नई दिल्ली: भारत को चीन से आयात निर्भरता घटाने के लिए एक सुविचारित कदम उठाने की जरूरत है, न कि उसे अचानक रोक देने की. यह बात एसबीआई ईकोरैप की रपट में कही गई है. मौजूदा समय में सीमा पर गतिरोध के बाद चीन से आयात प्रतिबंधित करने की मांग जोर पकड़े हुए हैं.
एसबीआई ईकोरैप रिपोर्ट के अनुसार, भारत को उन खास उत्पादों पर प्रतिबंध जरूर लगाने चाहिए, जिनमें देश के पास चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने की जाहिर क्षमता है, और इससे देश के एमएसएमई को मदद मिलेगी.
रिपोर्ट में कहा गया है, "लेकिन एक ऐसा देश जो हमारी आर्थिक प्रणाली में इस तरह से घुसा हुआ है, वहां से एक बार में सभी आयात को बंद करने की मांग करना अनुचित है और इससे स्थानीय आपूर्ति श्रंखला बाधित हो जाएगी."
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सस्ते विनिर्माण वाले ढेर सारे उत्पादों के लिए चीन पर निर्भर है.
वित्त वर्ष 1997 में 22 ऐसी कैटेगरीज थी, जिसमें भारत किसी भी चीज का आयात चीन से नहीं करता था, जिनका आयात मूल्य वित्त वर्ष 2020 में लगभग 50 करोड़ डॉलर हो गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है, "सैद्धांतिक रूप से चीन सभी अन्य कैटेगरीत में फैल चुका है, जिसमें कम मूल्य के विनिर्माण से लेकर उच्च मूल्य के विद्युत सामान शामिल हैं."
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रिपोर्ट में कहा गया है, "यद्यपि उन कैटेगरीज में मूल्यवार आयात बहुत कम है, जिसमें चीन ने वर्षो से आयात शुरू कर रखा है. ये कुछ श्रम केंद्रित और स्माल स्केल इंडस्ट्रीज हैं, जैसे सब्जियों के बने बनाए उत्पाद, फल, अनाज, आटा, मांस और मछली, मिलिंग इंडस्ट्री के उत्पाद, लकड़ी और लकड़ी की वस्तुएं, पगड़ी और उसके पार्ट."
रिपोर्ट के अनुसार, इस बिंदु पर अत्यंत सावधानी बरतने की जरूरत है कि विविध विकल्पों के रूप में उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा की जाए. यहीं पर यह भी सुनिश्चित किया जाए कि चीन उन स्थानीय उद्योगों को निगल न सके, जो इन क्षेत्रों में आसानी से क्षमता निर्माण कर सकते हैं, और भारत को इन उत्पादों के आयात की जरूरत नहीं होगी.
(आईएएनएस)