लंदन: ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन ने बुधवार को कहा कि उसने वोडाफोन आइडिया से मांगे गये वैधानिक बकाये में जुर्माना और ब्याज से छूट देने का आग्रह किया है. साथ ही मूल राशि का भुगतान करने के लिये दो साल की रोक के साथ 10 साल का समय देने की मांग की है.
उच्चतम न्यायालय ने अक्टूबर में सरकार द्वारा दूरंसचार कंपनियों से उन्हें प्राप्त होने वाले राजस्व पर मांगे गये शुल्क को जायज ठहराया था. वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) पर 53,038 करेाड़ रुपये का वैधानिक बकाया है. इसमें 24,729 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम बकाया और 28,309 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क शामिल हैं.
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कंपनी ने कहा है कि उसे अगर राहत नहीं मिली तो अपना कारोबार बंद कर देगी. वोडाफोन आइडिया लि. में वोडाफोन की 45.39 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
वोडाफोन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी निक रीड ने निवेशकों के समक्ष अपनी बातें रखने के दौरान कहा, "हमने विशेष रूप से स्पेक्ट्रम भुगतान पर दो साल की रोक लगाने, लाइसेंस शुल्क और कम करने, समायोजित सकल आय (एजीआर) पर ब्याज और जुर्माने से छूट तथा मूल राशि के भुगतान पर दो साल की रोक के साथ 10 साल में लौटाने की अनुमति मांगी है."
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने जनवरी में वीआईएल और अन्य दूरसंचार कंपनियों की एजीआर मामले में पुनरीक्षा याचिका खारिज कर दी. उसके बाद वीआईएल और भारती एयरटेल से सुधारात्मक याचिका दायर की और दूरसंचार विभाग को एजीआर बकाये के भुगतान को लेकर भुगतान समय सारणी निर्धारित करने का आदेश देने का आग्रह किया.
(पीटीआई-भाषा)