नई दिल्ली : वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर ने चीन से आयात होने वाले इस्पात के कुछ उत्पादों पर डंपिंग-रोधी शुल्क को जारी रखे जाने संबंधी समीक्षा की आवश्यकता की जांच शुरू की है. घरेलू उद्योगों की शिकायत के बाद यह जांच शुरू की गई है. एक अधिसूचना में यह जानकरी दी गई है.
घरेलू कंपनी आईएसएमटी लिमिटेड और जिंदल सॉ लिमिटेड ने व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) के समक्ष इस तरह का आवेदन किया है. कंपनी ने चीन से आयात होने वाले इस्पात उत्पादों, सीमलेस ट्यूब, पाइप और लौह, मिश्र धातु अथवा गैर-मिश्र धातु जैसे इस्पात उत्पादों पर लागू डंपिंग रोधी शुल्क को आगे भी जारी रखे जाने का आग्रह किया है.
शिकायतकर्ता कंपनी ने आरोप लगाया है कि चीन से इन उत्पादों की डंपिंग लगातार जारी है. डंपिंग-रोधी शुल्क लगाए जाने के बावजूद भी इन उत्पादों की देश में डंपिंग जारी है और आयात लगातार बढ़ रहा है.
अधिसूचना में कहा गया है कि यदि मौजूदा शुल्क को तय अवधि में समाप्त होने दिया जाता है तो इन वस्तुओं की डंपिंग जारी रहने की संभावना है.
डीजीटीआर इसकी समीक्षा करेगा कि इन उत्पादों पर लागू डंपिंग-रोधी शुल्क को आगे भी जारी रखा जाना चाहिए. इस बात पर भी गौर करेगा कि यदि मौजूदा शुल्क को समाप्त होने दिया जाता है तो उससे डंपिंग बढ़ेगी और उसका घरेलू उद्योगों पर असर होगा.
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चीन से आयात किए जाने वाले इन उत्पादों पर सबसे पहले फरवरी 2017 में डंपिंग रोधी शुल्क लगाया गया था, जो कि इस साल 16 मई को समाप्त होने जा रहा है.