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कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में खत्म हो सकती हैं 2.5 करोड़ नौकरियां: संयुक्त राष्ट्र

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Published : Mar 19, 2020, 2:31 PM IST

आईएलओ ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते पैदा हुए आर्थिक और श्रम संकट से दुनिया भर में करीब 2.5 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं.

कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में खत्म हो सकती हैं 2.5 करोड़ नौकरियां: संयुक्त राष्ट्र
कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में खत्म हो सकती हैं 2.5 करोड़ नौकरियां: संयुक्त राष्ट्र

न्यूयार्क: संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया भर में लगभग 2.5 करोड़ नौकरियां खत्म हो सकती हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वित नीतिगत कार्रवाई के जरिए वैश्विक बेरोजगारी पर कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकती है.

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने "कोविड-19 और कामकाजी दुनिया: प्रभाव और कार्रवाई" शीर्षक वाली अपनी प्रारंभिक मूल्यांकन रिपोर्ट में कार्यस्थल में श्रमिकों की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था को मदद और रोजगार तथा आमदनी को बनाए रखने के लिए तत्काल, बड़े पैमाने पर और समन्वित उपायों का आह्वान किया है.

ये भी पढ़ें- निजी क्षेत्र पैसे खोने की कीमत पर भी कोरोना वायरस का परीक्षण करने के लिए तैयार: डॉ. त्रेहन

आईएलओ ने कहा कि इन उपायों में सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना, रोजगार बनाए रखने में सहायता (यानी कम अवधि का काम, वैतनिक अवकाश, अन्य सब्सिडी) और छोटे तथा मझोले उद्योगों के लिए वित्तीय और कर राहत शामिल हैं.

आईएलओ ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते पैदा हुए आर्थिक और श्रम संकट से दुनिया भर में करीब 2.5 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि जैसा 2008 के संकट में देखा गया था, अगर हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वित नीतिगत कार्रवाई पर गंभीरता से अमल करें तो वैश्विक बेरोजगारी पर प्रभाव काफी कम हो सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

न्यूयार्क: संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया भर में लगभग 2.5 करोड़ नौकरियां खत्म हो सकती हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वित नीतिगत कार्रवाई के जरिए वैश्विक बेरोजगारी पर कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकती है.

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने "कोविड-19 और कामकाजी दुनिया: प्रभाव और कार्रवाई" शीर्षक वाली अपनी प्रारंभिक मूल्यांकन रिपोर्ट में कार्यस्थल में श्रमिकों की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था को मदद और रोजगार तथा आमदनी को बनाए रखने के लिए तत्काल, बड़े पैमाने पर और समन्वित उपायों का आह्वान किया है.

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आईएलओ ने कहा कि इन उपायों में सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना, रोजगार बनाए रखने में सहायता (यानी कम अवधि का काम, वैतनिक अवकाश, अन्य सब्सिडी) और छोटे तथा मझोले उद्योगों के लिए वित्तीय और कर राहत शामिल हैं.

आईएलओ ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते पैदा हुए आर्थिक और श्रम संकट से दुनिया भर में करीब 2.5 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि जैसा 2008 के संकट में देखा गया था, अगर हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वित नीतिगत कार्रवाई पर गंभीरता से अमल करें तो वैश्विक बेरोजगारी पर प्रभाव काफी कम हो सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

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