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भाजपा के व्यापारी कल्याण बोर्ड को व्यापारी समुदाय ने सराहा, कांग्रेस ने बताया हनीट्रैप

8 अप्रैल को आम चुनाव के लिए घोषणापत्र-संकल्प पत्र, का अनावरण करते हुए, भाजपा ने कहा था कि वह राष्ट्रीय व्यापारियों के कल्याण बोर्ड की स्थापना करेगी और खुदरा व्यापार की वृद्धि के लिए खुदरा व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाएगी.

फाइल फोटो।
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Published : Apr 12, 2019, 3:04 PM IST

लखनऊ : भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि यदि वो सत्ता में वापस आते हैं, तो राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड की स्थापना की जाएगी, जिसे उत्तर प्रदेश में व्यापारी समुदाय से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, जबकि कांग्रेस ने इसे भाजपा का हनीट्रैप करार दिया.

8 अप्रैल को आम चुनाव के लिए घोषणापत्र-संकल्प पत्र, का अनावरण करते हुए, भाजपा ने कहा था कि वह राष्ट्रीय व्यापारियों के कल्याण बोर्ड की स्थापना करेगी और खुदरा व्यापार की वृद्धि के लिए खुदरा व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाएगी.

लखनऊ के टैक्स वकील एसोसिएशन के सचिव आशीष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है, क्योंकि व्यापारी लंबे समय से इस तरह के निकाय के गठन की मांग कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड, व्यापारियों को अपनी शिकायतों को उठाने के लिए एक मंच प्रदान करेगा.

त्रिपाठी ने कहा, प्रस्तावित बोर्ड, व्यापारियों के खिलाफ अत्याचार को रोकने में भी प्रभावी होगा.

हालांकि, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रबंधन समिति के सदस्य ललन कुमार ने इसे व्यापारियों के लिए "हनीट्रैप" करार दिया.

जीएसटी के लागू होने के दौरान व्यापारी भी फंस गए थे. व्यापारियों को इससे फिर से जीएसटी के ही भांति नुकसान उठाना पड़ेगा. देश के लोग परिपक्व हैं, और वे भाजपा के किसी भी जुमले (बयानबाजी) को स्वीकार नहीं करेंगे."

यूपी बीजेपी के मीडिया समन्वयक राकेश त्रिपाठी ने कहा कि व्यापारी बोर्ड सरकार और व्यापारियों के बीच सेतु का काम करेगा.

उन्होंने कहा, "बोर्ड एक मंच होगा जहां व्यापारी अपने मुद्दों पर चर्चा करेंगे. अभी तक उनके पास ऐसा कोई मंच उपलब्ध नहीं था."

समाजवादी पार्टी एमएलसी और प्रवक्ता राजपाल कश्यप ने कहा कि भाजपा "जुमला के बाद जुमला" की घोषणा कर रही है जबकि 2014 के चुनाव के दौरान किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं.

उन्होंने कहा, "पिछले पांच वर्षों में उन्होंने क्या किया है. लोग अब और इन घोषणाओं को नहीं पचा सकते हैं."

उत्तर प्रदेश दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मिथिलेश गुप्ता से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि यह भाजपा द्वारा उठाया गया एक "सकारात्मक कदम" है.

उन्होंने कहा "कम से कम एक पार्टी है जो हमारे बारे में सोचती है. हम सरकार के लिए करों का उत्पादन करते हैं, और हमें लगता है कि अगर सरकार किसानों की परवाह करती है, तो उसे व्यापारियों के लिए भी ऐसा करना चाहिए."

कानपुर के एक व्यापारी जी डी रूपानी ने भी बोर्ड की स्थापना को व्यापारियों के हित में एक "अच्छा कदम" बताया.

चार्टर्ड अकाउंटेंट ओम प्रकाश मिश्रा ने कहा कि निकाय व्यापारियों और सरकार के बीच एक "चैनल" की तरह काम करेगा. उन्होंने कहा कि व्यापारियों की शिकायतों के निवारण में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
ये भी पढ़ें : जेटली ने निवेशकों के साथ भारत के आर्थिक सुधारों पर की चर्चा, गरीबी कम करने पर होगा जोर

लखनऊ : भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि यदि वो सत्ता में वापस आते हैं, तो राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड की स्थापना की जाएगी, जिसे उत्तर प्रदेश में व्यापारी समुदाय से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, जबकि कांग्रेस ने इसे भाजपा का हनीट्रैप करार दिया.

8 अप्रैल को आम चुनाव के लिए घोषणापत्र-संकल्प पत्र, का अनावरण करते हुए, भाजपा ने कहा था कि वह राष्ट्रीय व्यापारियों के कल्याण बोर्ड की स्थापना करेगी और खुदरा व्यापार की वृद्धि के लिए खुदरा व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाएगी.

लखनऊ के टैक्स वकील एसोसिएशन के सचिव आशीष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है, क्योंकि व्यापारी लंबे समय से इस तरह के निकाय के गठन की मांग कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड, व्यापारियों को अपनी शिकायतों को उठाने के लिए एक मंच प्रदान करेगा.

त्रिपाठी ने कहा, प्रस्तावित बोर्ड, व्यापारियों के खिलाफ अत्याचार को रोकने में भी प्रभावी होगा.

हालांकि, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रबंधन समिति के सदस्य ललन कुमार ने इसे व्यापारियों के लिए "हनीट्रैप" करार दिया.

