नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक कथित भ्रष्टाचार के मामले में मनी लौंड्रिंग के आरोपों की जांच के लिये एक रपट दर्ज की है.
आरोप है कि ब्रिटेन की इस कंपनी ने भारत में हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लि. ओएनजीसी और गेल जैसी सरकारी कंपनियों के ठेके पाने के लिये 77 करोड़ रुपये के कमिशन बांटे. जुड़ा है. अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में जुलाई में प्राथमिकी दर्ज की थी. ईडी ने इसी प्राथमिकी के आधार पर मनी लौंड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत जांच के लिए विधिवत मामला दर्ज किया है.
ये भी पढ़ें- इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए खर्च करने के लिए टास्क फोर्स का गठन
सीबीआई ने आपराधिक षडयंत्र रचने तथा घूसखोरी के मामले में रॉल्सरॉयस और उसकी भारतीय अनुषंगी, सिंगापुर स्थित कारोबारी अशोक पाटनी और उसकी कंपनी आशमोर प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई की कंपनी टर्बोटेक एनर्जी सर्विसेज इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड तथा सरकारी कंपनियों हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, ओएनजीसी और गेल के अज्ञात अधिकारियों को आरोपी बनाया है.
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और रॉल्सरॉयस के बीच 2000 से 2013 के दौरान करीब 4,700 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था. एजेंसी का आरोप है कि रॉल्सरॉयस ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को 2007 से 2011 के दौरान एवॉन और एलिसन इंजनों के कल-पुर्जों की आपूर्ति के 100 ठेके हासिल करने के लिये पाटनी को 18 करोड़ रुपये का भुगतान किया.
सीबीआई ने पांच साल की जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की. रक्षा मंत्रालय की शिकायत के बाद सीबीआई जांच शुरू हुई थी. अधिकारियों ने कहा कि इस कथित भ्रष्टाचार से निजी लाभ उठाये जाने की जांच की जाएगी.
रॉल्सरॉयस के खिलाफ ईडी ने मनी लौंड्रिंग का मामला दर्ज किया
आरोप है कि ब्रिटेन की इस कंपनी ने भारत में हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लि. ओएनजीसी और गेल जैसी सरकारी कंपनियों के ठेके पाने के लिये 77 करोड़ रुपये के कमिशन बांटे. जुड़ा है. अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी.
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक कथित भ्रष्टाचार के मामले में मनी लौंड्रिंग के आरोपों की जांच के लिये एक रपट दर्ज की है.
आरोप है कि ब्रिटेन की इस कंपनी ने भारत में हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लि. ओएनजीसी और गेल जैसी सरकारी कंपनियों के ठेके पाने के लिये 77 करोड़ रुपये के कमिशन बांटे. जुड़ा है. अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में जुलाई में प्राथमिकी दर्ज की थी. ईडी ने इसी प्राथमिकी के आधार पर मनी लौंड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत जांच के लिए विधिवत मामला दर्ज किया है.
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सीबीआई ने आपराधिक षडयंत्र रचने तथा घूसखोरी के मामले में रॉल्सरॉयस और उसकी भारतीय अनुषंगी, सिंगापुर स्थित कारोबारी अशोक पाटनी और उसकी कंपनी आशमोर प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई की कंपनी टर्बोटेक एनर्जी सर्विसेज इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड तथा सरकारी कंपनियों हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, ओएनजीसी और गेल के अज्ञात अधिकारियों को आरोपी बनाया है.
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और रॉल्सरॉयस के बीच 2000 से 2013 के दौरान करीब 4,700 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था. एजेंसी का आरोप है कि रॉल्सरॉयस ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को 2007 से 2011 के दौरान एवॉन और एलिसन इंजनों के कल-पुर्जों की आपूर्ति के 100 ठेके हासिल करने के लिये पाटनी को 18 करोड़ रुपये का भुगतान किया.
सीबीआई ने पांच साल की जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की. रक्षा मंत्रालय की शिकायत के बाद सीबीआई जांच शुरू हुई थी. अधिकारियों ने कहा कि इस कथित भ्रष्टाचार से निजी लाभ उठाये जाने की जांच की जाएगी.
रॉल्सरॉयस के खिलाफ ईडी ने मनी लौंड्रिंग का मामला दर्ज किया
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक कथित भ्रष्टाचार के मामले में मनी लौंड्रिंग के आरोपों की जांच के लिये एक रपट दर्ज की है.
आरोप है कि ब्रिटेन की इस कंपनी ने भारत में हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लि. ओएनजीसी और गेल जैसी सरकारी कंपनियों के ठेके पाने के लिये 77 करोड़ रुपये के कमिशन बांटे. जुड़ा है. अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में जुलाई में प्राथमिकी दर्ज की थी. ईडी ने इसी प्राथमिकी के आधार पर मनी लौंड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत जांच के लिए विधिवत मामला दर्ज किया है.
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सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और रॉल्सरॉयस के बीच 2000 से 2013 के दौरान करीब 4,700 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था. एजेंसी का आरोप है कि रॉल्सरॉयस ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को 2007 से 2011 के दौरान एवॉन और एलिसन इंजनों के कल-पुर्जों की आपूर्ति के 100 ठेके हासिल करने के लिये पाटनी को 18 करोड़ रुपये का भुगतान किया.
सीबीआई ने पांच साल की जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की. रक्षा मंत्रालय की शिकायत के बाद सीबीआई जांच शुरू हुई थी. अधिकारियों ने कहा कि इस कथित भ्रष्टाचार से निजी लाभ उठाये जाने की जांच की जाएगी.
Conclusion: