नई दिल्ली : संकटग्रस्त बंधक कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस (आरएचएफ) के कर्जदाताओं ने अंतर-लेनदार समझौते (आईसीए) को और तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है.
अनिल अंबानी द्वारा प्रवर्तित रिलायंस समूह की कंपनी आरएचएफ को ऋण समाधान प्रक्रिया के तहत छह बोलियां मिली हैं.
कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि आईसीए का हिस्सा बनने वाले कंपनी के ऋणदाताओं ने तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के समाधान के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सात जून 2019 के परिपत्र के अनुसार आईसीए अवधि को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया है.
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आरबीआई के 7 जून के परिपत्र के अनुसार, यदि आईसीए पर हस्ताक्षर करने के 180 दिनों के भीतर किसी खाते का समाधान नहीं किया जाए, तो ऋणदाता संधि की समयावधि का विस्तार कर सकते हैं.
सूत्रों ने कहा कि छह बोलीदाताओं में से केवल दो ने बाध्यकारी बोलियां प्रस्तुत कीं जबकि चार बोलियां गैर-बाध्यकारी हैं और बोली शर्तों के अनुरूप नहीं हैं.
सूत्रों ने कहा कि कर्जदाताओं ने बोली लगाने की समयसीमा को 31 जनवरी 2021 तक बढ़ाने का फैसला किया है.