जीएसटी के लागू होने के दौरान व्यापारी भी फंस गए थे. व्यापारियों को इससे फिर से जीएसटी के ही भांति नुकसान उठाना पड़ेगा. देश के लोग परिपक्व हैं, और वे भाजपा के किसी भी जुमले (बयानबाजी) को स्वीकार नहीं करेंगे."

यूपी बीजेपी के मीडिया समन्वयक राकेश त्रिपाठी ने कहा कि व्यापारी बोर्ड सरकार और व्यापारियों के बीच सेतु का काम करेगा.

उन्होंने कहा, "बोर्ड एक मंच होगा जहां व्यापारी अपने मुद्दों पर चर्चा करेंगे. अभी तक उनके पास ऐसा कोई मंच उपलब्ध नहीं था."

समाजवादी पार्टी एमएलसी और प्रवक्ता राजपाल कश्यप ने कहा कि भाजपा "जुमला के बाद जुमला" की घोषणा कर रही है जबकि 2014 के चुनाव के दौरान किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं.

उन्होंने कहा, "पिछले पांच वर्षों में उन्होंने क्या किया है. लोग अब और इन घोषणाओं को नहीं पचा सकते हैं."

उत्तर प्रदेश दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मिथिलेश गुप्ता से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि यह भाजपा द्वारा उठाया गया एक "सकारात्मक कदम" है.

उन्होंने कहा "कम से कम एक पार्टी है जो हमारे बारे में सोचती है. हम सरकार के लिए करों का उत्पादन करते हैं, और हमें लगता है कि अगर सरकार किसानों की परवाह करती है, तो उसे व्यापारियों के लिए भी ऐसा करना चाहिए."

कानपुर के एक व्यापारी जी डी रूपानी ने भी बोर्ड की स्थापना को व्यापारियों के हित में एक "अच्छा कदम" बताया.

चार्टर्ड अकाउंटेंट ओम प्रकाश मिश्रा ने कहा कि निकाय व्यापारियों और सरकार के बीच एक "चैनल" की तरह काम करेगा. उन्होंने कहा कि व्यापारियों की शिकायतों के निवारण में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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लखनऊ : भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि यदि वो सत्ता में वापस आते हैं, तो राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड की स्थापना की जाएगी, जिसे उत्तर प्रदेश में व्यापारी समुदाय से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, जबकि कांग्रेस ने इसे भाजपा का हनीट्रैप करार दिया.

8 अप्रैल को आम चुनाव के लिए घोषणापत्र-संकल्प पत्र, का अनावरण करते हुए, भाजपा ने कहा था कि वह राष्ट्रीय व्यापारियों के कल्याण बोर्ड की स्थापना करेगी और खुदरा व्यापार की वृद्धि के लिए खुदरा व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाएगी.

लखनऊ के टैक्स वकील एसोसिएशन के सचिव आशीष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है, क्योंकि व्यापारी लंबे समय से इस तरह के निकाय के गठन की मांग कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड, व्यापारियों को अपनी शिकायतों को उठाने के लिए एक मंच प्रदान करेगा.

त्रिपाठी ने कहा, प्रस्तावित बोर्ड, व्यापारियों के खिलाफ अत्याचार को रोकने में भी प्रभावी होगा.

हालांकि, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रबंधन समिति के सदस्य ललन कुमार ने इसे व्यापारियों के लिए "हनीट्रैप" करार दिया.

जीएसटी के लागू होने के दौरान व्यापारी भी फंस गए थे. व्यापारियों को इससे फिर से जीएसटी के ही भांति नुकसान उठाना पड़ेगा. देश के लोग परिपक्व हैं, और वे भाजपा के किसी भी जुमले (बयानबाजी) को स्वीकार नहीं करेंगे."

यूपी बीजेपी के मीडिया समन्वयक राकेश त्रिपाठी ने कहा कि व्यापारी बोर्ड सरकार और व्यापारियों के बीच सेतु का काम करेगा.

उन्होंने कहा, "बोर्ड एक मंच होगा जहां व्यापारी अपने मुद्दों पर चर्चा करेंगे. अभी तक उनके पास ऐसा कोई मंच उपलब्ध नहीं था."

समाजवादी पार्टी एमएलसी और प्रवक्ता राजपाल कश्यप ने कहा कि भाजपा "जुमला के बाद जुमला" की घोषणा कर रही है जबकि 2014 के चुनाव के दौरान किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं.

उन्होंने कहा, "पिछले पांच वर्षों में उन्होंने क्या किया है. लोग अब और इन घोषणाओं को नहीं पचा सकते हैं."

उत्तर प्रदेश दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मिथिलेश गुप्ता से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि यह भाजपा द्वारा उठाया गया एक "सकारात्मक कदम" है.

उन्होंने कहा "कम से कम एक पार्टी है जो हमारे बारे में सोचती है. हम सरकार के लिए करों का उत्पादन करते हैं, और हमें लगता है कि अगर सरकार किसानों की परवाह करती है, तो उसे व्यापारियों के लिए भी ऐसा करना चाहिए."

कानपुर के एक व्यापारी जी डी रूपानी ने भी बोर्ड की स्थापना को व्यापारियों के हित में एक "अच्छा कदम" बताया.

चार्टर्ड अकाउंटेंट ओम प्रकाश मिश्रा ने कहा कि निकाय व्यापारियों और सरकार के बीच एक "चैनल" की तरह काम करेगा. उन्होंने कहा कि व्यापारियों की शिकायतों के निवारण में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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