नई दिल्ली: उद्योग संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने कहा कि चालू सत्र में चीनी मिलों द्वारा जल्द काम शुरु किये जाने की वजह से अक्टूबर-नवंबर के दौरान भारत का चीनी उत्पादन करीब दोगुना बढ़कर 42.9 लाख टन हो गया.
चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक का होता है.
आंकड़ों के अनुसार, देश का चीनी उत्पादन, विपणन वर्ष 2020-21 की अक्टूबर-नवंबर अवधि के दौरान 42.9 लाख टन रहा, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 20.72 लाख टन का चीनी उत्पादन हुआ था.
एसोसिएशन ने कहा कि चालू सत्र में जल्दी गन्ना पेराई का काम शुरू किये जाने के कारण उत्पादन बढ़ा है.
आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन पहले के 11.46 लाख टन से बढ़कर 12.65 लाख टन हो गया.
महाराष्ट्र में, चीनी उत्पादन 15.72 लाख टन रहा, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 1.38 लाख टन था.
महाराष्ट्र में पेराई कार्य जल्दी शुरू किय जाने और चालू सत्र में गन्ने की अधिक उपलब्धता के कारण चीनी का अधिक उत्पादन हुआ.
कर्नाटक में चीनी का उत्पादन 5.62 लाख टन से बढ़कर 11.11 लाख टन हो गया.
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दो प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य, महाराष्ट्र और कर्नाटक में, पिछले कुछ महीनों से चीनी मिलों में कीमतें (एक्स-मील कीमत) लगभग 3,200-3,250 रुपये प्रति क्विंटल के बीच थीं, जिसमें लगभग 50-100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है.
इसी तरह, दक्षिणी राज्यों में भी, चीनी की एक्स-मिल कीमतों में गिरावट आई है.
इस्मा ने कहा, "इससे घरेलू बाजार में दबाव के संकेत मिलते हैं, जो चालू सत्र में पिछले साल के बचे भारी स्टॉक, उत्पादन में अपेक्षित बढ़ोतरी, सरकार द्वारा निर्यात कार्यक्रम की देर से की गई घोषणा और अभी तक चीनी के एमएसपी (न्यूनतम विक्रय मूल्य) में वृद्धि के बारे में कोई निर्णय नहीं होने की वजह से है."
(पीटीआई-भाषा)