नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा, "मंत्रिमंडल ने वोडाफोन आइडिया के 5,000 करोड़ से अधिक राशि के प्रस्तावित विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यह राशि 25,000 करोड़ रुपये तक जा सकती है."
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के निदेशक मंडल ने पिछले महीने उसके मौजूदा पात्र इक्विटी अंशधारकों को राइट इश्यू जारी कर 25,000 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. प्रस्तावित राइट इश्यू से वोडाफोन आइडिया को भारत में रिलायंस जियो सहित अन्य दूरसंचार कंपनियों को कड़ी टक्कर देने में मदद मिलेगी.
दूरसंचार सेवा क्षेत्र में 100 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति है, जिसके तहत 49 प्रतिशत एफडीआई स्वतः रूट या मंजूरी और 49 प्रतिशत से अधिक एफडीआई सरकारी मंजूरी के जरिये संभव है. इसके तहत लाइसेंसधारक के साथ-साथ निवेशकों को भी उन लाइसेंसिंग एवं सुरक्षा शर्तों का पालन करना होगा, जिन्हें दूरसंचार विभाग (डॉट) द्वारा समय-समय पर अधिसूचित किया जाता है.
इसके अलावा, कंपनी में 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी गई है. हालांकि, वर्तमान एफडीआई नीति एवं प्रक्रिया के मद्देनजर 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए सरकार से मंजूरी लेना आवश्यक है, भले ही पहले से ही स्वीकृत विदेशी/एनआरआई इक्विटी के प्रतिशत में कोई भी बदलाव न हो.
तदनुसार, 5000 करोड़ रुपये से भी अधिक के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के साथ-साथ मेसर्स वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) में 25,000 करोड़ रुपये तक को मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही वीआईएल की सहायक कंपनियों में अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश में उन प्रस्तावित बदलावों को भी ध्यान में रखने को मंजूरी दी गई है, जो इक्विटी जुटाने की कवायद के तहत अनिवासी भारतीयों द्वारा इक्विटी शेयरों को खरीदने पर नजर आयेंगे.
(भाषा)
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