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बजट 2019: वित्तमंत्री ने की बैंकरों के साथ बैठक, बाजार में कैश बढ़ाने का दिया सुझाव

मोदी सरकार-2.0 का पूर्ण बजट 5 जुलाई को पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश होने से पहले उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मिलकर उनके सुझाव ले रही हैं.

बजट 2019: बाजार में कैश बढ़ाने पर है बैंकरों का जोर, वित्‍त मंत्री को दिया सुझाव
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Published : Jun 13, 2019, 4:25 PM IST

नई दिल्ली: मोदी सरकार-2.0 का पूर्ण बजट 5 जुलाई को पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश होने से पहले उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मिलकर उनके सुझाव ले रही हैं. उन्‍होंने गुरुवार को वित्‍तीय और पूंजी बाजार क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ प्री बजट मीटिंग की. सूत्रों ने बताया कि बैंकरों ने वित्‍त मंत्री से अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी यानी कैश फ्लो को लेकर चिंता जताई है.

सूत्रों ने बताया कि बैठक में एनबीएफसी क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने लिक्विडिटी बढ़ाने का सुझाव दिया. हालांकि बैंकरों ने पहले ही कह दिया था कि वे बिना सरकारी गारंटी के वित्‍तीय मदद नहीं करेंगे. फाइनेंशियल सेक्टर चाहता है कि अगर बैंक एनबीएफसी को मदद करते हैं तो यह सरकारी गारंटी के साथ ही संभव हो पाएगा. यानी बैंकों की आर्थिक सुरक्षा की गारन्टी सरकार को लेनी होगी.

ये भी पढ़ें- हरियाणा: जल संकट से उबरने के लिए सरकार का बड़ा फैसला, धान की खेती छोड़ने वालों को मिलेगी सब्सिडी

समाचार एजेंसी ने बैठक से पहले खबर दी थी कि वित्‍त मंत्री बैंकों को एमएसएमई और छोटे कर्जदारों के लिए साख प्रवाह सुगम बनाने के लिए कह सकती हैं. बैंकरों और वित्तीय सेवा संस्थानों के बीच बैठक में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति पर आरबीआई के संशोधित सर्कुलर पर अधिक जायजा लेने की उम्मीद है.

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, बैंक साख में 14.88 फीसदी की वृद्धि हुई है. वित्तमंत्री पीएसयू बैंकों को आरबीआई द्वारा प्रमुख ब्याज दर में कटौती के फायदे का हस्तांतरण आम ग्राहकों तक करने की याद दिला सकती हैं.

नई दिल्ली: मोदी सरकार-2.0 का पूर्ण बजट 5 जुलाई को पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश होने से पहले उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मिलकर उनके सुझाव ले रही हैं. उन्‍होंने गुरुवार को वित्‍तीय और पूंजी बाजार क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ प्री बजट मीटिंग की. सूत्रों ने बताया कि बैंकरों ने वित्‍त मंत्री से अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी यानी कैश फ्लो को लेकर चिंता जताई है.

सूत्रों ने बताया कि बैठक में एनबीएफसी क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने लिक्विडिटी बढ़ाने का सुझाव दिया. हालांकि बैंकरों ने पहले ही कह दिया था कि वे बिना सरकारी गारंटी के वित्‍तीय मदद नहीं करेंगे. फाइनेंशियल सेक्टर चाहता है कि अगर बैंक एनबीएफसी को मदद करते हैं तो यह सरकारी गारंटी के साथ ही संभव हो पाएगा. यानी बैंकों की आर्थिक सुरक्षा की गारन्टी सरकार को लेनी होगी.

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समाचार एजेंसी ने बैठक से पहले खबर दी थी कि वित्‍त मंत्री बैंकों को एमएसएमई और छोटे कर्जदारों के लिए साख प्रवाह सुगम बनाने के लिए कह सकती हैं. बैंकरों और वित्तीय सेवा संस्थानों के बीच बैठक में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति पर आरबीआई के संशोधित सर्कुलर पर अधिक जायजा लेने की उम्मीद है.

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, बैंक साख में 14.88 फीसदी की वृद्धि हुई है. वित्तमंत्री पीएसयू बैंकों को आरबीआई द्वारा प्रमुख ब्याज दर में कटौती के फायदे का हस्तांतरण आम ग्राहकों तक करने की याद दिला सकती हैं.

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बाजार में कैश बढ़ाने पर है बैंकरों का जोर, वित्‍त मंत्री को दिया सुझाव



मोदी सरकार-2.0 का पूर्ण बजट 5 जुलाई को पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश होने से पहले उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मिलकर उनके सुझाव ले रही हैं.



नई दिल्ली: मोदी सरकार-2.0 का पूर्ण बजट 5 जुलाई को पेश होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश होने से पहले उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मिलकर उनके सुझाव ले रही हैं. उन्‍होंने गुरुवार को वित्‍तीय और पूंजी बाजार क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ प्री बजट मीटिंग की. सूत्रों ने बताया कि बैंकरों ने वित्‍त मंत्री से अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी यानी कैश फ्लो को लेकर चिंता जताई है. 

सूत्रों ने बताया कि बैठक में एनबीएफसी क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने लिक्विडिटी बढ़ाने का सुझाव दिया. हालांकि बैंकरों ने पहले ही कह दिया था कि वे बिना सरकारी गारंटी के वित्‍तीय मदद नहीं करेंगे. फाइनेंशियल सेक्टर चाहता है कि अगर बैंक एनबीएफसी को मदद करते हैं तो यह सरकारी गारंटी के साथ ही संभव हो पाएगा. यानी बैंकों की आर्थिक सुरक्षा की गारन्टी सरकार को लेनी होगी.

समाचार एजेंसी ने बैठक से पहले खबर दी थी कि वित्‍त मंत्री बैंकों को एमएसएमई और छोटे कर्जदारों के लिए साख प्रवाह सुगम बनाने के लिए कह सकती हैं. बैंकरों और वित्तीय सेवा संस्थानों के बीच बैठक में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति पर आरबीआई के संशोधित सर्कुलर पर अधिक जायजा लेने की उम्मीद है.

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, बैंक साख में 14.88 फीसदी की वृद्धि हुई है. वित्तमंत्री पीएसयू बैंकों को आरबीआई द्वारा प्रमुख ब्याज दर में कटौती के फायदे का हस्तांतरण आम ग्राहकों तक करने की याद दिला सकती हैं.


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