नई दिल्ली : अमेरिका की इलेक्ट्रिक कार क्षेत्र की प्रमुख कंपनी टेस्ला अगले साल भारत में अपना परिचालन शुरू करेगी. कंपनी भारत में मांग के आधार पर विनिर्माण इकाई लगाने की संभावना तलाशेगी. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को यह जानकारी दी.
भारत के भारी-भरकम आठ लाख करोड़ रुपये के कच्चे तेल के आयात को कम करने के लिए गडकरी हरित ईंधन और इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर दे रहे हैं. टेस्ला इंक के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क ने अक्टूबर में घोषणा की थी कि कंपनी 2021 में भारतीय बाजार में उतरेगी.
गडकरी ने कहा, "अमेरिका की वाहन क्षेत्र की दिग्ग्ज कंपनी टेस्ला अगले साल से भारत में अपनी कारों के लिए वितरण केंद्र खोलेगी. मांग के आधार पर कंपनी यहां अपना विनिर्माण कारखाना लगाने पर भी विचार करेगी. भारत में अगले पांच साल में दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादक बनने की क्षमता है."
मंत्री ने कहा कि भारत ने 2030 तक कॉर्बन उत्सर्जन में 30 से 35 प्रतिशत की कटौती की प्रतिबद्धता जताई है. साथ ही भारत अपने आठ लाख करोड़ रुपये के कच्चे तेल के आयात को कम करने का प्रयास कर रहा है. ऐसे में हम हरित ईंधन और बिजली के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान दे रहे हैं.
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गडकरी ने कहा कि भारत बिजली अधिशेष वाला देश है और यहां ई-मोबिलिटी समाधान के लाभ की संभावनाएं व्यापक हैं.
गडकरी ने कहा, "केंद्र का 2030 में निजी कारों में इलेक्ट्रिक वाहनों का हिस्सा 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य है. इसके अलावा वाणिज्यिक कारों में इसे 70 प्रतिशत, बसों में 40 प्रतिशत और दोपहिया और तिपहिया में 80 प्रतिशत करने का लक्ष्य है. इसके लिए सरकार विभिन्न प्रोत्साहन देगी."
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन के लिए सरकार की योजना देशभर में सभी 69,000 पेट्रोल पंपों पर कम से कम एक ई-चार्जिंग कियोस्क लगाने की है.