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टाटा-मिस्त्री मामला: एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा टाटा संस

एनसीएलएटी ने अपने हालिया आदेश में साइरस मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले कंपनी पंजीयक (आरओसी) ने इस आदेश में कुछ संशोधन किये जाने के लिए न्यायाधिकरण से अपील की है.

टाटा-मिस्त्री मामला: एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा टाटा संस
टाटा-मिस्त्री मामला: एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा टाटा संस
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Published : Jan 2, 2020, 3:20 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) टाटा-मिस्त्री मामले में कंपनी पंजीयक की याचिका पर अब शुक्रवार को सुनवाई करेगा.

एनसीएलएटी ने अपने हालिया आदेश में साइरस मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले कंपनी पंजीयक (आरओसी) ने इस आदेश में कुछ संशोधन किये जाने के लिए न्यायाधिकरण से अपील की है.

एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस. जे. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में इस अपील की सुनवाई कर रही दो सदस्यीय पीठ ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को कंपनी अधिनियम के नियमों के तहत निजी और सार्वजनिक कंपनियों की परिभाषा का विवरण जमा करने के लिए कहा है.

ये भी पढ़ें- चालू वित्त वर्ष में एअर इंडिया, बीपीसीएल, कॉनकॉर का विनिवेश होने की संभावना नहीं: अधिकारी

पीठ ने इसके लिए चुकता पूंजी की जरूरत पर स्पष्टीकरण भी मांगा है.

इस बीच, टाटा संस के वकील ने न्यायाधिकरण को बताया कि कंपनी ने उसके 18 दिसंबर के आदेश के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की है.

हालांकि, उसने यह भी बताया कि अभी यह याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुई है.

कंपनी पंजीयक ने एनसीएलएटी में दायर अपनी याचिका में , मामले में पक्ष बनाये जाने और अपने हालिया आदेश में गैरकानूनी और आरओसी की मदद से जैसे शब्दों को हटाने का आग्रह किया था.

अपीलीय न्यायाधिकरण ने 18 दिसंबर को 110 अरब डॉलर के टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद से हटाये गये साइरस मिस्त्री को पद पर बहाल करने का आदेश दिया था.

न्यायाधिकरण ने इसके साथ ही समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर एन. चंद्रशेखर की नियुक्ति को "अवैध" ठहराया और आरओसी को "टाटा संस" का दर्जा प्राइवेट कंपनी से वापस बदलकर पब्लिक कंपनी करने को कहा.

एनसीएलएटी के फैसले के पांच दिन बाद दायर आवेदन में मुंबई स्थिति आरओसी ने न्यायाधिकरण से फैसले के पैरा 186 और 187 (4) में जरूरी संशोधन का आग्रह किया है ताकि आरओसी की भूमिका गलत नहीं बल्कि कंपनी कानून के प्रावधानों के तहत सही दिखे.

इसके अलावा, टाटा संस को जल्दबाजी में आरओसी मुंबई द्वारा दी गयी किसी प्रकार की मदद की बात को भी हटाने का आग्रह किया गया है.

आरओसी ने कहा कि उसने उचित तरीके से काम किया और टाटा संस लि. की ओर से जब कंपनी का दर्जा बदलने की सूचना दी गई तो अपीलीय न्यायाधिकरण ने नौ जुलाई, 2018 के आदेश पर किसी तरह का स्थगन नहीं दिया.

अपीलीय न्यायाधिकरण ने 18 दिसंबर को दिये अपने 172 पृष्ठ के आदेश में पद से हटाये गये मिस्त्री को टाटा संस का चेयरमैन बहाल करने का आदेश दिया.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) टाटा-मिस्त्री मामले में कंपनी पंजीयक की याचिका पर अब शुक्रवार को सुनवाई करेगा.

एनसीएलएटी ने अपने हालिया आदेश में साइरस मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले कंपनी पंजीयक (आरओसी) ने इस आदेश में कुछ संशोधन किये जाने के लिए न्यायाधिकरण से अपील की है.

एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस. जे. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में इस अपील की सुनवाई कर रही दो सदस्यीय पीठ ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को कंपनी अधिनियम के नियमों के तहत निजी और सार्वजनिक कंपनियों की परिभाषा का विवरण जमा करने के लिए कहा है.

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पीठ ने इसके लिए चुकता पूंजी की जरूरत पर स्पष्टीकरण भी मांगा है.

इस बीच, टाटा संस के वकील ने न्यायाधिकरण को बताया कि कंपनी ने उसके 18 दिसंबर के आदेश के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की है.

हालांकि, उसने यह भी बताया कि अभी यह याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुई है.

कंपनी पंजीयक ने एनसीएलएटी में दायर अपनी याचिका में , मामले में पक्ष बनाये जाने और अपने हालिया आदेश में गैरकानूनी और आरओसी की मदद से जैसे शब्दों को हटाने का आग्रह किया था.

