बंगाल के अलावे अन्य राज्यों सहित देश विदेश से लोग पहुंचते हैं.

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ऐसा माना जाता है कि यहां किए गए शादी या अन्य मंगल कार्य से जन्म-जन्मांतर तक फल की प्राप्ति होती है. ऐसे में यहां पहुंचने वाले यात्री सभी होटल या मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल बुकिंग कर अनुष्ठान कराते हैं. लेकिन लॉकडाउन के कारण सबकुछ वीरान पड़ा गया है.

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कई दिनों से बंद पड़े हैं होटल, मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल

बता दें कि देवनगरी देवघर के बाबा मंदिर में इन दिनों लगन के समय में लगभग 300 शादियां होती थी. साथ ही देवघर में लगभग 60 मैरिज गार्डन और बैंक्विट हॉल हैं. छोटे-बड़े 150 होटल हैं. जहां इस कोरोना महामारी के कारण सन्नाटा पसरा है. होटल, मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल में एक आकलन के मुताबिक, 20 छोटे बड़े शादी ब्याह सहित अन्य मांगलिक कार्य होते थे.

विरान पड़ा मैरिज हॉल
विरान पड़ा मैरिज हॉल

अब इसके बंद होने से लगभग ढाई सौ करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. इससे जुड़े व्यवसायियों की कमर टूट गई है. ऐसे में अब सरकार से बिजली बिल के फिक्सेशन सहित नगर निगम टैक्स और जीएसटी सहित सभी कर माफ करने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं.

व्यवसाय ठप
होटल संचालकों की माने तो सभी रेस्टोरेंट में गेस्टों का आना बिल्कुल ही बंद हैं. देवघर धार्मिक नगरी के साथ पर्यटक स्थल होने के कारण आने वाले यात्रियों पर ही यहां की होटल व्यवसाय टिकी हुई थी, जो पूरी तरह से ठप है.

बंद पड़ा रिसॉर्ट
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मदद की गुहार
कुल मिलाकर देवनगरी में कोरोना महामारी होटल संचालकों के लिए एक भारी मुसीबत लेकर आई है. ऐसे में व्यवसायी सरकार से बिजली बिल सहित सभी तरह के कर पर रियायत की मांग कर मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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