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वीआरएस पैकेज से वेतन पर सालाना 1,080 करोड़ रुपये की बचत होगी: एमटीएनएल प्रमुख - MTNL

दूरसंचार विभाग ने वित्तीय संकट में घिरीं दोनों सरकारी दूरसंचार कंपनियों एमटीएनएल और भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) के लिए पुनरोद्धार योजना तैयार की है.

वीआरएस पैकेज से वेतन पर सालाना 1,080 करोड़ रुपये की बचत होगी: एमटीएनएल प्रमुख
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Published : Apr 24, 2019, 9:41 PM IST

नई दिल्ली: महानगर टेलीफोन निगम लि. (एमटीएनएल) में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) से सरकारी क्षेत्र की इस दूरसंचार कंपनी को वेतन में सालाना 1,080 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है.

एमटीएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने बातचीत में कहा कि यह योजना आने पर करीब 9,500 कर्मचारी वीआरएस के लिए राजी हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें- भारत में 65 फीसदी कारोबारियों ने किया ऑनलाइन धोखाधड़ी में वृद्धि का अनुभव

दूरसंचार विभाग ने वित्तीय संकट में घिरीं दोनों सरकारी दूरसंचार कंपनियों एमटीएनएल और भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) के लिए पुनरोद्धार योजना तैयार की है. इसके तहत इन कंपनियों में वीआरएस, संपत्तियों की बिक्री और 4जी स्पेक्ट्रम आवंटन जैसे विकल्पों का प्रस्ताव है.

सूत्रों ने कहा कि पुनरोद्धार पैकेज पर केंद्रीय मंत्रिमंडल में जल्द विचार विमर्श हो सकता है.

पुरवार ने हाल में कहा था कि कंपनी को उम्मीद है कि उसका वेतन का खर्च 1,080 करोड़ रुपये घट जाएगा.वर्तमान में यह 2,500 करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा था कि खर्च कम होने पर कंपनी के लिए उसे संभालना आसान होगा. यह कंपनी के राजस्व का 40 से 50 प्रतिशत बैठेगा.

पुरवार ने कहा, "हमारा अनुमान है कि वीआरएस के लिए लक्षित 19,000 कर्मचारियों में से करीब 50 प्रतिशत यानी 9,500 इस विकल्प को चुनेंगे. यदि 9,500 कर्मचारी वीआरएस लेते हैं तो हम सालाना वेतन मद में 1,080 करोड़ रुपये की बचत कर सकेंगे."

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की छंटनी का कोई प्रस्ताव नहीं है. वीआरएस लेना पात्र कर्मचारियों की अपनी इच्छा पर निर्भर करेगा.

कंपनी का कहना है कि वीआरएस के क्रियान्वयन से उसका खर्च कम होगा और उसके पास अधिक नकदी उपलब्ध होगी.

नई दिल्ली: महानगर टेलीफोन निगम लि. (एमटीएनएल) में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) से सरकारी क्षेत्र की इस दूरसंचार कंपनी को वेतन में सालाना 1,080 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है.

एमटीएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने बातचीत में कहा कि यह योजना आने पर करीब 9,500 कर्मचारी वीआरएस के लिए राजी हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें- भारत में 65 फीसदी कारोबारियों ने किया ऑनलाइन धोखाधड़ी में वृद्धि का अनुभव

दूरसंचार विभाग ने वित्तीय संकट में घिरीं दोनों सरकारी दूरसंचार कंपनियों एमटीएनएल और भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) के लिए पुनरोद्धार योजना तैयार की है. इसके तहत इन कंपनियों में वीआरएस, संपत्तियों की बिक्री और 4जी स्पेक्ट्रम आवंटन जैसे विकल्पों का प्रस्ताव है.

सूत्रों ने कहा कि पुनरोद्धार पैकेज पर केंद्रीय मंत्रिमंडल में जल्द विचार विमर्श हो सकता है.

पुरवार ने हाल में कहा था कि कंपनी को उम्मीद है कि उसका वेतन का खर्च 1,080 करोड़ रुपये घट जाएगा.वर्तमान में यह 2,500 करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा था कि खर्च कम होने पर कंपनी के लिए उसे संभालना आसान होगा. यह कंपनी के राजस्व का 40 से 50 प्रतिशत बैठेगा.

पुरवार ने कहा, "हमारा अनुमान है कि वीआरएस के लिए लक्षित 19,000 कर्मचारियों में से करीब 50 प्रतिशत यानी 9,500 इस विकल्प को चुनेंगे. यदि 9,500 कर्मचारी वीआरएस लेते हैं तो हम सालाना वेतन मद में 1,080 करोड़ रुपये की बचत कर सकेंगे."

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की छंटनी का कोई प्रस्ताव नहीं है. वीआरएस लेना पात्र कर्मचारियों की अपनी इच्छा पर निर्भर करेगा.

कंपनी का कहना है कि वीआरएस के क्रियान्वयन से उसका खर्च कम होगा और उसके पास अधिक नकदी उपलब्ध होगी.

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वीआरएस पैकेज से वेतन पर सालाना 1,080 करोड़ रुपये की बचत होगी: एमटीएनएल प्रमुख

नई दिल्ली: महानगर टेलीफोन निगम लि. (एमटीएनएल) में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) से सरकारी क्षेत्र की इस दूरसंचार कंपनी को वेतन में सालाना 1,080 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है. 



एमटीएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने पीटीआई भाषा से बातचीत में कहा कि यह योजना आने पर करीब 9,500 कर्मचारी वीआरएस के लिए राजी हो सकते हैं. 

ये भी पढ़ें- 

दूरसंचार विभाग ने वित्तीय संकट में घिरीं दोनों सरकारी दूरसंचार कंपनियों एमटीएनएल और भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) के लिए पुनरोद्धार योजना तैयार की है. इसके तहत इन कंपनियों में वीआरएस, संपत्तियों की बिक्री और 4जी स्पेक्ट्रम आवंटन जैसे विकल्पों का प्रस्ताव है. 



सूत्रों ने कहा कि पुनरोद्धार पैकेज पर केंद्रीय मंत्रिमंडल में जल्द विचार विमर्श हो सकता है. 



पुरवार ने हाल में कहा था कि कंपनी को उम्मीद है कि उसका वेतन का खर्च 1,080 करोड़ रुपये घट जाएगा.वर्तमान में यह 2,500 करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा था कि खर्च कम होने पर कंपनी के लिए उसे संभालना आसान होगा. यह कंपनी के राजस्व का 40 से 50 प्रतिशत बैठेगा. 



पुरवार ने कहा, "हमारा अनुमान है कि वीआरएस के लिए लक्षित 19,000 कर्मचारियों में से करीब 50 प्रतिशत यानी 9,500 इस विकल्प को चुनेंगे. यदि 9,500 कर्मचारी वीआरएस लेते हैं तो हम सालाना वेतन मद में 1,080 करोड़ रुपये की बचत कर सकेंगे."



उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की छंटनी का कोई प्रस्ताव नहीं है. वीआरएस लेना पात्र कर्मचारियों की अपनी इच्छा पर निर्भर करेगा. 



कंपनी का कहना है कि वीआरएस के क्रियान्वयन से उसका खर्च कम होगा और उसके पास अधिक नकदी उपलब्ध होगी. 


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