नई दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने रिलायंस समूह के चेयरमैन से अल्पांश शेयरधारकों द्वारा दायर अवमानना याचिका पर दस दिन में जवाब मांगा है. समूह की एक कंपनी द्वारा कथित रूप से बकाये का भुगतान नहीं करने के लिए अल्पांश शेयरधारकों ने अंबानी और अन्य अधिकारियों के खिलाफ यह याचिका दायर की थी.
एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वह एचएसबीसी डेजी इन्वेस्टमेंट्स (मारीशस) और कंपनी के कुछ अन्य अल्पांश शेयरधारकों द्वारा दायर अवमानना याचिका पर अंबानी का जवाब सुनना चाहते हैं.
समूह की कंपनी रिलायंस इन्फ्राटेल द्वारा भुगतान के लिए किए गए वादे को पूरा नहीं करने के लिए यह याचिका दायर की गई है. पीठ ने अंबानी को इसका जवाब देने के लिए दस दिन का समय दिया है. उसके बाद याचिकाकर्ता को प्रत्युत्तर देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है.
एनसीएलएटी ने इस मामले को 20 मई, 2019 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है. रिलायंस इन्फ्राटेल द्वारा कथित रूप से 230 करोड़ रुपये के भुगतान में चूक को लेकर एचएसबीसी डेजी ने अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील की थी.
सुनवाई के दौरान एचएसबीसी की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि एनसीएलएटी ने 29 जून, 2018 को जो आदेश पारित किया था, वह 230 करोड़ रुपये के भुगतान के संबंध में पक्षों की ओर वचन था और इसे पूरा नहीं करना अदालत की अवमानना का मामला है.
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