हैदराबाद : केंद्रीय सरकार के पास इस वक्त 150 करोड़ रुपये या उससे अधिक मूल्य वाले 1737 सेंट्रल सेक्टर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं. सांख्यिकी मंत्रालय की मार्च के लिए जारी फ्लैश रिपोर्ट में इसकी जानकारी मिलती है.
रिपोर्ट के मुताबिक मार्च माह में चल रहे 1737 परियोजनाओं में 3 परियोजनाएं नई हैं, 557 परियोजनाएं अपने मूल समय से देरी से चल रही हैं और 99 परियोजनाएं अपने सूचित समयावधि से अतिरिक्त देरी से चल रही हैं. इन परियोजनाओं में 35 ऐसी मेगा परियोजनाएं भी हैं, जिनकी लागत 1000 करोड़ रुपये या उससे अधिक है.
इन 1737 परियोजनाओं के कार्यान्वयन की कुल मूल लागत 22,33,409.53 करोड़ रुपये थी और उनकी प्रत्याशित समापन लागत 26,69,649.35 करोड़ रुपये होने की संभावना है, जो 4,36,239.82 करोड़ रुपये (मूल लागत का 19.53%) की कुल लागत से अधिक की वृद्धि दर्शाती है.
मार्च 2021 तक इन परियोजनाओं पर 13,06,617.54 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जो परियोजनाओं की अनुमानित लागत का 48.94% है.
1737 परियोजनाओं में से, 13 परियोजनाएं तय समय से आगे हैं, 229 अनुसूची पर हैं, 557 विलंबित हैं, 462 परियोजनाएं लागत से अधिक जा रही हैं और 136 परियोजनाओं ने अपने मूल परियोजना कार्यान्वयन कार्यक्रम के संबंध में समय और लागत दोनों की सीमा पर की.
हालांकि, विलंबित परियोजनाओं की संख्या घटकर 412 हो जाएगी, यदि विलंब की गणना नवीनतम अनुसूची के पूरा होने के आधार पर की जाती है.
1737 परियोजनाओं का लागत विश्लेषण (1 अप्रैल 2021 तक):
प्रारंभिक लागत | 22,33,409.53 करोड़ रुपये |
प्रत्याशित लागत | 26,69,649.35 करोड़ रुपये |
लागत से अधिक | 4,36,239.82 करोड़ रुपये |
संचयी व्यय | 130,66,17.54 करोड़ रुपये |
परियोजनाओं की स्थिति (1 अप्रैल 2021 तक):
कुल परियोजनाएं | 1737 |
बिना तय समय की परियोजनाएं | 938 |
विलंबित परियोजनाएं | 557 |
लागत से अधिक जा रही परियोजनाएं | 462 |
नवीनतम अनुसूची के बाद विलंबित परियोजनाएं | 412 |
समय पर चल रही परियोजनाएं | 229 |
लागत और समय दोनों में विलंबित | 136 |
समय के पहले चल रही परियोजनाएं | 13 |
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