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भारतीय मूल के 58 कार्यपालक दुनिया भर में 36 लाख से अधिक लोगों को देते हैं रोजगार - नौकरी

वैश्विक स्तर पर भारतीय मूल के दिग्गज पेशेवरों के संगठन 'इंडियास्पोरा' ने कहा कि भारतीय मूल के कारोबारी नेता पहले से कहीं अधिक संख्या में कॉरपोरेट सफलता के शिखर पर पहुंच रहे हैं और इनमें से कई अपने मंचों का इस्तेमाल सामाजिक परिवर्तन की पैरोकारी के लिए कर रहे हैं.

भारतीय मूल के 58 कार्यपालक दुनिया भर में 36 लाख से अधिक लोगों को देते हैं रोजगार
भारतीय मूल के 58 कार्यपालक दुनिया भर में 36 लाख से अधिक लोगों को देते हैं रोजगार
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Published : Jul 9, 2020, 4:25 PM IST

वॉशिंगटन: अमेरिका, कनाडा और सिंगापुर सहित 11 देशों की कंपनियों के भारतीय मूल के 58 कार्यपालकों का एक समूह दुनिया भर में 36 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देता है और कुल मिलाकर 1000 अरब डॉलर की कमाई करता है. अमेरिका स्थित भारतीय मूल के एक शीर्ष संगठन ने यह बात कही.

वैश्विक स्तर पर भारतीय मूल के दिग्गज पेशेवरों के संगठन 'इंडियास्पोरा' ने कहा कि भारतीय मूल के कारोबारी नेता पहले से कहीं अधिक संख्या में कॉरपोरेट सफलता के शिखर पर पहुंच रहे हैं और इनमें से कई अपने मंचों का इस्तेमाल सामाजिक परिवर्तन की पैरोकारी के लिए कर रहे हैं.

'इंडियास्पोरा बिजनेस लीडर्स लिस्ट' में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और सिंगापुर सहित 11 विभिन्न देशों की कंपनियों के अगुवाई करने वाले 58 कार्यपालक शामिल हैं और उनके कार्यकाल के दौरान इन कंपनियों ने 23 प्रतिशत का वार्षिक प्रतिफल दिया. ये प्रतिफल एसएंडपी 500 कंपनियों के मुकाबले काफी अधिक है.

ये कंपनियां सामूहिक रूप से दुनिया भर में 36 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देती है और 1,000 अरब डॉलर से अधिक की कमाई करती हैं. इनका बाजार पूंजीकरण 4,000 अरब डॉलर से अधिक है.

इंडियास्पोरा के संस्थापक और सिलिकॉन वैली स्थित उद्यमी एम आर रंगास्वामी ने कहा, "व्यापार में भारतीय प्रवासियों का प्रभाव उल्लेखनीय है. यही वजह है कि हमने इस परियोजना की शुरुआत की, और हमें उम्मीद है कि हमारी सूचियों में उन लोगों का ब्यौरा आता रहेगा, जो अपने क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव के लिए काम कर रहे हैं."

भारतीय सीईओ के बारे में आम धारणा यह है कि वे तकनीकी क्षेत्र से होते हैं, लेकिन 58 सीईओ की यह सूची उस मिथक को दूर करती है. रंगास्वामी ने बताया कि ये नेता बैंकिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता वस्तुओं और परामर्श सहित कई अलग-अलग क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

रंगास्वामी ने एक आभासी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सूची जारी करते हुए कहा कि इन अधिकारियों की उम्र 37 वर्ष से 74 वर्ष के बीच है और इनकी औसत उम्र 54 साल है.

ये भी पढ़ें: भारत आज भी दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक: मोदी

कोरोना वायरस महामारी के दौरान इन कंपनियों ने मानवीय सहायता के लिए बहुत योगदान किया और साथ ही अपने कर्मचारियों, अपने ग्राहकों और आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े लोगों का ध्यान रखा.

रंगस्वामी ने कहा, "ये कंपनियां कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए बहुत कुछ कर रही हैं."

