भोपाल: मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग की चौकियों पर हो रहे भ्रष्टाचार और डीजल पर बढ़ा हुआ वैट लागू किए जाने के विरोध में ट्रक ऑपरेटर सोमवार से तीन दिन की हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल का राज्य में माल के परिवहन पर असर पड़ने की संभावना बनी हुई है.
ट्रक ऑपरेटर एवं टांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि मप्र में चौकियों पर सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है. इन चौकियों पर अवैध वसूली की जाती है. इसके साथ ही डीजल पर राज्य में सबसे ज्यादा वैट लिया जा रहा है, आज 28 रुपये का डीजल मप्र में 81 रुपये से अधिक भाव में बिक रहा है.
केंद्र ने भी डीजल पर एक्साइज ड्यूटी साल 2014 से 2020 के दौरान 3.56 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 31.83 रुपये प्रति लीटर कर दी है.
ट्रक ऑपरेटरों का आरोप है कि लॉकडाउन के दौरान का भी कर मांगा जा रहा है और पेनल्टी भी लगाई जा रही है. इसके अलावा कोरोना काल में सभी को बीमा योजना का लाभ मिला, लेकिन जान जोखिम में डालकर जरूरी सामग्री पहुंचाने वाले चालक, परिचालक को बीमा योजना नहीं दी गई.
ट्रक ऑपरेटरों के हड़ताल पर जाने से राज्य के लगभग सात लाख ट्रकों और अन्य वाणिज्यिक वाहनों के पहिए थम गए हैं. इस हड़ताल का पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने समर्थन किया है.
उन्होंने कहा, "प्रदेश में ट्रक और बस ऑपरेटर कोरोना के इस संकट काल को देखते हुए डीजल पर लगने वाले करों में कमी व रोड टैक्स सहित अन्य करों में राहत की मांग निरंतर कर रहे हैं. मैंने भी कई बार इनकी मांगों को दोहराया है व मुख्यमंत्री को इस संबंध में राहत प्रदान करने संबंधी पत्र भी लिखे हैं."
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कमल नाथ ने आगे कहा कि पूरे प्रदेश में बस ऑपरेटरों ने विरोधस्वरूप अपनी बसों का संचालन बंद कर रखा है और अब आज से ट्रक एसोसिएशन ने भी प्रदेश में तीन दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है. इससे व्यापार-व्यवसाय प्रभावित होगा व बसों के बंद रहने से आम जनजीवन पहले से ही प्रभावित है.
कमल नाथ का कहना है, "कांग्रेस उनकी मांगों का समर्थन करती है और हम सरकार से मांग करते हैं कि जनहित में उनकी मांगों को तत्काल मानकर उन्हें राहत प्रदान की जाए."
वहीं दूसरी ओर, इस तीन दिवसीय हड़ताल से ट्रक और टैंकर का परिवहन प्रभावित होने की आशंका सरकार ने भी जताई है. इसी को लेकर परिवहन विभाग के अवर सचिव आर.एन. चौहान ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि ट्रक और टैंकर का परिवहन बाधित न हो, इसके इंतजाम किए जाएं.
(आईएएनएस)