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घर खरीदारों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, वित्तीय ऋणदाता का दर्जा रहेगा बरकरार

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Published : Aug 9, 2019, 2:28 PM IST

न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन की अगुवाई वाली पीठ ने विभिन्न बिल्डरों की 180 से अधिक याचिकाओं के बैच का निपटारा करते हुए कहा कि केवल वास्तविक घर खरीदार ही बिल्डर के खिलाफ दिवाला कार्यवाही का अनुरोध कर सकते हैं.

घर खरीदारों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, वित्तीय ऋणदाता का दर्जा रहेगा बरकरार

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधनों को शुक्रवार को बरकरार रखा. ये संशोधन घर खरीदारों को वित्तीय ऋणदाता का दर्जा देते हैं.

न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन की अगुवाई वाली पीठ ने विभिन्न बिल्डरों की 180 से अधिक याचिकाओं के बैच का निपटारा करते हुए कहा कि रेरा कानून को आईबीसी में संशोधन के साथ सामंजस्य में पढ़ा जाए.

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विवाद की स्थिति में आईबीसी मान्य होगा. पीठ ने कहा कि केवल वास्तविक घर खरीदार ही बिल्डर के खिलाफ दिवाला कार्यवाही का अनुरोध कर सकते हैं. पीठ ने केंद्र से कहा कि वह सुधारात्मक कदम उठाते हुए शपथपत्र दायर करे.

बिल्डरों ने याचिका दायर करके तर्क दिया था कि घर खरीदारों की दिक्कतों के समाधान रेरा कानून के तहत उपलब्ध हैं. ऐसे में आईबीसी में संशोधन इसका केवल दोहराव हैं.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधनों को शुक्रवार को बरकरार रखा. ये संशोधन घर खरीदारों को वित्तीय ऋणदाता का दर्जा देते हैं.

न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन की अगुवाई वाली पीठ ने विभिन्न बिल्डरों की 180 से अधिक याचिकाओं के बैच का निपटारा करते हुए कहा कि रेरा कानून को आईबीसी में संशोधन के साथ सामंजस्य में पढ़ा जाए.

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विवाद की स्थिति में आईबीसी मान्य होगा. पीठ ने कहा कि केवल वास्तविक घर खरीदार ही बिल्डर के खिलाफ दिवाला कार्यवाही का अनुरोध कर सकते हैं. पीठ ने केंद्र से कहा कि वह सुधारात्मक कदम उठाते हुए शपथपत्र दायर करे.

बिल्डरों ने याचिका दायर करके तर्क दिया था कि घर खरीदारों की दिक्कतों के समाधान रेरा कानून के तहत उपलब्ध हैं. ऐसे में आईबीसी में संशोधन इसका केवल दोहराव हैं.

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घर खरीदारों को वित्तीय ऋणदाता का दर्जा रहेगा बरकरार: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधनों को शुक्रवार को बरकरार रखा. ये संशोधन घर खरीदारों को वित्तीय ऋणदाता का दर्जा देते हैं. 

न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन की अगुवाई वाली पीठ ने विभिन्न बिल्डरों की 180 से अधिक याचिकाओं के बैच का निपटारा करते हुए कहा कि रेरा कानून को आईबीसी में संशोधन के साथ सामंजस्य में पढ़ा जाए. 

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विवाद की स्थिति में आईबीसी मान्य होगा. पीठ ने कहा कि केवल वास्तविक घर खरीदार ही बिल्डर के खिलाफ दिवाला कार्यवाही का अनुरोध कर सकते हैं. पीठ ने केंद्र से कहा कि वह सुधारात्मक कदम उठाते हुए शपथपत्र दायर करे. 

बिल्डरों ने याचिका दायर करके तर्क दिया था कि घर खरीदारों की दिक्कतों के समाधान रेरा कानून के तहत उपलब्ध हैं. ऐसे में आईबीसी में संशोधन इसका केवल दोहराव हैं.


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