उन्होंने कहा कि सूची में शामिल कई अधिकारियों ने 'ब्लैक लाइव्स मैटर' जैसे मुद्दों पर अपनी एक सक्रिय स्थिति बनाई, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे जातीय समानता और नस्लीय न्याय पाने के मामले में अश्वेत समुदाय के साथ खड़े हैं.

भारतीय मूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की इस सूची में भारत के प्रवासियों के साथ ही युगांडा, इथियोपिया, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में पैदा हुए पेशेवर शामिल हैं.

(पीटीआई-भाषा)

वॉशिंगटन: अमेरिका, कनाडा और सिंगापुर सहित 11 देशों की कंपनियों के भारतीय मूल के 58 कार्यपालकों का एक समूह दुनिया भर में 36 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देता है और कुल मिलाकर 1000 अरब डॉलर की कमाई करता है. अमेरिका स्थित भारतीय मूल के एक शीर्ष संगठन ने यह बात कही.

वैश्विक स्तर पर भारतीय मूल के दिग्गज पेशेवरों के संगठन 'इंडियास्पोरा' ने कहा कि भारतीय मूल के कारोबारी नेता पहले से कहीं अधिक संख्या में कॉरपोरेट सफलता के शिखर पर पहुंच रहे हैं और इनमें से कई अपने मंचों का इस्तेमाल सामाजिक परिवर्तन की पैरोकारी के लिए कर रहे हैं.

'इंडियास्पोरा बिजनेस लीडर्स लिस्ट' में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और सिंगापुर सहित 11 विभिन्न देशों की कंपनियों के अगुवाई करने वाले 58 कार्यपालक शामिल हैं और उनके कार्यकाल के दौरान इन कंपनियों ने 23 प्रतिशत का वार्षिक प्रतिफल दिया. ये प्रतिफल एसएंडपी 500 कंपनियों के मुकाबले काफी अधिक है.

ये कंपनियां सामूहिक रूप से दुनिया भर में 36 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देती है और 1,000 अरब डॉलर से अधिक की कमाई करती हैं. इनका बाजार पूंजीकरण 4,000 अरब डॉलर से अधिक है.

इंडियास्पोरा के संस्थापक और सिलिकॉन वैली स्थित उद्यमी एम आर रंगास्वामी ने कहा, "व्यापार में भारतीय प्रवासियों का प्रभाव उल्लेखनीय है. यही वजह है कि हमने इस परियोजना की शुरुआत की, और हमें उम्मीद है कि हमारी सूचियों में उन लोगों का ब्यौरा आता रहेगा, जो अपने क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव के लिए काम कर रहे हैं."

भारतीय सीईओ के बारे में आम धारणा यह है कि वे तकनीकी क्षेत्र से होते हैं, लेकिन 58 सीईओ की यह सूची उस मिथक को दूर करती है. रंगास्वामी ने बताया कि ये नेता बैंकिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता वस्तुओं और परामर्श सहित कई अलग-अलग क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

रंगास्वामी ने एक आभासी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सूची जारी करते हुए कहा कि इन अधिकारियों की उम्र 37 वर्ष से 74 वर्ष के बीच है और इनकी औसत उम्र 54 साल है.

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कोरोना वायरस महामारी के दौरान इन कंपनियों ने मानवीय सहायता के लिए बहुत योगदान किया और साथ ही अपने कर्मचारियों, अपने ग्राहकों और आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े लोगों का ध्यान रखा.

रंगस्वामी ने कहा, "ये कंपनियां कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए बहुत कुछ कर रही हैं."

उन्होंने कहा कि सूची में शामिल कई अधिकारियों ने 'ब्लैक लाइव्स मैटर' जैसे मुद्दों पर अपनी एक सक्रिय स्थिति बनाई, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे जातीय समानता और नस्लीय न्याय पाने के मामले में अश्वेत समुदाय के साथ खड़े हैं.

भारतीय मूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की इस सूची में भारत के प्रवासियों के साथ ही युगांडा, इथियोपिया, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में पैदा हुए पेशेवर शामिल हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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