रायपुर: देश की अर्थव्यस्था का हाल बेहाल है. रोजगार, निवेश तो छोड़िए, निजी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर छटनी ने सबकी पेशानी पर बल डाल दिया है. ऑटो मोबाइल हो या रियल स्टेट कारोबार सब जगह मंदी का साफ असर देखा जा रहा है. लेकिन भारत के ही छोटे से राज्य छत्तीसगढ़ के रियल स्टेट कारोबार में मंदी का असर नहीं है और इसका दावा खुद प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल करते हैं.
जहां एक तरफ देश मंदी की मार से जूझ रहा है. वहीं छत्तीसगढ़ में रियल स्टेट में जमकर निवेश हो रहा है. 25 जुलाई से 10 सितंबर तक की अवधि में छत्तीसगढ़ में जमीनों की बिक्री में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है. यही वजह है कि अब कांग्रेस कह रही है गुजरात मॉडल छोड़िए, छत्तीसगढ़ मॉडल अपनाइए. वहीं भाजपा कह रही है कि इकनॉमी में ग्रोथ पूरे देश में एक साथ रहती है. बीजेपी का कहना है कि यहां ग्रोथ हो रही है तो दिखना चाहिए, लेकिन कहीं कोई काम नही दिख रहा है.
- रमन सरकार के शासनकाल में राज्य में छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री पर रोक लगी थी, जिसे भूपेश सरकार ने हाल ही में हटाया था.
- छोटे भूखंडों की बिक्री में इससे काफी तेजी आई. एक जनवरी से लेकर अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें, तो करीब 76 हजार छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री हुई है.
- बीते 45 दिनों में यानी जबसे प्रॉपर्टी गाइडलाइन दर में कमी और पंजीकरण शुल्क में वृद्धि हुई है, 27393 भू पंजीकरण दर्ज किए गए हैं, जबकि बीते बरस के आंकड़े की तुलना में यह आंकड़ा 9541 अधिक है.
- आंकड़ों की मानें तो करीब 69 फीसदी अतिरिक्त राजस्व सरकार को मिला है.
- आंकड़ों में यह बढ़ोतरी भूपेश सरकार के उस फैसले के बाद हुई है, जिसमें सरकारी जमीन की कीमत यानी कलेक्टर गाइडलाइन में 30 फीसदी की कमी की गई थी.
इससे पहले भी 10 सितंबर को बघेल ने ट्वीट करके केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा था.छत्तीसगढ़ में इकोनॉमी ग्रोथ के आंकड़े के दावे करके कांग्रेस सरकार केंद्र की मोदी सरकार को छत्तीसगढ़ मॉडल अपनाने की नसीहत दे रही है. लेकिन भाजपा को लगता है भूपेश सरकार खाली लकीर पीट रही है.
भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल कहते है कि स्वागत है अगर छत्तीसगढ़ में इकोनामी ग्रोथ हो रही है.अग्रवाल का कहना है कि वैसे इकनॉमी में ग्रोथ देश भर में एक साथ दिखती है. अगर यहां टैक्स अच्छा मिल रहा है, सरकार ग्रोथ कर रही है तो सरकार को अच्छा काम करके दिखाना चाहिए. बीजेपी नेता कहते हैं कि कहीं भी कोई काम नहीं दिख रहा है.
प्रदेश में पंचायत स्तर में काम पूरी तरह से अवरुद्ध पड़ा है. अगर सरकार विकास और ग्रोथ की बात कर रही है तो काम करके दिखाना चाहिए.
क्या कहते हैं अर्थशास्त्री-
- राजनेताओं की बयानबाजी और दावों के बीच अर्थव्यवस्था को समझने वाले विद्वानों का नजरिया भी जानना जरूरी हो जाता है. प्रदेश के वरिष्ठ अर्थशास्त्री जेएल भारद्वाज के मुताबिक हर क्षेत्र में विकास की दर कम हो रही है.
- छत्तीसगढ़ की विकास दर को लेकर वे कहते हैं कि सरकार की अच्छी पहल जरूर है. लेकिन सरकारी स्तर पर उद्योग नीति में कोई बदलाव नहीं किया है. अर्थशास्त्री कहते हैं कि आयात नीति में, व्यापार नीति में कोई परिवर्तन नहीं किया है. उद्योगपति और व्यापारी कारोबार ठप है, नीति में परिवर्तन की मांग कर रहे हैं.
- किसानों की कर्जमाफी और धान की बढ़ी हुई एमएसपी से उनके लिए कुछ अच्छा जरूर हुआ है.
- अर्थशास्त्री कहते हैं कि किसान कर्ज की मांग लगातार कर रहे हैं. वे अपने पैसे से खेती नहीं करना चाह रहे है क्योंकि सरकार उनको कर्ज दे रही है और ये एक चिंता का विषय है.