अपीलीय न्यायाधिकरण ने 18 दिसंबर को 110 अरब डॉलर के टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद से हटाये गये साइरस मिस्त्री को पद पर बहाल करने का आदेश दिया था.

न्यायाधिकरण ने इसके साथ ही समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर एन. चंद्रशेखर की नियुक्ति को "अवैध" ठहराया और आरओसी को "टाटा संस" का दर्जा प्राइवेट कंपनी से वापस बदलकर पब्लिक कंपनी करने को कहा.

एनसीएलएटी के फैसले के पांच दिन बाद दायर आवेदन में मुंबई स्थिति आरओसी ने न्यायाधिकरण से फैसले के पैरा 186 और 187 (4) में जरूरी संशोधन का आग्रह किया है ताकि आरओसी की भूमिका गलत नहीं बल्कि कंपनी कानून के प्रावधानों के तहत सही दिखे.

इसके अलावा, टाटा संस को जल्दबाजी में आरओसी मुंबई द्वारा दी गयी किसी प्रकार की मदद की बात को भी हटाने का आग्रह किया गया है.

आरओसी ने कहा कि उसने उचित तरीके से काम किया और टाटा संस लि. की ओर से जब कंपनी का दर्जा बदलने की सूचना दी गई तो अपीलीय न्यायाधिकरण ने नौ जुलाई, 2018 के आदेश पर किसी तरह का स्थगन नहीं दिया.

अपीलीय न्यायाधिकरण ने 18 दिसंबर को दिये अपने 172 पृष्ठ के आदेश में पद से हटाये गये मिस्त्री को टाटा संस का चेयरमैन बहाल करने का आदेश दिया.

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टाटा-मिस्त्री मामला: एनसीएलएटी ने कंपनी पंजीयक की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक स्थगित की

नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) टाटा-मिस्त्री मामले में कंपनी पंजीयक की याचिका पर अब शुक्रवार को सुनवाई करेगा.

एनसीएलएटी ने अपने हालिया आदेश में साइरस मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले कंपनी पंजीयक (आरओसी) ने इस आदेश में कुछ संशोधन किये जाने के लिए न्यायाधिकरण से अपील की है.

एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस . जे . मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में इस अपील की सुनवाई कर रही दो सदस्यीय पीठ ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को कंपनी अधिनियम के नियमों के तहत निजी और सार्वजनिक कंपनियों की परिभाषा का विवरण जमा करने के लिए कहा है.

पीठ ने इसके लिए चुकता पूंजी की जरूरत पर स्पष्टीकरण भी मांगा है.

इस बीच, टाटा संस के वकील ने न्यायाधिकरण को बताया कि कंपनी ने उसके 18 दिसंबर के आदेश के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की है.

हालांकि, उसने यह भी बताया कि अभी यह याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुई है.

कंपनी पंजीयक ने एनसीएलएटी में दायर अपनी याचिका में , मामले में पक्ष बनाये जाने और अपने हालिया आदेश में गैरकानूनी और आरओसी की मदद से जैसे शब्दों को हटाने का आग्रह किया था.

अपीलीय न्यायाधिकरण ने 18 दिसंबर को 110 अरब डॉलर के टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद से हटाये गये साइरस मिस्त्री को पद पर बहाल करने का आदेश दिया था.

न्यायाधिकरण ने इसके साथ ही समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर एन. चंद्रशेखर की नियुक्ति को "अवैध" ठहराया और आरओसी को "टाटा संस" का दर्जा प्राइवेट कंपनी से वापस बदलकर पब्लिक कंपनी करने को कहा.

एनसीएलएटी के फैसले के पांच दिन बाद दायर आवेदन में मुंबई स्थिति आरओसी ने न्यायाधिकरण से फैसले के पैरा 186 और 187 (4) में जरूरी संशोधन का आग्रह किया है ताकि आरओसी की भूमिका गलत नहीं बल्कि कंपनी कानून के प्रावधानों के तहत सही दिखे.

इसके अलावा, टाटा संस को जल्दबाजी में आरओसी मुंबई द्वारा दी गयी किसी प्रकार की मदद की बात को भी हटाने का आग्रह किया गया है.

आरओसी ने कहा कि उसने उचित तरीके से काम किया और टाटा संस लि. की ओर से जब कंपनी का दर्जा बदलने की सूचना दी गई तो अपीलीय न्यायाधिकरण ने नौ जुलाई, 2018 के आदेश पर किसी तरह का स्थगन नहीं दिया.

अपीलीय न्यायाधिकरण ने 18 दिसंबर को दिये अपने 172 पृष्ठ के आदेश में पद से हटाये गये मिस्त्री को टाटा संस का चेयरमैन बहाल करने का आदेश दिया.


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