नई दिल्ली : संकटग्रस्त जेट एयरवेज के कर्मचारियों की निराशा चरम पर पहुंच चुकी है, क्योंकि कंपनी बंद होने के करीब पहुंच चुकी है.
अभी तक कर्जदाताओं की तरफ से कंपनी को अंतरिम वित्तीय राहत नहीं मिली है. कर्मचारियों सभी उम्मीदें धूमिल हो चुकी हैं और वे कठिन परिस्थितियों के लिए तैयार हो चुके हैं.
नकदी संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन जेट एयरवेज का प्रबंधन परिचालन जारी रखने या नहीं रखने के बारे में फैसला मंगलवार समाप्त होने तक करेगा. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. हालांकि, एयरलाइन अपनी ओर से धन जुटाने का आखिरी प्रयास कर रही है.
सूत्रों ने कहा कि परिचालन पर कोई भी निर्णय करने से पहले सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगा. जेट एयरवेज के निदेशक मंडल की यहां बैठक चल रही है.
कंपनी के एक इंजीनियर ने अपना दैनिक खर्च चलाने के लिए एलआईसी पॉलिसी गिरवी रखकर कर्ज लिया है. उन्होंने बताया, "हम अपने बकाए को पाने के लिए श्रम आयुक्त का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं."
एयरलाइन के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि जेट एयरवेज के सैंकड़ों पायलट अगले कुछ दिनों में कंपनी छोड़ कर जानेवाले हैं, क्योंकि उन्हें कंपनी के आगे चलने का कोई भरोसा नहीं है.
इंजीनियर ने कहा, "जेट एयरवेज का शेयर अचानक काफी गिर चुका है। यह संकेत है कि एयरलाइन के लिए कुछ बचा नहीं है और वह अपना परिचालन बंद करने जा रही है."
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज पर मंगलवार दोपहर जेट एयरवेज के शेयर में 12.47 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 229.05 पर कारोबार कर रहा था.
कंपनी के तकनीकी कर्मचारियों को जहां इंडिगो और गोएयर हाइरिंग समेत ज्यादातर निजी विमानन कंपनियों में नौकरी मिल जाएगी, वहीं गैर-तकनीकी कर्मचारियों के लिए कठिन समय होने वाला है. यहां तक कि पॉयलट और इंजीनियर को भी नई नौकरी में वेतन में भारी कटौती होनेवाली है. वेतन में यह कटौती 30 से 50 फीसदी तक की हो सकती है.
कंपनी के एक कार्यकारी ने बताया, "हमें एयरलाइन से अपना बकाया मिलने की उम्मीद कम है. भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है. उम्मीद की आखिरी किरण यही है कि हवाई यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जिसका मतलब है कि रोजगार के अवसर पैदा होंगे."
नेशनल एविएयर्स गिल्ड (एनएजी) के उपाध्यक्ष कैप्टन असीम वालियानी ने कहा कि सभी रैंक के कर्मचारी वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं.
वालियानी ने कहा, "हम वित्तीय संकट में फंस गए हैं, बच्चों की पढ़ाई, ईएमआई और यहां तक कि मेडिक्लेम भी दांव पर है. यह उल्लेख करने की जरूरत नहीं है कि चार महीनों का वेतन, बोनस और ग्रेज्युटी सब कुछ दांव पर है."
कैप्टन ने कहा, "20,000 कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है."
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